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सीनियर सेकेंडरी स्कूल धार गौरा में पहुंचे 40 छात्र, SOP के तहत लगाई जा रही कक्षाएं - रामपुर न्यूज

हिमाचल में स्कूल खुलते ही कोरोना महामारी के बीच अभिवावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. वहीं, कई जगह अविभावकों की अनुमति के बाद बच्चों ने स्कूल में आने शुरू किया कर दिया है.

Children's classes started under SOP guidelines in rampur schools
सीनियर सेकेंडरी स्कूल धार गौरा में पहुंचे 40 छात्र
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Published : Nov 2, 2020, 3:13 PM IST

रामपुर: हिमाचल प्रदेश में करीब छह महीने बाद आज स्कूल खुले हैं, लेकिन कोरोना महामारी के बीच अभिवावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. हालांकि सरकार ने 2 नवंबर को प्रदेश के स्कूल 9वीं से 12वीं तक कि कक्षाओं के लिए खोलने का फैसला लिया हैं और अविभावकों की अनुमति के बाद बच्चों ने स्कूल में आने शुरू किया कर दिया है.

वहीं, स्कूल के पहले दिन रामपुर उपमंडल के सीनियर सेकेंडरी स्कूल धार गौरा में 40 छात्र और छात्राएं पहुंची. वहीं, जानकारी देते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल खुलने के पहले दिन ही धार गौरव सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 40 छात्र, छात्राएं नौवीं से बारहवीं तक के पहुंचे. उन्होंने बताया कि स्कूल में किसी भी प्रकार की प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया गया, लेकिन छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ग्राउंड में खड़ा कर दिया गया. जहां पर उनके हाथों को सेनेटाइज किया गया और उनकी स्क्रीनिंग की गई.

प्रधानाचार्य ने बताया कि छात्रों को स्कूल में एहतियात के तौर पर सभी गाइडलाइंस भी बताई गई.
उन्होंने बताया कि स्कूल आने वाले छात्रों को सबसे पहले अपने अभिभावकों का सहमति पत्र लाना आवश्यक होगा. इसके साथ ही उनके छात्रों को स्कूल में अनुमति दी जाएगी.

स्कूल प्रधानाचार्य ललित जीस्टू ने यह भी बताया कि जो छात्र स्कूल में आएंगे. उनका स्वास्थ्य सही होना आवश्यक है खांसी, जुखाम व बुखार वाले छात्रों को स्कूल में आना जरूरी नहीं होगा. वहीं, उन्होंने बताया कि आज स्कूल में नौवीं से बारहवीं तक 40 छात्र और छात्राएं पहुंचे हैं, जिनके अलग अलग सेक्शन बनाए हैं और उनकी क्लासें ली जा रही है.

बता दें कि कोरोना काल के बाद पहली बार स्कूल में छात्र पहुंच गए हैं. कुछ अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं तो कुछ अभिभावक कोरोना के डर से अपने बच्चों को स्कूल भेजना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में जुर्म है शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन, यूपी-हरियाणा भी इसी राह पर

रामपुर: हिमाचल प्रदेश में करीब छह महीने बाद आज स्कूल खुले हैं, लेकिन कोरोना महामारी के बीच अभिवावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. हालांकि सरकार ने 2 नवंबर को प्रदेश के स्कूल 9वीं से 12वीं तक कि कक्षाओं के लिए खोलने का फैसला लिया हैं और अविभावकों की अनुमति के बाद बच्चों ने स्कूल में आने शुरू किया कर दिया है.

वहीं, स्कूल के पहले दिन रामपुर उपमंडल के सीनियर सेकेंडरी स्कूल धार गौरा में 40 छात्र और छात्राएं पहुंची. वहीं, जानकारी देते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूल खुलने के पहले दिन ही धार गौरव सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 40 छात्र, छात्राएं नौवीं से बारहवीं तक के पहुंचे. उन्होंने बताया कि स्कूल में किसी भी प्रकार की प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया गया, लेकिन छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ग्राउंड में खड़ा कर दिया गया. जहां पर उनके हाथों को सेनेटाइज किया गया और उनकी स्क्रीनिंग की गई.

प्रधानाचार्य ने बताया कि छात्रों को स्कूल में एहतियात के तौर पर सभी गाइडलाइंस भी बताई गई.
उन्होंने बताया कि स्कूल आने वाले छात्रों को सबसे पहले अपने अभिभावकों का सहमति पत्र लाना आवश्यक होगा. इसके साथ ही उनके छात्रों को स्कूल में अनुमति दी जाएगी.

स्कूल प्रधानाचार्य ललित जीस्टू ने यह भी बताया कि जो छात्र स्कूल में आएंगे. उनका स्वास्थ्य सही होना आवश्यक है खांसी, जुखाम व बुखार वाले छात्रों को स्कूल में आना जरूरी नहीं होगा. वहीं, उन्होंने बताया कि आज स्कूल में नौवीं से बारहवीं तक 40 छात्र और छात्राएं पहुंचे हैं, जिनके अलग अलग सेक्शन बनाए हैं और उनकी क्लासें ली जा रही है.

बता दें कि कोरोना काल के बाद पहली बार स्कूल में छात्र पहुंच गए हैं. कुछ अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं तो कुछ अभिभावक कोरोना के डर से अपने बच्चों को स्कूल भेजना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.

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