शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को सदन में कहा कि विधायक रूपी संस्था को और मजबूत करने की जरूरत (CM Jairam statement on MLA ) है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो निकट भविष्य में विधायकों को कोई नहीं पूछेगा. कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी की तरफ से बदलते परिवेश में विधायकों की भूमिका विषय पर गैर सरकारी सदस्य कार्यदिवस के तहत लाए गए संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने उक्त बात कही. सीएम ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में विधायक प्राथमिकता की योजनाओं में विधायकों के नाम पट्टिका पर अंकित करने का प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में मंत्रियों के दौरे की अग्रिम सूचना अब विधायकों को भेजी जाएगी. ऐसा होने पर स्थानीय विधायक भी कार्यक्रम विशेष में हिस्सा ले सकेगा.
जयराम ठाकुर ने माना कि एक विधायक जिस मान-सम्मान का हकदार है, उसमें गिरावट (CM Jairam on Congress) आई है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि विधायक का सम्मान उसके व्यवहार पर भी निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि सरकार बदलने पर पट्टिकाएं नहीं टूटनी चाहिए और उनकी सरकार ने ऐसा सुनिश्चित करेगी. मुख्यमंत्री ने उनके चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस शासनकाल में उद्घाटन व शिलान्यास पट्टिकाएं तोड़े जाने तथा ऐसे लोगों को तरजीह देने का भी जिक्र किया, जिनकी चुनाव में जमानत जब्त हो चुकी थी.
इससे पूर्व बदलते परिवेश में विधायकों की बदलती भूमिका (MLA in Himachal) को लेकर कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी द्वारा गैर सरकारी कार्यदिवस पर लाए गए संकल्प पर चर्चा शुरू करते हुए विधायक आशा कुमारी ने कहा कि विधायक प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में तो कम से कम उनकी पट्टिकाएं लगाई जाए.
आशा कुमारी ने कहा कि विधायकों के नाम को भी पट्टिकाओं में स्थान दिया जाना चाहिए और यह मान-सम्मान की बात है. उन्होंने कहा कि विधायकों की पट्टिकाएं तोड़ने का चलन आजकल चल रहा है. यह सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि असंवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को नोटिफाइड कमेटी में कैसे बैठने दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जो सदस्य कमेटी का सदस्य ही नहीं है, वह कैसे उस बैठक में जाता है. इसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के दौरे होते हैं, लेकिन उनकी जानकारी विधायकों को नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि विधायक प्राथमिकताओं में होने वाले कार्यों में तो कम से कम विधायक का नाम अंकित होना चाहिए.
इस चर्चा में कांग्रेस विधायक नंद लाल, मोहन लाल ब्राक्टा, भवानी सिंह पठानिया, इंद्रदत्त लखनपाल, लखविंद्र राणा, कर्नल धनीराम शांडिल, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, सतपाल रायजादा और राकेश सिंघा ने भी हिस्सा लिया. सभी इस बात पर एकमत थे कि विधायक नाम की संस्था मजबूत रहनी चाहिए. सभी सदस्यों ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए और कहा कि इस बारे में जल्द ही सार्थक कदम उठाने की जरूरत है.
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