शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के 114वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस मौके पर रिज मैदान पर लगी उनकी प्रतिमा को फूलों से सजाया गया था. कार्यक्रम में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेता मौजुद रहे.
रिज मैदान पर लगी वाईएस परमार की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि डॉ. परमार ने इस प्रदेश की वास्तविक स्थिति और भौगोलिक कठिनाइयों को मजबूती के साथ केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखा. मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. परमार एक महान दूरदर्शी नेता थे. जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हिमाचल को एक नई पहचान दिलाई. उन्होंने हिमाचल की मजबूत नींव रखते हुए यह सुनिश्चित किया कि हिमाचल प्रदेश देश के अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए एक आदर्श राज्य बनकर उभरे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि डॉ. परमार ने उस वक्त उन पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल के साथ मिलाने का निवेदन किया था, जिनकी संस्कृति और जीवन शैली यहां के लोगों से मिलती जुलती थी. उनकी दूरदर्शी सोच के कारण ही राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था विशेष रूप से बागवानी के क्षेत्र में तीव्र गति से विकास हुआ. सीएम ने कहा कि डॉ. परमार यह जानते थे कि सड़कें हिमाचल की जीवन रेखा हैं, इसलिए उन्होंने राज्य सड़कों का तीव्र गति से विकास किया.
डॉ. यशवंत सिंह परमार का जन्म 4 अगस्त 1906 को सिरमौर जिला के चन्हलग गांव में हुआ था. हिमाचल के लिए इतनी बड़ी विरासत छोड़ने वाले डॉ. परमार के खाते में उस समय केवल 563 रुपये थे, जब उन्होंने अंतिम सांस ली थी.
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