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लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच घरों में कैद हैं बच्चे, ऐसे कर रहे 'टाइमपास'

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Published : May 2, 2020, 4:14 PM IST

Updated : May 3, 2020, 11:06 AM IST

लॉकडाउन की वजह से जो गेम्स घरों से बाहर खुले मैदान में खेली जाती थी अब उनका दायरा कम हो गया है और घर के बाहर जो आंगन है उसी में परिवार के साथ बच्चे कभी फुटबॉल खेल कर तो कभी बैडमिंटन पर हाथ आजमा रहे हैं जिससे कि उनका समय आसानी से बीत सके. वहीं, पहले जहां स्कूल के मैदान में बच्चे भाग दौड़ करते थे और अपनी पसंद की गेम्स भी खेलते थे, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से बच्चों का अधिकतर समय मोबाइल पर गेम्स खेल कर ही बीत रहा है.

himachal pradesh news, हिमाचल प्रदेश न्यूज
लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच घरों में कैद हैं बच्चे

शिमला: कोरोना के इस संकट के समय में पूरे देश में लॉकडाउन और कुछ जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया है. स्कूल भी बंद हैं तो बच्चे और बड़े सब घरों में ही कैद हैं. ज्यादा परेशानी इस समय बच्चों को यह आ रही है कि वह घर से बाहर खेलने के लिए भी नहीं जा पा रहे हैं.

पहले जहां स्कूल के मैदान में बच्चे भाग दौड़ करते थे और अपनी पसंद की गेम्स भी खेलते थे, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से बच्चों का अधिकतर समय मोबाइल पर गेम्स खेल कर ही बीत रहा है.

बच्चे ही नहीं बल्कि युवा भी अधिकतर समय मोबाइल पर गेम्स खेल कर या कोई वेब सीरीज देख कर या फिर टिकटॉक पर बिता रहे हैं. यहां तक कि अब तो घर के अंदर गैलरी में ही स्केटिंग की प्रैक्टिस भी शुरू हो गई है. घर के अंदर ही खेले जाने वाले खेल दोबारा से शुरू हो गए हैं और कैरम बोर्ड के साथ तंबोला घरों के अंदर बच्चों की डिमांड पर खेला जा रहा है.

लॉकडाउन की वजह से जो गेम्स घरों से बाहर खुले मैदान में खेली जाती थी अब उनका दायरा कम हो गया है और घर के बाहर जो आंगन है उसी में परिवार के साथ बच्चे कभी फुटबॉल खेल कर तो कभी बैडमिंटन पर हाथ आजमा रहे हैं जिससे कि उनका समय आसानी से बीत सके.

वीडियो.

लॉकडाउन और कर्फ्यू से पहले जहां बच्चे स्पोर्ट्स कॉन्पलेक्स जाकर जूडो, कराटे, ताइक्वांडो या अलग-अलग तरह के गेम्स की ट्रेनिंग ले रहे थे. तो वहीं कुछ बच्चे डांस तो कुछ म्यूजिक की कक्षाओं में जा रहे थे, लेकिन अब जब यह सब बंद है तो घर ही कभी डांस करने की तो कभी गाने की प्रैक्टिस चल रही है तो कहीं रामायण के अगर-अलग किरदारों में भी बच्चे अपनी एक अलग ही रामलीला बनाते हुए भी इन दिनों नजर आ रहे हैं.

कोरोना की वजह से ना केवल बच्चों बल्कि बड़ों की भी दिनचर्या बिल्कुल अलग हो गई है. महिलाएं पहले किचन में जो रोज का खाना बनाती थी उसमें लॉकडाउन के इस समय में एक्सपेरिमेंट्स ने जगह ले ली है और यूट्यूब से देखकर बच्चों की पसंद कई अलग-अलग रेसिपी घर के किचन में तैयार की जा रही है.

घर में रहकर बच्चे बोर ना हों इसके लिए अभिभावक भी बच्चों के साथ मिलकर ही घर के अंदर बैठकर कभी कैरम बोर्ड तो कभी तंबोला खेल रहे है, लेकिन कोरोना वायरस के डर से अपने बच्चों को बाहर नहीं भेज रहे हैं.

