शिमला: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जलविद्युत परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग उठाई है. सीएम सुखविंदर सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह से कहा कि हिमाचल की हिस्सेदारी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी किया जाए. दिल्ली दौरे पर गए सीएम सुखविंदर सिंह ने बुधवार देर रात केंद्रीय विद्युत व नवीन तथा नवीकरण उर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात के दौरान ये मांग उठाई. सीएम ने केंद्रीय मंत्री से 25 वर्ष पहले शुरू की गई उन जलविद्युत परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने का आग्रह किया, जिनकी लोन अदायगी पूरी कर ली गई है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि अभी हिमाचल प्रदेश में लगभग 12000 मेगावाट जलविद्युत क्षमता का दोहन किया जाना बाकी है. सीएम ने कहा कि हिमाचल के लिए विद्युत परियोजनाएं राजस्व का बड़ा स्रोत है. इससे रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए उद्यमियों को बेहतर माहौल दिया जा रहा है. राज्य सरकार ने निवेशकों के लिए नियमों को सरल बनाया गया है. कई मामलों में संबंधित जिलों के डीसी को उद्योग संबंधी जरूरी अनुमतियां जारी करने का आदेश है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विशेष रूप से ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्र में समयबद्ध ढंग से सभी आवश्यक अनुमतियां प्रदान करेगी. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा परियोजनाओं से विभिन्न स्तरों पर समझौता करने पर विचार कर रही है. पहले स्तर पर लोन अदायगी की अवधि तक के लिए और फिर जलविद्युत परियोजना के हिस्से पर लोन अदायगी पूरी होने से जुड़ा समझौता होगा. केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह ने सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की तरफ से चलाई जा रही लुहरी विद्युत परियोजना का मामला भी उठाया.
सीएम ने कहा कि परियोजना की व्यावहारिकता को देखते हुए राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाई जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हिस्सेदारी एवं बकाया भुगतान के संबंध में राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय दिया है. उन्होंने कहा कि बीबीएमबी को बकाया राशि का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए जाने चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शानन परियोजना की लीज अवधि पूरी हो चुकी है. इस परियोजना के आगामी निष्पादन के लिए राज्य सरकार इसे अधिग्रहित करेगी. केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने लेह की तर्ज पर राज्य स्पीति क्षेत्र में हरित ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का भरोसा दिया. सीएम ने इस दौरान हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की मुहिम का भी ब्यौरा दिया. सीएम ने कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं.
स्टेशन स्थापित करने के लिए राज्य सरकार भूमि एवं बिजली उपलब्ध करवाएगी. हरित ऊर्जा ले जाने के लिए ट्रांसमिशन लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का एकमात्र ऊर्जा सरप्लस राज्य है और प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री के साथ मीटिंग में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया भी मौजूद थे.