शिमला: प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. सीबीआई न सिर्फ उन निजी शिक्षण संस्थानों की जांच कर रही है जो इस फर्जीवाड़े में शक के दायरे में आये हैं बल्कि हर एक पहलू पर दोबारा से जांच कर रही है.
सीबीआई की इस जांच को लेकर शिक्षा विभाग भी अपने स्तर पर पूरी मदद कर रहा है. विभाग छात्रों का रिकॉर्ड सीबीआई की जांच के लिए तैयार कर रहा है ताकि जांच में मदद सीबीआई को मिल सके. शिक्षा विभाग में हुए इस करोड़ों के घोटाले के बाद अब विभाग भी सतर्क हो गया है.
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इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग अब निजी शिक्षण संस्थानों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि ना डाल कर छात्रों के खाते में ही डाल रहा है. इसके साथ ही विभाग ने फैसला लिया है कि निजी शिक्षण संस्थान जिन छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहा है, उसके लिए एफिडेविट देना होगा. इस एफिडेविट पर संस्थानों को ये बताना होगा कि कितने छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहे हैं.
शिक्षा विभाग के ने ये भी तय किया है कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति निजी शिक्षण संस्थान ले रहे हैं, उनके परीक्षा परिणाम भी विभाग जांचेगा ताकि ये पता चल सके कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति संस्थान ले रहे हैं वो उसी संस्थान में पढ़ रहे हैं या नहीं.
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शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश भारद्वाज ने बताया कि छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए सभी निजी शिक्षण संस्थानों में मॉनिटरिंग कमेटियां बना दी गईं हैं. इसके साथ ही विभाग में भी छात्रवृत्ति आवंटन को लेकर तीन अधिकारियों को जिम्मा सौंपा गया है जो अलग-अलग स्तर पर छात्रवृत्ति पर जांच रखेंगे. अगर छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी होती है तो उसकी गाज निजी शिक्षण संस्थानों में बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटियों के सदस्यों पर गिरेगी.
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