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लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच घरों में कैद हैं बच्चे

मोबाइल पर लूडो और पबजी खेल कर बीत रहा दिन

लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच बच्चे हो या बड़े सबका दिन मोबाइल पर ज्यादा बीत रहा है. पहले ऑनलाइन ही मोबाइल पर पढ़ाई हो रही है और उसके बाद नॉनस्टॉप लूडो ओर पबजी फोन पर खेल कर पूरा दिन घर में बिताया जा रहा है. वहीं, बच्चों को तो अब स्कूल की याद सताने लगी है. उनका कहना है कि जल्द से जल्द लॉकडाउन खत्म हो तो वह स्कूल जा कर अपने दोस्तों के साथ खेलना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर में दिहाड़ीदारों पर कोरोना का कितना असर, जानें ईटीवी भारत के साथ

शिमला: कोरोना के इस संकट के समय में पूरे देश में लॉकडाउन और कुछ जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया है. स्कूल भी बंद हैं तो बच्चे और बड़े सब घरों में ही कैद हैं. ज्यादा परेशानी इस समय बच्चों को यह आ रही है कि वह घर से बाहर खेलने के लिए भी नहीं जा पा रहे हैं.

पहले जहां स्कूल के मैदान में बच्चे भाग दौड़ करते थे और अपनी पसंद की गेम्स भी खेलते थे, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से बच्चों का अधिकतर समय मोबाइल पर गेम्स खेल कर ही बीत रहा है.

बच्चे ही नहीं बल्कि युवा भी अधिकतर समय मोबाइल पर गेम्स खेल कर या कोई वेब सीरीज देख कर या फिर टिकटॉक पर बिता रहे हैं. यहां तक कि अब तो घर के अंदर गैलरी में ही स्केटिंग की प्रैक्टिस भी शुरू हो गई है. घर के अंदर ही खेले जाने वाले खेल दोबारा से शुरू हो गए हैं और कैरम बोर्ड के साथ तंबोला घरों के अंदर बच्चों की डिमांड पर खेला जा रहा है.

लॉकडाउन की वजह से जो गेम्स घरों से बाहर खुले मैदान में खेली जाती थी अब उनका दायरा कम हो गया है और घर के बाहर जो आंगन है उसी में परिवार के साथ बच्चे कभी फुटबॉल खेल कर तो कभी बैडमिंटन पर हाथ आजमा रहे हैं जिससे कि उनका समय आसानी से बीत सके.

वीडियो.

लॉकडाउन और कर्फ्यू से पहले जहां बच्चे स्पोर्ट्स कॉन्पलेक्स जाकर जूडो, कराटे, ताइक्वांडो या अलग-अलग तरह के गेम्स की ट्रेनिंग ले रहे थे. तो वहीं कुछ बच्चे डांस तो कुछ म्यूजिक की कक्षाओं में जा रहे थे, लेकिन अब जब यह सब बंद है तो घर ही कभी डांस करने की तो कभी गाने की प्रैक्टिस चल रही है तो कहीं रामायण के अगर-अलग किरदारों में भी बच्चे अपनी एक अलग ही रामलीला बनाते हुए भी इन दिनों नजर आ रहे हैं.

कोरोना की वजह से ना केवल बच्चों बल्कि बड़ों की भी दिनचर्या बिल्कुल अलग हो गई है. महिलाएं पहले किचन में जो रोज का खाना बनाती थी उसमें लॉकडाउन के इस समय में एक्सपेरिमेंट्स ने जगह ले ली है और यूट्यूब से देखकर बच्चों की पसंद कई अलग-अलग रेसिपी घर के किचन में तैयार की जा रही है.

घर में रहकर बच्चे बोर ना हों इसके लिए अभिभावक भी बच्चों के साथ मिलकर ही घर के अंदर बैठकर कभी कैरम बोर्ड तो कभी तंबोला खेल रहे है, लेकिन कोरोना वायरस के डर से अपने बच्चों को बाहर नहीं भेज रहे हैं.

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लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच घरों में कैद हैं बच्चे

मोबाइल पर लूडो और पबजी खेल कर बीत रहा दिन

लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच बच्चे हो या बड़े सबका दिन मोबाइल पर ज्यादा बीत रहा है. पहले ऑनलाइन ही मोबाइल पर पढ़ाई हो रही है और उसके बाद नॉनस्टॉप लूडो ओर पबजी फोन पर खेल कर पूरा दिन घर में बिताया जा रहा है. वहीं, बच्चों को तो अब स्कूल की याद सताने लगी है. उनका कहना है कि जल्द से जल्द लॉकडाउन खत्म हो तो वह स्कूल जा कर अपने दोस्तों के साथ खेलना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर में दिहाड़ीदारों पर कोरोना का कितना असर, जानें ईटीवी भारत के साथ

Last Updated : May 3, 2020, 11:06 AM IST
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