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कोरोना पर बहस के लिए तैयार नहीं था विपक्ष, सिर्फ शोर मचा कर खबरें बटोरने की थी मंशा: जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मानसून सूत्र के पहले दिन की कार्यवाही के बाद विपक्ष को आड़े हाथों लिया. सीएम जयराम ने कहा कि कोरोना संकट काल में विपक्ष की भूमिका को लेकर सीएम जयराम ने कहा कि विपक्ष ने केवल शोर मचाया है और पत्र लिखे, लेकिन जो बातें उन्होंने कहीं और लिखी यदि उन पर अमल करते तो बहुत अच्छा होता. विपक्ष की सभी मांगे अनैतिक हैं

cm jairam
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Published : Sep 7, 2020, 8:38 PM IST

शिमला: मानसून सूत्र के पहले दिन की कार्यवाही के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के शुरू के तीन वर्षों का आकलन किया जाए, तो उस समय प्रदेश में अपराधिक घटनाओं के आंकड़े इससे भी अधिक थे. जहां तक मंत्री के जमीन खरीद का मामला है, इस मामले में मैंने इतना ही कहा कि शिकायत आई है और इसकी जांच की जाएगी. इस मामले को लेके मैंने कभी किसी एजेंसी का जिक्र नहीं किया.

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि डॉ. राजीव बिंदल सदन में बैठे हैं और जब विपक्ष ने बिना तथ्यों के शोर मचाया और राजीव बिंदल पर दबाव बनाया. तब डॉक्टर राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दिया. जब डॉक्टर राजीव बिंदल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया.

वीडियो.

वहीं, हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट काल में विपक्ष की भूमिका को लेकर सीएम जयराम ने कहा कि विपक्ष ने केवल शोर मचाया है और पत्र लिखे, लेकिन जो बातें उन्होंने कहीं और लिखी यदि उन पर अमल करते तो बहुत अच्छा होता. विपक्ष की सभी मांगे अनैतिक हैं, हिमाचल सरकार का ना ही कोई मंत्री इस्तीफा देगा और ना ही किसी को इस्तीफा देने की जरूरत है.

इसके साथ ही सदन में अपनी बात रखते हुए डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने मेरे विषय में बात की. मैंने इस्तीफा देते हुए गिनती की लाइनें और शब्द इस्तीफे में लिखे थे और स्पष्ट शब्दों में लिखा था कि किसी भी प्रकरण के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है. फिर भी किसी भी तरह से कोई जांच प्रभावित ना हो इसलिए मैं अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देता हूं.

डॉक्टर बिंदल ने कहा कि उसके पीछे की भावना को समझना कभी कठिन नहीं है. जब मैंने अध्यक्ष का दायित्व संभाला तो भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के नाते कार्य किया मैंने कोशिश की, ताकि प्रदेश में भाजपा का प्रत्येक बूथ जागृत हो सके.

समाज में प्रत्येक जरूरतमंद को सहायता प्रदान करने के लिए कार्य किया. ऐसे समय के ऊपर कोई प्रश्न खड़ा हो जाए तो व्यक्ति भावनात्मक हो जाता है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह सारी घटना घटित हुई और अब सत्य भी आपके सामने आ चुका है. मैं पूरे आत्मिक बल के साथ आज सदन में मौजूद हूं. मुझे किसी बात का कोई खेद नहीं है.

मुख्यमंत्री ने अपने शब्दों में बात को स्पष्ट कर दिया है, लेकिन फिर भी मैं कहना चाहूंगा कि फिर भी जब हम नैतिकता के आधार पर अपने शब्दों को रखते हैं तो सभी को उसका सम्मान करना चाहिए.

पढ़ें: मानसून सत्र का पहला दिन: सदन में मुकेश अग्निहोत्री का जुबानी हमला, बोले: कंफ्यूजन में सरकार

शिमला: मानसून सूत्र के पहले दिन की कार्यवाही के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के शुरू के तीन वर्षों का आकलन किया जाए, तो उस समय प्रदेश में अपराधिक घटनाओं के आंकड़े इससे भी अधिक थे. जहां तक मंत्री के जमीन खरीद का मामला है, इस मामले में मैंने इतना ही कहा कि शिकायत आई है और इसकी जांच की जाएगी. इस मामले को लेके मैंने कभी किसी एजेंसी का जिक्र नहीं किया.

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि डॉ. राजीव बिंदल सदन में बैठे हैं और जब विपक्ष ने बिना तथ्यों के शोर मचाया और राजीव बिंदल पर दबाव बनाया. तब डॉक्टर राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दिया. जब डॉक्टर राजीव बिंदल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया.

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वहीं, हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट काल में विपक्ष की भूमिका को लेकर सीएम जयराम ने कहा कि विपक्ष ने केवल शोर मचाया है और पत्र लिखे, लेकिन जो बातें उन्होंने कहीं और लिखी यदि उन पर अमल करते तो बहुत अच्छा होता. विपक्ष की सभी मांगे अनैतिक हैं, हिमाचल सरकार का ना ही कोई मंत्री इस्तीफा देगा और ना ही किसी को इस्तीफा देने की जरूरत है.

इसके साथ ही सदन में अपनी बात रखते हुए डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने मेरे विषय में बात की. मैंने इस्तीफा देते हुए गिनती की लाइनें और शब्द इस्तीफे में लिखे थे और स्पष्ट शब्दों में लिखा था कि किसी भी प्रकरण के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है. फिर भी किसी भी तरह से कोई जांच प्रभावित ना हो इसलिए मैं अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देता हूं.

डॉक्टर बिंदल ने कहा कि उसके पीछे की भावना को समझना कभी कठिन नहीं है. जब मैंने अध्यक्ष का दायित्व संभाला तो भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के नाते कार्य किया मैंने कोशिश की, ताकि प्रदेश में भाजपा का प्रत्येक बूथ जागृत हो सके.

समाज में प्रत्येक जरूरतमंद को सहायता प्रदान करने के लिए कार्य किया. ऐसे समय के ऊपर कोई प्रश्न खड़ा हो जाए तो व्यक्ति भावनात्मक हो जाता है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह सारी घटना घटित हुई और अब सत्य भी आपके सामने आ चुका है. मैं पूरे आत्मिक बल के साथ आज सदन में मौजूद हूं. मुझे किसी बात का कोई खेद नहीं है.

मुख्यमंत्री ने अपने शब्दों में बात को स्पष्ट कर दिया है, लेकिन फिर भी मैं कहना चाहूंगा कि फिर भी जब हम नैतिकता के आधार पर अपने शब्दों को रखते हैं तो सभी को उसका सम्मान करना चाहिए.

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