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Shimla News: शिमला में पेड़ काटने और कंस्ट्रक्शन पर रोक, डंपिंग साइट की मंजूरी के लिए केंद्र को लिखा पत्र

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 1, 2023, 11:22 AM IST

शिमला में देवदार के पेड़ों के कटान और शहर में भवनों के निर्माण पर सुखविंदर सरकार ने रोक लगा दी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सर्वे करने के बाद ही शहर में पेड़ों को काटा जाएगा. इसके अलावा शिमला शहर में डंपिंग साइट के लिए भी केंद्र की मंजूरी के लिए लेटर भेजा गया है. (Dumping Site in Shimla) (Ban on construction in Shimla) (Felling Trees in Shimla)

CM Sukhvinder Singh Sukhu
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में पेड़ों के कटान पर लगाई रोक
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री

शिमला: राजधानी शिमला में इस बार बारिश के कारण लैंडस्लाइड व पेड़ गिरने से भारी नुकसान हुआ है. शिमला में असुरक्षित देवदार के पेड़ काटने का फैसला लिया गया था, लेकिन अब उन्हें मंजूरी के बाद ही काटा जाएगा. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा के बाद शिमला शहर की स्थितियों को लेकर चर्चा की. बैठक में तय किया गया कि शिमला शहर में फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाएगी. इसके अलावा खुदाई करने पर भी रोक लगेगी. शिमला में पेड़ काटने पर भी रोक लगाई गई है.

डंपिंग साइट के लिए केंद्र को भेजा पत्र: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला में निर्माण कार्य से निकलने वाले मलबे को ठिकाने लगाने के लिए कोई डंपिंग साइट नहीं है. इसके लिए केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी ली जाएगी. सीएम ने कहा कि अब प्रदेश में मौसम साफ हो गया है, लेकिन लैंडस्लाइड का खतरा टला नहीं है. हाल ही में कुल्लू में लैंडस्लाइड हुआ है. बरसात के बाद मिट्टी अपना स्थान बनाती है और ऐसे में लैंडस्लाइड का खतरा बना रहता है. सीएम ने कहा कि बरसात ने प्रदेश में सड़क ढांचे को भारी क्षति पहुंचाई है. इस समय सरकार का फोकस किसानों और बागवानों की उपज को मंडियों तक पहुंचाने पर है.

भवन निर्माण और पेड़ कटान पर लगी रोक: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला शहर में भवन निर्माण के कार्य पर रोक लगाई गई है. पेड़ काटने का काम भी कुछ समय के लिए रोका गया है. जो पेड़ खतरा बने हुए हैं, उन्हें सर्वे के बाद काटा जाएगा. शहर में निर्माण कार्य की रूपरेखा कैसी हो, इस पर भी बैठक में चर्चा की गई है. राजधानी में बीते कई दशकों से मकान निर्माण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई है. अब सरकार इसमें जरूरी बदलाव करेगी. सीएम ने कहा कि आपदा में जिन लोगों की जमीन, बागीचे व खेत सहित मकान बर्बाद हो गए हैं, उन्हें उचित सहायता दी जाएगी. प्रदेश सरकार केंद्र की तरह से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने का इंतजार कर रही है. सीएम ने केंद्र से विशेष पैकेज देने के लिए भी आग्रह किया है.

ये भी पढे़ं: Plantation in Shimla: आपदा की चपेट में आए देवदार के 1 हजार पेड़, भरपाई में जुटा नगर निगम शिमला, शहर में लगाए जाएंगे 5 हजार पौधे

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री

शिमला: राजधानी शिमला में इस बार बारिश के कारण लैंडस्लाइड व पेड़ गिरने से भारी नुकसान हुआ है. शिमला में असुरक्षित देवदार के पेड़ काटने का फैसला लिया गया था, लेकिन अब उन्हें मंजूरी के बाद ही काटा जाएगा. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा के बाद शिमला शहर की स्थितियों को लेकर चर्चा की. बैठक में तय किया गया कि शिमला शहर में फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाएगी. इसके अलावा खुदाई करने पर भी रोक लगेगी. शिमला में पेड़ काटने पर भी रोक लगाई गई है.

डंपिंग साइट के लिए केंद्र को भेजा पत्र: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला में निर्माण कार्य से निकलने वाले मलबे को ठिकाने लगाने के लिए कोई डंपिंग साइट नहीं है. इसके लिए केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी ली जाएगी. सीएम ने कहा कि अब प्रदेश में मौसम साफ हो गया है, लेकिन लैंडस्लाइड का खतरा टला नहीं है. हाल ही में कुल्लू में लैंडस्लाइड हुआ है. बरसात के बाद मिट्टी अपना स्थान बनाती है और ऐसे में लैंडस्लाइड का खतरा बना रहता है. सीएम ने कहा कि बरसात ने प्रदेश में सड़क ढांचे को भारी क्षति पहुंचाई है. इस समय सरकार का फोकस किसानों और बागवानों की उपज को मंडियों तक पहुंचाने पर है.

भवन निर्माण और पेड़ कटान पर लगी रोक: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला शहर में भवन निर्माण के कार्य पर रोक लगाई गई है. पेड़ काटने का काम भी कुछ समय के लिए रोका गया है. जो पेड़ खतरा बने हुए हैं, उन्हें सर्वे के बाद काटा जाएगा. शहर में निर्माण कार्य की रूपरेखा कैसी हो, इस पर भी बैठक में चर्चा की गई है. राजधानी में बीते कई दशकों से मकान निर्माण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई है. अब सरकार इसमें जरूरी बदलाव करेगी. सीएम ने कहा कि आपदा में जिन लोगों की जमीन, बागीचे व खेत सहित मकान बर्बाद हो गए हैं, उन्हें उचित सहायता दी जाएगी. प्रदेश सरकार केंद्र की तरह से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने का इंतजार कर रही है. सीएम ने केंद्र से विशेष पैकेज देने के लिए भी आग्रह किया है.

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