शिमला: छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों द्वारा पूर्ण फीस व सभी तरह की चार्जेज वसूली को लेकर अभिभावकों को भेजे जा रहे मोबाइल संदेशों को मानसिक प्रताड़ना करार दिया है. मंच ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
मंच ने चेताया है कि यदि सरकार ने इस मसले पर तुरन्त हस्तक्षेप करके निजी स्कूलों की लूट व मनमानी पर रोक न लगाई तो मंच सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा. मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने हिमाचल उच्च न्यायालय से फीस वसूली के मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है.
अभिभावकों से मनमानी लूट कर रहे निजी स्कूल
उन्होंने कहा है कि निजी स्कूल उच्च न्यायालय के निर्णय की गलत व्याख्या करके अभिभावकों से मनमानी लूट कर रहे हैं. निजी स्कूल उच्च न्यायालय की गलत व्याख्या करके उच्च न्यायालय की बदनामी कर रहे हैं. माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने भी अपने आदेश में कहीं भी इस बात का ज़िक्र नहीं किया है कि निजी स्कूल ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज सहित सभी तरह के चार्जेज वसूल सकते हैं.
हाईकोर्ट ने पूर्ण फीस वसूली का आदेश नहीं दिया
उच्च शिक्षा निदेशक ने भी किसी भी अधिसूचना में पूर्ण फीस वसूली का आदेश नहीं दिया है. एक आरटीआई के जबाव में शिक्षा निदेशालय ने साफ किया है कि निजी स्कूल केवल टयूशन फीस वसूल सकते हैं. इसके बावजूद निजी स्कूल हर दिन पूर्ण फीस वसूली को लेकर मोबाइल सन्देश भेजकर अभिभावकों को मानसिक व आर्थिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैं.
छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज से किया जा रहा बाहर
पूर्ण फीस जमा न करने वाले छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज से बाहर किया जा रहा है. शिमला शहर जैसी जगहों पर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की वार्षिक परीक्षाओं के मध्यनजर छात्रों व अभिभावकों को हर रोज़ मोबाइल सन्देश भेजकर,फोन करके व ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर करके उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है.
सरकार जानबूझकर मौन
विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि अभिभावकों को सरकार व निजी स्कूलों द्वारा हर तरह से लूटा जा रहा है. एक तरफ निजी स्कूल पूर्ण वसूली कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार इन निजी स्कूलों के साथ पूरी तरह से खड़ी हो गयी है. सरकार जान बूझ कर मौन है ताकि निजी स्कूलों की मनमानी लूट जारी रहे. उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे निजी स्कूलों की लूट को चुनौती दें व पूर्ण फीस वसूली का बहिष्कार करें.