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ओम बिरला से जयराम की मांग, धर्मशाला में स्थापित करें अकादमी...देशभर के MLA's को सिखाएंगे ई-विधान - लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष को हिमाचल आकर प्रदेश की ई-विधान प्रणाली का अवलोकन करने का निमंत्रण भी दिया. मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से पेपरलेस है.

cm jairam met with lok sabha speaker om birla
ओम बिरला से मिलते सीएम जयराम.
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Published : Dec 30, 2019, 11:41 PM IST

शिमला: भारत की पहली ई-विधानसभा वाले राज्य हिमाचल प्रदेश ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से प्रदेश में ई-विधान अकादमी स्थापित करने का आग्रह किया है. नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आग्रह किया कि धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा भवन में ई-विधान अकादमी स्थापित की जाए.

सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के सभी राज्यों के विधायकों को ई-विधान में प्रशिक्षित करना चाहता है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष को हिमाचल आकर प्रदेश की ई-विधान प्रणाली का अवलोकन करने का निमंत्रण भी दिया. मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से पेपरलेस है. यहां सारा कामकाज ऑनलाइन होता है. इससे न केवल बहुमूल्य कागज की बचत होती है, बल्कि सारे दस्तावेज भी हर समय उपलब्ध रहते हैं.

शिमला व धर्मशाला स्थित विधानसभा भवन में ई-विधान कार्यप्रणाली काम करती है. देश के कई राज्यों के नेताओं व अधिकारियों ने हिमाचल आकर ई-विधान प्रणाली का अध्ययन किया है और वे सभी अपने राज्यों में इस सिस्टम को स्थापित करना चाहते हैं. हिमाचल इस संदर्भ में सभी को प्रशिक्षण देना चाहता है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदेश की इस पहल की सराहना की और भरोसा दिया कि वह इस परियोजना के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे. यही नहीं, लोकसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हिमाचल दौरे के निमंत्रण को स्वीकार किया और कहा कि वे जल्द ही देवभूमि आएंगे. उल्लेखनीय है कि हिमाचल विधानसभा देश की पहली विधानसभा है, जहां सारा काम पेपरलेस होता है.
अगस्त 2014 को हिमाचल प्रदेश देश की पहली ई-विधानसभा बनी. पेपरलेस काम होने से हिमाचल में हर साल 6096 पेड़ कटने से बचते हैं और सरकारी खजाने में भी 15 करोड़ रुपए की बचत होती है. यूपीए-टू के कार्यकाल में हिमाचल को ई-विधान के लिए 8.12 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे.

प्रश्नकाल में किस विधायक ने क्या सवाल किया और संबंधित विभाग के मंत्री ने उसका क्या जवाब दिया, ये सारा ब्यौरा ऑनलाइन टच स्क्रीन पर देखा जा सकता है. हिंदी में पूछे गए सवाल का जवाब हिंदी में और अंग्रेजी में किए गए सवाल का उत्तर उसी भाषा में दर्ज होता है. इसके अलावा दिन भर की कार्यवाही में सदन के पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेजों का ब्यौरा भी मौजूद होता है. आगामी दिनों के लिए प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले सवाल भी दर्ज होते हैं.

सवाल पूछे जाने के दौरान ही यदि किसी विधायक को अपने सवाल से संबंधित कोई बिंदु भूल जाए तो वो तुरंत सामने लगी टच स्क्रीन सारी सूचनाएं देख सकता है. इसके अलावा सदन में कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी हुई हैं. जो भी विधायक सवाल कर रहा होता है, उसकी फोटो स्क्रीन पर डिसप्ले होती है. साथ ही समय भी दर्ज होता है.
नियम विशेष के तहत चर्चा में भाग लेने वाले सदस्यों ने कितने समय तक अपनी बात कही, उसका भी समय स्क्रीन पर दर्ज होता है. इसके अलावा पूरा विधानसभा परिसर वाई-फाई सिस्टम से लैस है. यही नहीं, विधायकों के आवास में भी वाई-फाई सिस्टम है.

शिमला: भारत की पहली ई-विधानसभा वाले राज्य हिमाचल प्रदेश ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से प्रदेश में ई-विधान अकादमी स्थापित करने का आग्रह किया है. नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आग्रह किया कि धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा भवन में ई-विधान अकादमी स्थापित की जाए.

सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के सभी राज्यों के विधायकों को ई-विधान में प्रशिक्षित करना चाहता है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष को हिमाचल आकर प्रदेश की ई-विधान प्रणाली का अवलोकन करने का निमंत्रण भी दिया. मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से पेपरलेस है. यहां सारा कामकाज ऑनलाइन होता है. इससे न केवल बहुमूल्य कागज की बचत होती है, बल्कि सारे दस्तावेज भी हर समय उपलब्ध रहते हैं.

शिमला व धर्मशाला स्थित विधानसभा भवन में ई-विधान कार्यप्रणाली काम करती है. देश के कई राज्यों के नेताओं व अधिकारियों ने हिमाचल आकर ई-विधान प्रणाली का अध्ययन किया है और वे सभी अपने राज्यों में इस सिस्टम को स्थापित करना चाहते हैं. हिमाचल इस संदर्भ में सभी को प्रशिक्षण देना चाहता है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदेश की इस पहल की सराहना की और भरोसा दिया कि वह इस परियोजना के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे. यही नहीं, लोकसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हिमाचल दौरे के निमंत्रण को स्वीकार किया और कहा कि वे जल्द ही देवभूमि आएंगे. उल्लेखनीय है कि हिमाचल विधानसभा देश की पहली विधानसभा है, जहां सारा काम पेपरलेस होता है.
अगस्त 2014 को हिमाचल प्रदेश देश की पहली ई-विधानसभा बनी. पेपरलेस काम होने से हिमाचल में हर साल 6096 पेड़ कटने से बचते हैं और सरकारी खजाने में भी 15 करोड़ रुपए की बचत होती है. यूपीए-टू के कार्यकाल में हिमाचल को ई-विधान के लिए 8.12 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे.

