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केंद्र और राज्य सरकार को ट्रेड यूनियनों की चेतावनी, 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान

शनिवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर कालीबाड़ी हॉल शिमला में राज्य स्तरीय संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मंच के राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर और इंटक राज्य अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे.

Central trade unions meeting
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Published : Oct 13, 2019, 6:55 AM IST

शिमलाः केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नितियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है. केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी को सभी मजदूर यूनियनें देश भर में हड़ताल करेंगी. ट्रेड यूनियन ने 8 जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर पूर्ण बंद का ऐलान किया है. हिमाचल प्रदेश में भी हर क्षेत्र में काम को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा.

वीडियो.

शनिवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर कालीबाड़ी हॉल शिमला में राज्य स्तरीय संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मंच के राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर और इंटक राज्य अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे. इस बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला गया.

सभी ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार को चेताया कि यदि उसने मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापिस न लिया तो आंदोलन तेज किया जाएगा. राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर ने कहा कि पिछले 30 सितम्बर को दिल्ली में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और देश के अन्य मजदूर व कर्मचारियों के संयुक्त अधिवेशन में तय हुआ था कि केन्द्र सरकार की जो भी मजदूर- कर्मचारी विरोधी नीतियां हैं, उसके खिलाफ 8 जनवरी को एक दिन की देशव्यापी हड़ताल की जाएगी.

उन्होंने कहा कि उसी तैयारी के लिए आज इस बैठक का आयोजन किया गया है और हिमाचल प्रदेश में राज्यस्तर का सम्मेलन और उसके साथ-साथ जिला स्तर पर भी समेलनों का आयोजन किया जाएगा. जिसमें हिमाचाल का हर मजदूर शामिल होगा. कश्मीर ठाकुर ने आरोप लगाया कि इसमे सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि केन्द्र सरकार ने पूरे देश को बैचने पर लगा दिया है. केंन्द्र के जितने भी विभाग है उनको खत्म किया जा रहा है. सरकार ने तय कर दिया है कि अब कोई भी वेतन आयोग गठित नही होगा.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बैंक, बीमा, पोस्टल, बीएसएनएल, सभी केंद्रीय व राज्य सार्वजनिक उपक्रमों, उद्योगों, बिजली परियोजनाओं, आंगनबाड़ी, मिड डे मील और परिवहन क्षेत्र आदि सभी क्षेत्रों में काम को पूरी तरह ठप्प कर दिया जाएगा. इस हड़ताल की तैयारियों के लिए एक नवम्बर को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा. जिसमें प्रदेश भर से हजारों मजदूर व कर्मचारी भाग लेंगे.

पढ़ेंः पच्छाद में कांग्रेस ने फिर पकड़ा पाइपों का जखीरा, PCC चीफ राठौर ने लगाए ये आरोप

शिमलाः केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नितियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है. केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी को सभी मजदूर यूनियनें देश भर में हड़ताल करेंगी. ट्रेड यूनियन ने 8 जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर पूर्ण बंद का ऐलान किया है. हिमाचल प्रदेश में भी हर क्षेत्र में काम को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा.

वीडियो.

शनिवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर कालीबाड़ी हॉल शिमला में राज्य स्तरीय संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मंच के राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर और इंटक राज्य अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे. इस बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला गया.

सभी ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार को चेताया कि यदि उसने मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापिस न लिया तो आंदोलन तेज किया जाएगा. राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर ने कहा कि पिछले 30 सितम्बर को दिल्ली में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और देश के अन्य मजदूर व कर्मचारियों के संयुक्त अधिवेशन में तय हुआ था कि केन्द्र सरकार की जो भी मजदूर- कर्मचारी विरोधी नीतियां हैं, उसके खिलाफ 8 जनवरी को एक दिन की देशव्यापी हड़ताल की जाएगी.

