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ग्रामीण विकासोन्मुखी योजनाएं शुरू करने के लिए करें प्रयास: CM जयराम

मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के लाभार्थियों के साथ सीएम जयराम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की साथ ही सीएम जयराम ने कहा कि छह जनवरी को शुरू की गई मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना ग्रामीण स्तर पर युवाओं को रोजगार के उद्देश्य से की गई है.

cm jairam thakur on rurual development
cm jairam thakur on rurual development
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Published : Jul 1, 2020, 4:33 PM IST

शिमला: सीएम जयराम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के लाभार्थियों से बात की. इस दौरान सीएम जयराम ने कहा कि छह जनवरी को शुरू की गई मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना पारम्परिक हस्तकला, हस्तशिल्प, स्थानीय कलाकृतियों, लकड़ी व धातु शिल्प कलाओं को पुनर्जीवित करने के साथ युवाओं को रोजगार देने के लिए की गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रशिक्षकों को 7500 रुपये और प्रशिक्षणार्थियों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान कर रही है. इस योजना के तहत प्रशिक्षण अवधि का समय तीन माह से एक वर्ष तक निर्धारित किया गया है.

हर बैच में अधिकतम पांच प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. इससे न केवल न हमारी परम्परागत कलाएं, शिल्प और संस्कृति का पुनरुद्धार होगा, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने बीते अढ़ाई वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं.

3500 परिवारों ने किया पंजीकरण

मुख्यमंत्री एक बीघा योजना कामयाब योजना साबित हुई है, क्योंकि इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए 3500 परिवारों ने अपना पंजीकरण करवाया है. सीेएम जयराम ने ई-पंचायत में भी प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विभाग को बधाई दी.

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि शुरूआत में मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना राज्य के चार जिलों के 18 खंडों में शुरू की गई है. इस योजना के तहत निर्धारित पाठ्यक्रम में काश्तकला, धातु शिल्प, मण्डी कलम, पत्थर शिल्प, बांस शिल्प, लकडी का शिल्प, चीड़ की पत्तियों के उत्पाद और मिट्टी के बर्तन बनाने का शिल्प आदि शामिल किए गए हैं.

कोविड-19 महामारी के प्रभाव से केवल बच पाई है ग्रामीण आर्थिकी

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान केवल ग्रामीण आर्थिकी ही अपने आप को बचा पाई है, जिससे इस तथ्य पर पहुंचा जा सकता है कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में ही किसी भी प्रकार की परिस्थिति सेे निपटने के लिए मजबूत आधार उपलब्ध हैं.

युवाओं को लाभान्वित करने के लिए ग्राम विकासोन्मुखी योजनाएं शुरू करने के प्रयास किए जाने चाहिए जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर न जाना पड़े. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ने योजना से संबंधित पोस्टर और सूचना पुस्तिका भी जारी की.

ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि राज्य सरकार का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण आर्थिकी को पुनर्जीवित करना है. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में गहन रूचि रखने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.
सचिव ग्रामीण विकास डाॅ. संदीप भटनागर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा.

पढ़ें: कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी आई सामने, कौल सिंह ने समर्थकों से इस्तीफा वापस लेने को कहा

शिमला: सीएम जयराम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के लाभार्थियों से बात की. इस दौरान सीएम जयराम ने कहा कि छह जनवरी को शुरू की गई मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना पारम्परिक हस्तकला, हस्तशिल्प, स्थानीय कलाकृतियों, लकड़ी व धातु शिल्प कलाओं को पुनर्जीवित करने के साथ युवाओं को रोजगार देने के लिए की गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रशिक्षकों को 7500 रुपये और प्रशिक्षणार्थियों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान कर रही है. इस योजना के तहत प्रशिक्षण अवधि का समय तीन माह से एक वर्ष तक निर्धारित किया गया है.

हर बैच में अधिकतम पांच प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. इससे न केवल न हमारी परम्परागत कलाएं, शिल्प और संस्कृति का पुनरुद्धार होगा, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने बीते अढ़ाई वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं.

3500 परिवारों ने किया पंजीकरण

मुख्यमंत्री एक बीघा योजना कामयाब योजना साबित हुई है, क्योंकि इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए 3500 परिवारों ने अपना पंजीकरण करवाया है. सीेएम जयराम ने ई-पंचायत में भी प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विभाग को बधाई दी.

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि शुरूआत में मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना राज्य के चार जिलों के 18 खंडों में शुरू की गई है. इस योजना के तहत निर्धारित पाठ्यक्रम में काश्तकला, धातु शिल्प, मण्डी कलम, पत्थर शिल्प, बांस शिल्प, लकडी का शिल्प, चीड़ की पत्तियों के उत्पाद और मिट्टी के बर्तन बनाने का शिल्प आदि शामिल किए गए हैं.

कोविड-19 महामारी के प्रभाव से केवल बच पाई है ग्रामीण आर्थिकी

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान केवल ग्रामीण आर्थिकी ही अपने आप को बचा पाई है, जिससे इस तथ्य पर पहुंचा जा सकता है कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में ही किसी भी प्रकार की परिस्थिति सेे निपटने के लिए मजबूत आधार उपलब्ध हैं.

युवाओं को लाभान्वित करने के लिए ग्राम विकासोन्मुखी योजनाएं शुरू करने के प्रयास किए जाने चाहिए जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर न जाना पड़े. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ने योजना से संबंधित पोस्टर और सूचना पुस्तिका भी जारी की.

ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि राज्य सरकार का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण आर्थिकी को पुनर्जीवित करना है. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में गहन रूचि रखने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.
सचिव ग्रामीण विकास डाॅ. संदीप भटनागर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा.

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