शिमला: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनी सड़कों के बेहतर रख-रखाव करने के लिए केंद्र ने हिमाचल प्रदेश को 37.76 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रोत्साहन दिया है. हिमाचल इन सड़कों का बेहतर रख रखाव करने में कामयाब रहा है. यही वजह है कि हिमाचल को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 31 मार्च को 37.76 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन अनुदान राशि मंजूर की है. यह राशि हिमाचल को चार साल बाद राशि मिली है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों की डिफेक्ट लाइबेलिटी पीरियड (डीएलपी) के दौरान और इसके बाद की अवधि में इनके बेहतर रख रखाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए हिमाचल को यह राशि दी गई है. बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों को बनाने पर इनके अगले पांच साल तक कोई भी डिफेक्ट अगर सड़कों में आता है तो इसकी मेंटिनेंस संबधित ठेकेदार को करनी होती है. इस पीरियड को डिफेक्ट लाइबेलिटी पीरियड कहते हैं.
इस तरह डीएलपी की अवधि के दौरान हिमाचल की सड़कें बेहतर पाई गई हैं. यही नहीं डीएलपी के बाद पांच साल तक राज्य सरकार को इनकी मेंटीनेंस जरूरी तौर पर करनी होती है, इस मापदंड पर भी हिमाचल की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कें खरी उतरी हैं. इनको जांचने के लिए केंद्र सरकार अपने अधिकारियों की नियुक्ति करती है. इस तरह पूरी जांचने के बाद हिमाचल की ग्रामीण सड़कों को बेहतर पाया गया है.
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि डीएलपी और इसके बाद भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों की मरम्मत एवं रख-रखाव में बेहतर प्रदर्शन पर हिमाचल प्रदेश को केंद्र की ओर से यह वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया गया है. लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि यह वित्तीय प्रोत्साहन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में ग्रामीण सड़क नेटवर्क में उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के प्रयासों और गत दो तिमाहियों में इसके लिए व्यय की जाने वाली राशि में बढ़ोतरी का नतीजा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को करीब 4 वर्षों के बाद यह प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार से प्राप्त इस वित्तीय प्रोत्साहन राशि का उपयोग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित एवं मरम्मत योग्य ग्रामीण सड़कों की मेटलिंग-टारिंग के कार्यों के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे राज्य के लोगों को दूर-दराज़ एवं दुर्गम क्षेत्रों में बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही उनके दैनिक कार्यों में भी सुगमता सुनिश्चित होगी.
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