उन्होंने कहा कि उसी तैयारी के लिए आज इस बैठक का आयोजन किया गया है और हिमाचल प्रदेश में राज्यस्तर का सम्मेलन और उसके साथ-साथ जिला स्तर पर भी समेलनों का आयोजन किया जाएगा. जिसमें हिमाचाल का हर मजदूर शामिल होगा. कश्मीर ठाकुर ने आरोप लगाया कि इसमे सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि केन्द्र सरकार ने पूरे देश को बैचने पर लगा दिया है. केंन्द्र के जितने भी विभाग है उनको खत्म किया जा रहा है. सरकार ने तय कर दिया है कि अब कोई भी वेतन आयोग गठित नही होगा.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बैंक, बीमा, पोस्टल, बीएसएनएल, सभी केंद्रीय व राज्य सार्वजनिक उपक्रमों, उद्योगों, बिजली परियोजनाओं, आंगनबाड़ी, मिड डे मील और परिवहन क्षेत्र आदि सभी क्षेत्रों में काम को पूरी तरह ठप्प कर दिया जाएगा. इस हड़ताल की तैयारियों के लिए एक नवम्बर को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा. जिसमें प्रदेश भर से हजारों मजदूर व कर्मचारी भाग लेंगे.

पढ़ेंः पच्छाद में कांग्रेस ने फिर पकड़ा पाइपों का जखीरा, PCC चीफ राठौर ने लगाए ये आरोप

Intro:  

केंद्र सरकार की  मजदुर विरोधी नितियों के  खिलाफ  ट्रेड यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है ! ट्रेड  यूनियन ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल  8 जनवरी 2020 को  पूर्ण  बंद  का  ऐलान कर दिया है !  हिमाचल प्रदेश में भी हर क्षेत्र में काम को पूर्णतः बन्द कर दिया जाएगा। शनिवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर कालीबाड़ी हॉल शिमला में राज्य स्तरीय संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मंच के राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर,इंटक राज्याध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह मुख्या रूप से मौजूद रहे।इस बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर  हमला बोला गया। सभी ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार को चेताया कि यदि  उसने मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापिस न लिया तो आंदोलन तेज होगा।  Body:राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर ने कहा कि पिछले 30 सितम्बर को दिल्ली में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियोनो  और तमाम जो देश का मजदुर,कर्मचारियों का सयुक्त अधिवेसन हुआ था उस अधिवेसन में तय हुआ था कि केन्द्र सरकार की जो मजदुर कर्मचारी विरोधी नीतियां है उनके खिलाफ 8 जनवरी को एक दिन की देशव्यापी हड़ताल की जायेगी उसी की तैयारी के लिए आज इस मीटिंग का आयोजन किया गया है और इस मीटिंग में ये भी तय किया जायेगा की हिमाचल प्रदेश में राज्यस्तर का समेलन किया जायेगा और उसके साथ ज़िला स्तर पर भी समेलनो का आयोजन किया जायेगा और हिमाचाल प्रदेश का प्रत्येक मजदुर इसमे शामिल होगा।इसमे सबसे बड़ा मुद्दा यह होगा की केन्द्र सरकार ने पूरे देश को बिक्री पर सरकार ने लगा दिया है केंन्द्र के जितने विभाग है उनको खत्म किया जा रहा है और सरकार ने तय कर दिया है कि अब कोई वेतन आयोग भी गठित नही होगा। 33 साल की नोकरी पर कोई लाभ कर्मचारियों को नही मिलेगा।वही पुरे देश के सरकारी व प्राइवेट क्षेत्र को बेचा जा रहा है और देश में जो मजदूरों के लिए जो कानून बने है उन सभी कानूनों को कोड में बदल कर 4 कोड बनाये जा रहे है उनको उद्योग पतियो के हित में किया जा रहा है  इसी के चलते

 इस दिन बैंक,बीमा,पोस्टल,बीएसएनएल,सभी केंद्रीय व राज्य सार्वजनिक उपक्रमों,उद्योगों,बिजली परियोजनाओं,आंगनबाड़ी,मिड डे मील,परिवहन क्षेत्र आदि सभी क्षेत्रों में काम को पूरी तरह ठप्प कर दिया जाएगा। इस हड़ताल की तैयारियों के लिए एक नवम्बर को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रदेश भर से सैकड़ों मजदूर व कर्मचारी भाग लेंगे।Conclusion:

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