प्रश्नकाल में किस विधायक ने क्या सवाल किया और संबंधित विभाग के मंत्री ने उसका क्या जवाब दिया, ये सारा ब्यौरा ऑनलाइन टच स्क्रीन पर देखा जा सकता है. हिंदी में पूछे गए सवाल का जवाब हिंदी में और अंग्रेजी में किए गए सवाल का उत्तर उसी भाषा में दर्ज होता है. इसके अलावा दिन भर की कार्यवाही में सदन के पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेजों का ब्यौरा भी मौजूद होता है. आगामी दिनों के लिए प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले सवाल भी दर्ज होते हैं.

सवाल पूछे जाने के दौरान ही यदि किसी विधायक को अपने सवाल से संबंधित कोई बिंदु भूल जाए तो वो तुरंत सामने लगी टच स्क्रीन सारी सूचनाएं देख सकता है. इसके अलावा सदन में कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी हुई हैं. जो भी विधायक सवाल कर रहा होता है, उसकी फोटो स्क्रीन पर डिसप्ले होती है. साथ ही समय भी दर्ज होता है.
नियम विशेष के तहत चर्चा में भाग लेने वाले सदस्यों ने कितने समय तक अपनी बात कही, उसका भी समय स्क्रीन पर दर्ज होता है. इसके अलावा पूरा विधानसभा परिसर वाई-फाई सिस्टम से लैस है. यही नहीं, विधायकों के आवास में भी वाई-फाई सिस्टम है.

ओम बिरला से जयराम की मांग, धर्मशाला में स्थापित करें अकादमी, देश भर के विधायकों को सिखाएंगे ई-विधान
शिमला। भारत की पहली ई-विधानसभा वाले राज्य हिमाचल प्रदेश ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से प्रदेश में ई-विधान अकादमी स्थापित करने का आग्रह किया है। नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आग्रह किया कि धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा भवन में ई-विधान अकादमी स्थापित की जाए। सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के सभी राज्यों के विधायकों को ई-विधान में प्रशिक्षित करना चाहता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष को हिमाचल आकर प्रदेश की ई-विधान प्रणाली का अवलोकन करने का निमंत्रण भी दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से पेपरलेस है। यहां सारा कामकाज ऑनलाइन होता है। इससे न केवल बहुमूल्य कागज की बचत होती है, बल्कि सारे दस्तावेज भी हर समय उपलब्ध रहते हैं। शिमला व धर्मशाला स्थित विधानसभा भवन में ई-विधान कार्यप्रणाली काम करती है। देश के कई राज्यों के नेताओं व अधिकारियों ने हिमाचल आकर ई-विधान प्रणाली का अध्ययन किया है और वे सभी अपने राज्यों में इस सिस्टम को स्थापित करना चाहते हैं। हिमाचल इस संदर्भ में सभी को प्रशिक्षण देना चाहता है। ओम बिरला ने प्रदेश की इस पहल की सराहना की और भरोसा दिया कि वह इस परियोजना के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे। यही नहीं, लोकसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हिमाचल दौरे के निमंत्रण को स्वीकार किया और कहा कि वे जल्द ही देवभूमि आएंगे। उल्लेखनीय है कि हिमाचल विधानसभा देश की पहली विधानसभा है, जहां सारा काम पेपरलेस होता है। अगस्त 2014 को हिमाचल प्रदेश देश की पहली ई-विधानसभा बनी। पेपरलेस काम होने से हिमाचल में हर साल 6096 पेड़ कटने से बचते हैं और सरकारी खजाने में भी 15 करोड़ रुपए की बचत होती है। यूपीए-टू के कार्यकाल में हिमाचल को ई-विधान के लिए 8.12 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे।
प्रश्नकाल में किस विधायक ने क्या सवाल किया और संबंधित विभाग के मंत्री ने उसका क्या जवाब दिया, ये सारा ब्यौरा ऑनलाइन टच स्क्रीन पर देखा जा सकता है। हिंदी में पूछे गए सवाल का जवाब हिंदी में और अंग्रेजी में किए गए सवाल का उत्तर उसी भाषा में दर्ज होता है। इसके अलावा दिन भर की कार्यवाही में सदन के पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेजों का ब्यौरा भी मौजूद होता है। आगामी दिनों के लिए प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले सवाल भी दर्ज होते हैं। सवाल पूछे जाने के दौरान ही यदि किसी विधायक को अपने सवाल से संबंधित कोई बिंदु भूल जाए तो वो तुरंत सामने लगी टच स्क्रीन सारी सूचनाएं देख सकता है। इसके अलावा सदन में कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी हुई हैं। जो भी विधायक सवाल कर रहा होता है, उसकी फोटो स्क्रीन पर डिसप्ले होती है। साथ ही समय भी दर्ज होता है। नियम विशेष के तहत चर्चा में भाग लेने वाले सदस्यों ने कितने समय तक अपनी बात कही, उसका भी समय स्क्रीन पर दर्ज होता है। इसके अलावा पूरा विधानसभा परिसर वाई-फाई सिस्टम से लैस है। यही नहीं, विधायकों के आवास में भी वाई-फाई सिस्टम है।
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