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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अनियमितता पर बोले CM सुक्खू, जहां अनियमितता हुई विधायक बताएं, सरकार करेगी जांच

शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अनियमितता के आरोप पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार पूरी पारदर्शिता से काम कर रही है. अगर विधायक अनियमितताओं को लेकर लिखकर शिकायत देंगे तो सरकार उनकी निश्चित तौर पर जांच करवाएगी. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal assembly session) (cm sukhvinder sukhu).

Himachal assembly session
हिमाचल विधानसभा में सीएम सुक्खू.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 4:05 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा में शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी के हुए कार्यों का मामला उठा. धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने दोनों शहरों में बने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और सरकार से मांग की इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की जानी चाहिए. सुधीर शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार के दौरान आया था. इसके बाद भाजपा सरकार के समय इसका निर्माण हुआ, लेकिन इसके कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.

विधायक सुधीर शर्मा ने सरकार से मांग की कि इसकी गुणवत्ता की जांच के लिए कमेटी बनाई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए. शिमला के विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि शिमला शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों का मलबा हर कहीं डंप किया गया है. इसका मलबा डंपिंग साइट में डंप नहीं किया गया, बल्कि इनको नालों में फेंक दिया गया. इससे शिमला ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है और यह आपदा के भी एक बड़ा कारण बना है. उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का निर्माण धीमी रफ्तार से रहा है. यही नहीं कुछ प्रोजेक्टों को रद्द किया गया और उनका पैसा कहां लगाया गया इसको कोई पता नहीं है.

विधायक राजेश धर्माणी ने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि टेक्निकल कार्यों को नॉन टेक्निकल अधिकारियों द्वारा मंजूरी दी जा रही है. इसका नतीजा यह है कि जो इन कार्यों को कई गुणा ज्यादा कीमत पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर जिस खुदाई के रेट 250 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर की है उसी कार्य को धर्मशाला में 6050 क्यूबिक मीटर के रेट से किया गया है.

ये भी पढ़ें- Himachal Cannabis Cultivation Report: विधानसभा सदन में भांग की खेती को वैध बनाने की रिपोर्ट पेश, कमेटी ने की सिफारिश

इसके जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजधानी शिमला स्टील सिटी बन गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर कार्य कराए गए. उन्होंने कहा कि इस बार की बरसात में स्लाटर हाउस ध्वस्त हुआ, इनका उन्होंने निरीक्षण किया तो बहुत दुख हुआ. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार पूरी पारदर्शिता से काम कर रही है. अगर विधायक अनियमितताओं को लेकर लिखकर शिकायत देंगे तो सरकार उनकी निश्चित तौर पर जांच करवाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला को स्टील का स्ट्रक्चर नहीं बनने देंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला शहर में स्टील वाले स्टक्ट्रर खड़ा करने पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि जो निर्माणाधीन प्रोजेक्ट मानकों पर काम कर रहे है, उन्हें पूरा किया जाएगा. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2024 में खत्म होगा.

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में होगी तितलियों की प्रजाति की गिनती

शिमला: हिमाचल विधानसभा में शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी के हुए कार्यों का मामला उठा. धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने दोनों शहरों में बने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और सरकार से मांग की इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की जानी चाहिए. सुधीर शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार के दौरान आया था. इसके बाद भाजपा सरकार के समय इसका निर्माण हुआ, लेकिन इसके कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.

विधायक सुधीर शर्मा ने सरकार से मांग की कि इसकी गुणवत्ता की जांच के लिए कमेटी बनाई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए. शिमला के विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि शिमला शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों का मलबा हर कहीं डंप किया गया है. इसका मलबा डंपिंग साइट में डंप नहीं किया गया, बल्कि इनको नालों में फेंक दिया गया. इससे शिमला ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है और यह आपदा के भी एक बड़ा कारण बना है. उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का निर्माण धीमी रफ्तार से रहा है. यही नहीं कुछ प्रोजेक्टों को रद्द किया गया और उनका पैसा कहां लगाया गया इसको कोई पता नहीं है.

विधायक राजेश धर्माणी ने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि टेक्निकल कार्यों को नॉन टेक्निकल अधिकारियों द्वारा मंजूरी दी जा रही है. इसका नतीजा यह है कि जो इन कार्यों को कई गुणा ज्यादा कीमत पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर जिस खुदाई के रेट 250 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर की है उसी कार्य को धर्मशाला में 6050 क्यूबिक मीटर के रेट से किया गया है.

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इसके जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजधानी शिमला स्टील सिटी बन गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर कार्य कराए गए. उन्होंने कहा कि इस बार की बरसात में स्लाटर हाउस ध्वस्त हुआ, इनका उन्होंने निरीक्षण किया तो बहुत दुख हुआ. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार पूरी पारदर्शिता से काम कर रही है. अगर विधायक अनियमितताओं को लेकर लिखकर शिकायत देंगे तो सरकार उनकी निश्चित तौर पर जांच करवाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला को स्टील का स्ट्रक्चर नहीं बनने देंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला शहर में स्टील वाले स्टक्ट्रर खड़ा करने पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि जो निर्माणाधीन प्रोजेक्ट मानकों पर काम कर रहे है, उन्हें पूरा किया जाएगा. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2024 में खत्म होगा.

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