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केंद्र के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी का हल्ला बोल, सरकार के सामने रखी कई मांगें

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Published : Jun 16, 2020, 7:57 PM IST

राजधानी शिमला में मंगलवार को कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार के सामने पांच मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की गई. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन को तेज करने की बात कही गई.

Communist Party's slogans against the central government in Shimla
कम्युनिस्ट पार्टी का हल्ला बोल

शिमला : मंगलवार को कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर शिमला में केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. माकपा ने मजदूरों की समस्या के समाधान की मांग भी केंद्र सरकार से की है.

माकपा के राज्य सचिवमण्डल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि कोविड-19 के कारण बेरोजगारी पैदा हुई. मजदूर, किसान, छोटा कारोबारी और अन्य वर्गों के सामने रोजी -रोटी का संकट गहराया हुआ है. सरकार इन वर्गों को राहत देने का काम करे. उन्होंने कहा मोदी सरकार कोरोना संकट से निपटने में असफल रही. आज 15 करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार छिन गया .सरकार कोई भी राहत प्रदान नहीं कर रही है.

वीडियो

संजय चौहान ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों को लाभ देने का केंद्र सरकार कर रही हैं. सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण कर इसे बेचने का कार्य किया जा रहा. देश में श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूर विरोधी निर्णय लिये जा रहे हैं. इससे मजदूरों का शोषण और अधिक बढ़ेगा. आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त कर बड़े कॉरपोरेट घरानों को जमाखोरी और मुनाफाखोरी की खुली छूट दी जा रही है, इससे शोषण को बढ़ावा मिलेगा.

इन जगहों पर हुआ धरना

जानकारी के मुताबिक कम्युनिस्ट पार्टी ने शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, चम्बा, बिलासपुर, सोलन,किन्नौर जिलों में प्रदर्शन किया. इस दौरान डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपे गया. ज्ञापन में कहा गया कि यदि सरकार मांगों पर तुरंत अमल नहीं करती तो पार्टी आने वाले समय में जनता को लामबंद करके आंदोलन तेज करेगी.

यह पांच मांगें प्रमुख
1. आयकर की सीमा से बाहर के सभी परिवारों को छह महीने की अवधि तक 7,500 रुपये प्रति महीना दिया जाए.
2. छह महीने तक प्रतिमाह 10 किलो प्रति व्यक्ति को खाद्यान्न मुफ्त दिया जाए.
3. बढ़ी हुई मजदूरी के साथ, मनरेगा में 200 दिन का रोजगार दिया जाए.
4. किसानों को दिए गए 3 लाख तक के केसीसी ऋणों को माफ किया जाए.

शिमला : मंगलवार को कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर शिमला में केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. माकपा ने मजदूरों की समस्या के समाधान की मांग भी केंद्र सरकार से की है.

माकपा के राज्य सचिवमण्डल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि कोविड-19 के कारण बेरोजगारी पैदा हुई. मजदूर, किसान, छोटा कारोबारी और अन्य वर्गों के सामने रोजी -रोटी का संकट गहराया हुआ है. सरकार इन वर्गों को राहत देने का काम करे. उन्होंने कहा मोदी सरकार कोरोना संकट से निपटने में असफल रही. आज 15 करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार छिन गया .सरकार कोई भी राहत प्रदान नहीं कर रही है.

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संजय चौहान ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों को लाभ देने का केंद्र सरकार कर रही हैं. सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण कर इसे बेचने का कार्य किया जा रहा. देश में श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूर विरोधी निर्णय लिये जा रहे हैं. इससे मजदूरों का शोषण और अधिक बढ़ेगा. आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त कर बड़े कॉरपोरेट घरानों को जमाखोरी और मुनाफाखोरी की खुली छूट दी जा रही है, इससे शोषण को बढ़ावा मिलेगा.

इन जगहों पर हुआ धरना

जानकारी के मुताबिक कम्युनिस्ट पार्टी ने शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, चम्बा, बिलासपुर, सोलन,किन्नौर जिलों में प्रदर्शन किया. इस दौरान डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपे गया. ज्ञापन में कहा गया कि यदि सरकार मांगों पर तुरंत अमल नहीं करती तो पार्टी आने वाले समय में जनता को लामबंद करके आंदोलन तेज करेगी.

यह पांच मांगें प्रमुख
1. आयकर की सीमा से बाहर के सभी परिवारों को छह महीने की अवधि तक 7,500 रुपये प्रति महीना दिया जाए.
2. छह महीने तक प्रतिमाह 10 किलो प्रति व्यक्ति को खाद्यान्न मुफ्त दिया जाए.
3. बढ़ी हुई मजदूरी के साथ, मनरेगा में 200 दिन का रोजगार दिया जाए.
4. किसानों को दिए गए 3 लाख तक के केसीसी ऋणों को माफ किया जाए.

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