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हिमाचल में टैक्स चोरी पर लगेगी रोक, करदाताओं के डाटा एनालिसिस के लिए होगा AI का इस्तेमाल: CM सुक्खू

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Published : May 22, 2023, 8:01 PM IST

हिमाचल प्रदेश में अब राज्य कर एवं आबकारी विभाग करदाताओं के डाटा को एनालाइज करने के लिए AI का इस्तेमाल करेगा. जिससे प्रदेश के राजस्व में तो वृद्धि होगी ही साथ में टैक्स चोरी करने वालों की भी तुरंत पहचान होगी. AI के इस्तेमाल से प्रदेश के वार्षिक राजस्व में 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी.

Excise Department will use AI for data analysis of taxpayers in Himachal.
हिमाचल में करदाताओं के डाटा एनालिसिस के लिए होगा AI का इस्तेमाल.

शिमला: करदाताओं के डाटा के विश्लेषण करने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करेगा. जिससे कर चोरी करने वालों को पकड़ा जा सकेगा. इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश का राजस्व बढ़ाने के लिए और इसकी क्षमता को सशक्त करने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग, ऑडिट प्रवर्तन के लिए आधुनिक तकनीकों के साथ अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का भी इस्तेमाल करेगा. इसके लिए प्रदेश सरकार एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू करने जा रही है. इसको कैबिनेट ने भी अनुमति प्रदान कर दी है.

AI की मदद से बढ़ेगा राज्य का राजस्व: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा ऑडिट प्रवर्तन की आधुनिक तकनीक को अपनाने से सटीक डेटा तैयार करने में मददगार होगा. वहीं, टैक्स चोरी का पता लगाने के साथ इसके रोकने में AI से मदद मिलेगी. उन्होंने कहा इस महत्वाकांक्षी पहल को कार्यान्वित करने का मकसद जीएसटी से जुड़े राजस्व नुकसान को कम करना है. इस परियोजना के कारण हिमाचल प्रदेश के सालाना राजस्व में 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी.

GST बकाएदारों का असल डेटा देगा AI: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि सीमित श्रम शक्ति के चलते टैक्स नुकसान की पहचान करने के लिए करदाताओं के आंकड़ों को उसी समय तुरंत एनालिसिस करने की भी चुनौती विभाग के सामने बनी रहती है. AI प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से इस चुनौती से निपटने की योजना तैयार की गई है. इससे टैक्स चोरी के मामलों की जल्द पहचान करने और राज्य के जीएसटी राजस्व को बढ़ाने के लिए सटीक जानकारी उपलब्ध होगी. AI के जरिए जीएसटी बकाएदारों का असली डेटा भी उपलब्ध रहेगा. जिससे निरीक्षण करना और जल्द निर्णय लेने की प्रक्रिया भी आसान होगी. इसके अलावा इस परियोजना के माध्यम से समय-समय पर रेवेन्यू कलेक्शन पैटर्न का विश्लेषण करने और प्रोत्साहन नीतियों पर निर्णय लेने में राज्य सरकार को मदद मिलेगी. साथ ही, स्वैच्छिक टैक्स अनुपालन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

टैक्स चोरी को पकड़ने में मददगार होगा AI: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि ये परियोजना विभागीय अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ प्रदेश के राजस्व में वृद्धि करेगी और इसके लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में भी सक्षम होगी. उन्होंने कहा कि AI प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन से विभाग को मौजूदा चुनौतियों से और अधिक कुशलता से निपटने में मदद मिलेगी. AI को अपनाने और उन्नत डेटा विश्लेषण तकनीकों को शामिल करके, राज्य कर एवं आबकारी विभाग, राजस्व संग्रह बढ़ाने, टैक्स चोरी से निपटने और जल्द निर्णय लेने की प्रक्रिया को कारगर बनाने में और अधिक समर्थ होगा.

सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाएगा AI: आधुनिक तकनीकों को नियोजित करके राज्य सरकार के इस तरह के प्रयास सरकारी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकों के नियोजन और विशेषज्ञों की तैनाती से टैक्स चोरी के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है, ताकि प्रदेश के राजस्व को बढ़ावा दिया जा सके. सरकार प्रशासन में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए सरकारी विभागों के कामकाज में आधुनिक तकनीकों को शामिल करने पर विशेष बल दे रही है.

ये भी पढ़ें: Shimla: सुखविंदर सुक्खू ने की ‘माई सीएम-माई प्राइड’ पहल की शुरुआत

शिमला: करदाताओं के डाटा के विश्लेषण करने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करेगा. जिससे कर चोरी करने वालों को पकड़ा जा सकेगा. इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश का राजस्व बढ़ाने के लिए और इसकी क्षमता को सशक्त करने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग, ऑडिट प्रवर्तन के लिए आधुनिक तकनीकों के साथ अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का भी इस्तेमाल करेगा. इसके लिए प्रदेश सरकार एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू करने जा रही है. इसको कैबिनेट ने भी अनुमति प्रदान कर दी है.

AI की मदद से बढ़ेगा राज्य का राजस्व: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा ऑडिट प्रवर्तन की आधुनिक तकनीक को अपनाने से सटीक डेटा तैयार करने में मददगार होगा. वहीं, टैक्स चोरी का पता लगाने के साथ इसके रोकने में AI से मदद मिलेगी. उन्होंने कहा इस महत्वाकांक्षी पहल को कार्यान्वित करने का मकसद जीएसटी से जुड़े राजस्व नुकसान को कम करना है. इस परियोजना के कारण हिमाचल प्रदेश के सालाना राजस्व में 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी.

GST बकाएदारों का असल डेटा देगा AI: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि सीमित श्रम शक्ति के चलते टैक्स नुकसान की पहचान करने के लिए करदाताओं के आंकड़ों को उसी समय तुरंत एनालिसिस करने की भी चुनौती विभाग के सामने बनी रहती है. AI प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से इस चुनौती से निपटने की योजना तैयार की गई है. इससे टैक्स चोरी के मामलों की जल्द पहचान करने और राज्य के जीएसटी राजस्व को बढ़ाने के लिए सटीक जानकारी उपलब्ध होगी. AI के जरिए जीएसटी बकाएदारों का असली डेटा भी उपलब्ध रहेगा. जिससे निरीक्षण करना और जल्द निर्णय लेने की प्रक्रिया भी आसान होगी. इसके अलावा इस परियोजना के माध्यम से समय-समय पर रेवेन्यू कलेक्शन पैटर्न का विश्लेषण करने और प्रोत्साहन नीतियों पर निर्णय लेने में राज्य सरकार को मदद मिलेगी. साथ ही, स्वैच्छिक टैक्स अनुपालन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

टैक्स चोरी को पकड़ने में मददगार होगा AI: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि ये परियोजना विभागीय अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ प्रदेश के राजस्व में वृद्धि करेगी और इसके लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में भी सक्षम होगी. उन्होंने कहा कि AI प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन से विभाग को मौजूदा चुनौतियों से और अधिक कुशलता से निपटने में मदद मिलेगी. AI को अपनाने और उन्नत डेटा विश्लेषण तकनीकों को शामिल करके, राज्य कर एवं आबकारी विभाग, राजस्व संग्रह बढ़ाने, टैक्स चोरी से निपटने और जल्द निर्णय लेने की प्रक्रिया को कारगर बनाने में और अधिक समर्थ होगा.

सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाएगा AI: आधुनिक तकनीकों को नियोजित करके राज्य सरकार के इस तरह के प्रयास सरकारी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकों के नियोजन और विशेषज्ञों की तैनाती से टैक्स चोरी के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है, ताकि प्रदेश के राजस्व को बढ़ावा दिया जा सके. सरकार प्रशासन में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए सरकारी विभागों के कामकाज में आधुनिक तकनीकों को शामिल करने पर विशेष बल दे रही है.

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