शिमला: भारी बरसात ने इस बार हिमाचल प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं. हजारों करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई है. कुल्लू, मंडी, सोलन, चंबा व किन्नौर में भारी बर्बादी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिमाचल में हुए नुकसान से वाकिफ हैं. देवभूमि को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र से टीम यहां आ रही है. ये टीम तीन दिन तक हिमाचल में रुकेगी. बुधवार से अलग-अलग केंद्रीय टीम प्रदेश का दौरा करेगी. एक टीम बिलासपुर से कुल्लू के बीच हुए नुकसान का जायजा लेकर उसका आकलन करेगी तो एक अन्य टीम सोलन से लेकर किन्नौर तक नुकसान का आकलन करेगी.
हिमाचल सरकार ने केंद्रीय टीम के साथ नोडल ऑफिसर के तौर पर राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव की ड्यूटी लगाई है. बताया जा रहा है कि केंद्र से आने वाली टीम मंगलवार देर शाम चंडीगढ़ पहुंच जाएगी और फिर बुधवार से तीन दिन तक नुकसान का आकलन करेगी. बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार को केंद्रीय टीम विभिन्न हिस्सों का दौरा करेगी और फिर देर शाम शिमला में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मीटिंग होगी. यानी नुकसान के आकलन को लेकर दौरे के अंतिम दिन 21 जुलाई को केंद्रीय टीम राज्य सरकार के साथ बैठक कर चर्चा करेगी.
वैसे तो हर साल हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में सरकारी व निजी संपत्ति का भारी नुकसान होता है, लेकिन इस बार ब्यास नदी व अन्य खड्डों ने भयावह रूप अपनाया है. कुल्लू, मंडी व सोलन जिला में नुकसान का आलम हैरान कर देने वाला है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि हिमाचल को आठ हजार करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है. हिमाचल सरकार ने केंद्र से तुरंत राहत के तौर पर दो हजार करोड़ रुपए की मदद जारी करने का आग्रह भी किया है.
सीएम सुखविंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को राज्य में हुए नुकसान से अवगत करवाया है. अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय टीम हिमाचल आ रही है. उम्मीद की जा रही है कि इस टीम की रिपोर्ट केंद्र सरकार के पास पहुंचने के बाद हिमाचल को आर्थिक सहायता मिलने की प्रक्रिया में तेजी आएगी. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अफसरों के साथ मीटिंग कर ली है और जरूरी निर्देश दे दिए हैं. केंद्रीय टीम के दौरे की तैयारी को लेकर भी अफसरों को राज्य का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं. राज्य सरकार के राजस्व विभाग के अनुसार केंद्रीय टीम को हिस्सों में दौरा करेगी.
एक टीम चंडीगढ़ से बिलासपुर आएगी और फिर मंडी तथा कुल्लू से होकर लाहौल-स्पीति जाएगी. एक अन्य टीम चंडीगढ़ से सोलन आएगी और फिर शिमला होकर जिला किन्नौर में नुकसान का आकलन करेगी. केंद्रीय टीम बुधवार 19 जुलाई व गुरुवार 20 जुलाई को फील्ड का दौरा करेगी और फिर 21 जुलाई को यह टीम शिमला में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. मीटिंग में राज्य सरकार के मुख्य सचिव भी शामिल होंगे. आपदा प्रबंधन से जुड़े अफसर एक प्रेजेंटेशन भी केंद्रीय टीम के समक्ष प्रस्तुत करेंगे.
हिमाचल सरकार ने अब तक मानसून सीजन में भारी बारिश से हुए नुकसान का आंकड़ा 4635 करोड़ रुपए बताया है. वित्तायोग की सिफारिश के बाद राज्य को एक साल में मिलने वाले 360 करोड़ रुपए केंद्र ने जारी कर दिए हैं. ये रकम एसडीआरएफ के तहत हिमाचल के हिस्से के रूप में है. अब हिमाचल की सारी आशाएं केंद्रीय टीम के दौरे पर टिकी हैं. इस टीम की रिपोर्ट के बाद ही केंद्र से आर्थिक मदद का आकार पता चलेगा. राज्य सरकार उम्मीद कर रही है कि उसे कम से कम दो हजार रुपए फौरी राहत के तौर पर मिल जाएं और इससे अधिक पैसा हासिल हो जाए तो राहत कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे.