शिमलाः केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नितियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है. केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी को सभी मजदूर यूनियनें देश भर में हड़ताल करेंगी. ट्रेड यूनियन ने 8 जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर पूर्ण बंद का ऐलान किया है. हिमाचल प्रदेश में भी हर क्षेत्र में काम को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा.
शनिवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर कालीबाड़ी हॉल शिमला में राज्य स्तरीय संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मंच के राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर और इंटक राज्य अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे. इस बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला गया.
सभी ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार को चेताया कि यदि उसने मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापिस न लिया तो आंदोलन तेज किया जाएगा. राज्य संयोजक कश्मीर ठाकुर ने कहा कि पिछले 30 सितम्बर को दिल्ली में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और देश के अन्य मजदूर व कर्मचारियों के संयुक्त अधिवेशन में तय हुआ था कि केन्द्र सरकार की जो भी मजदूर- कर्मचारी विरोधी नीतियां हैं, उसके खिलाफ 8 जनवरी को एक दिन की देशव्यापी हड़ताल की जाएगी.
उन्होंने कहा कि उसी तैयारी के लिए आज इस बैठक का आयोजन किया गया है और हिमाचल प्रदेश में राज्यस्तर का सम्मेलन और उसके साथ-साथ जिला स्तर पर भी समेलनों का आयोजन किया जाएगा. जिसमें हिमाचाल का हर मजदूर शामिल होगा. कश्मीर ठाकुर ने आरोप लगाया कि इसमे सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि केन्द्र सरकार ने पूरे देश को बैचने पर लगा दिया है. केंन्द्र के जितने भी विभाग है उनको खत्म किया जा रहा है. सरकार ने तय कर दिया है कि अब कोई भी वेतन आयोग गठित नही होगा.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बैंक, बीमा, पोस्टल, बीएसएनएल, सभी केंद्रीय व राज्य सार्वजनिक उपक्रमों, उद्योगों, बिजली परियोजनाओं, आंगनबाड़ी, मिड डे मील और परिवहन क्षेत्र आदि सभी क्षेत्रों में काम को पूरी तरह ठप्प कर दिया जाएगा. इस हड़ताल की तैयारियों के लिए एक नवम्बर को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा. जिसमें प्रदेश भर से हजारों मजदूर व कर्मचारी भाग लेंगे.
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