शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार (First Chief Minister of Himachal Pradesh Dr. YS Parmar) को याद करते हुए उनकी कुछ यादें ताजा की है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने वाईएस परमार से एक सवाल पूछा था कि आपको हिमाचल के विकास के लिए क्या चाहिए तो उन्होंने कहा था कि हमें केवल सड़क चाहिए. क्योंकि केवल सड़क पहुंच जाने से हमारे हिमाचल में विकास की गति तेजी से चल पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि डॉ वाईएस परमार का हिमाचल के लिए योगदान हमेशा याद रखा जाएगा. जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की 50 वर्ष की यात्रा को लेकर एक विस्तृत कार्यक्रम आयोजित करने का प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया था. हिमाचल तब और हिमाचल अब, ताकि लोग जान सकें कि हिमाचल ने विभिन्न क्षेत्रों में कहां से यात्रा शुरू की और आज कहा पहुंचे हैं. कोरोना संकट के कारण यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम भी वह और भव्य करना चाहते थे, लेकिन कोरोना संकट के कारण इतना बड़ा नहीं कर सके. वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि डॉ यशवंत सिंह परमार केवल एक राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि एक दूरदर्शी व्यक्ति भी थे. जब उन्हें लगा कि हिमाचली इतने अधिक समृद्ध नहीं है और अन्य राज्यों से लोग हिमाचल आकर जमीन खरीद रहे हैं और हिमाचली उन्हीं लोगों के अधीन नौकरी करने को मजबूर हो जाएंगे. तो उन्होंने इस को भांपते हुए लैंड टेनेंसी एक्ट (Land Tenancy Act) हिमाचल में लागू किया.
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने कहा कि हिमाचल में बागवानी के विकास में डॉ. परमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. शिमला सहित ऊपरी हिमाचल क्षेत्र अगर आज सेब के कारण मजबूत आर्थिकी के लिए जाना जाता है तो यह डॉ परमार की ही देन है.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने मुख्यमंत्री का आभार जताया और कहा कि यह पहली बार है जब डॉ वाईएस परमार का कार्यक्रम विधानसभा से बाहर आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज सुबह से ही डॉ यशवंत सिंह परमार के कार्यक्रम जारी है. अगर हिमाचल आज देश के मानचित्र पर है तो उसका श्रेय डॉ. यशवंत सिंह परमार को जाता है. उन्होंने कहा कि डॉ. परमार ने हिमाचल के अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ी. इसके कारण ही आज के हिमाचल के स्वरूप बन पाया है.
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