शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार दूध उत्पादन को लेकर लीक से हटकर काम करना चाहती है. खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस दिशा में निजी रूप से रुचि ले रहे हैं. हिमाचल में कांग्रेस ने चुनाव में दस गारंटियों में से दूध खरीद को लेकर भी वादा किया था. राज्य सरकार गाय व भैंस का दूध अस्सी से सौ रुपए प्रति लीटर खरीदना चाहती है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पशुपालन विभाग, कृषि विभाग व संबंधित एजेंसियों को इस बारे में प्लान तैयार करने को कहा है. अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला से भेंट की.
इस दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रुपाला को बताया कि हिमाचल में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को नेशनल डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) के तहत मजबूत किया जाएगा. हिमाचल को देश का एक महत्वपूर्ण दूध उत्पादक राज्य बनाया जाएगा. सीएम ने केंद्रीय मंत्री से हिमाचल के लिए अभिशीतन यानी चिलिंग, परिवहन और डेयरी उत्पादों से संबंधित एक समग्र डेयरी परियोजना मंजूर करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में पशुपालकों से दूध खरीदने के बाद कल्स्टर लेवल पर चिलिंग पॉइंट स्थापित किए जाएंगे. इन चिलिंग पॉइंट्स से रेफ्रीजिरेटर सुविधा वाले वाहनों में दूध को जिला स्तर पर स्थापित मेन प्लांट तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि दूध से अत्याधुनिक तकनीक से विभिन्न उत्पाद तैयार करने पर राज्य सरकार जोर देगी. इससे किसानों को दूध का उचित मूल्य मिल सकेगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को सहकारी क्षेत्र के प्रबंधन कौशल की बारीकियां सीखने के लिए गुजरात भ्रमण पर भेजा जाएगा. मीटिंग में केंद्रीय मंत्री ने सीएम को भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस संदर्भ में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर)मिलने पर केंद्र सरकार प्रोजेक्ट के लिए धनराशि देगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल प्रदान करने में पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यदि परियोजना मंजूर होती है तो हिमाचल में ग्रामीण विकास तेजी से संभव होगा और ग्रामीणों की आर्थिकी भी सुधरेगी.
इसके अलावा सीएम सुखविंदर सिंह ने केंद्रीय के समक्ष पशुधन बीमा योजना के तहत राज्य को लगभग 15 करोड़ रुपये की लंबित राशि जारी करने का मामला भी उठाया. मीटिंग के दौरान राज्य सरकार के सीपीएस संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी कुलदीप बांशटू, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला के निजी सचिव राम सिंह भी उपस्थित थे.