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स्कॉलरशिप स्कैम: शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड खंगालेगी CBI, हर पहलू की दोबारा होगी जांच

सीबीआई की ये जांच प्रदेश शिक्षा विभाग से भी की जा रही है. शिक्षा विभाग से छात्रों का रिकॉर्ड सीबीआई खंगाल रही है, जिन्हें छात्रवृत्ति जारी की गई है. सीबीआई ये जानने के लिए कि किन छात्रों को छात्रवृत्ति जारी की गई है, वो कौन हैं और किन शिक्षण संस्थानों से संबंधित हैं, के लिए शिक्षा विभाग में भी छात्रों के दस्तावेज खंगालेगी.

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Published : May 16, 2019, 11:26 PM IST

स्कॉलरशिप स्कैम (डिजाइन फोटो)

शिमला: प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. सीबीआई न सिर्फ उन निजी शिक्षण संस्थानों की जांच कर रही है जो इस फर्जीवाड़े में शक के दायरे में आये हैं बल्कि हर एक पहलू पर दोबारा से जांच कर रही है.

सीबीआई की इस जांच को लेकर शिक्षा विभाग भी अपने स्तर पर पूरी मदद कर रहा है. विभाग छात्रों का रिकॉर्ड सीबीआई की जांच के लिए तैयार कर रहा है ताकि जांच में मदद सीबीआई को मिल सके. शिक्षा विभाग में हुए इस करोड़ों के घोटाले के बाद अब विभाग भी सतर्क हो गया है.

पढ़ें- स्कॉलरशिप स्कैम: हिमाचल समेत पड़ोसी राज्यों में CBI की रेड, जानिए करोड़ों के घोटाले की पूरी कहानी

इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग अब निजी शिक्षण संस्थानों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि ना डाल कर छात्रों के खाते में ही डाल रहा है. इसके साथ ही विभाग ने फैसला लिया है कि निजी शिक्षण संस्थान जिन छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहा है, उसके लिए एफिडेविट देना होगा. इस एफिडेविट पर संस्थानों को ये बताना होगा कि कितने छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहे हैं.

scholarship scam (design photo)
स्कॉलरशिप स्कैम (डिजाइन फोटो)

शिक्षा विभाग के ने ये भी तय किया है कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति निजी शिक्षण संस्थान ले रहे हैं, उनके परीक्षा परिणाम भी विभाग जांचेगा ताकि ये पता चल सके कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति संस्थान ले रहे हैं वो उसी संस्थान में पढ़ रहे हैं या नहीं.

पढ़ें- सुरेश भारद्वाज का दावा: कांग्रेस में कलह का BJP को मिलेगा लाभ, वीरभद्र सिंह दरकिनार कर रही पार्टी

शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश भारद्वाज ने बताया कि छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए सभी निजी शिक्षण संस्थानों में मॉनिटरिंग कमेटियां बना दी गईं हैं. इसके साथ ही विभाग में भी छात्रवृत्ति आवंटन को लेकर तीन अधिकारियों को जिम्मा सौंपा गया है जो अलग-अलग स्तर पर छात्रवृत्ति पर जांच रखेंगे. अगर छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी होती है तो उसकी गाज निजी शिक्षण संस्थानों में बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटियों के सदस्यों पर गिरेगी.

पढ़ें- CPIM प्रत्याशी ने गिनाई आश्रय और रामस्वरूप की कमियां, जनता की जीवनी पर हमला करने का आरोप

शिमला: प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. सीबीआई न सिर्फ उन निजी शिक्षण संस्थानों की जांच कर रही है जो इस फर्जीवाड़े में शक के दायरे में आये हैं बल्कि हर एक पहलू पर दोबारा से जांच कर रही है.

सीबीआई की इस जांच को लेकर शिक्षा विभाग भी अपने स्तर पर पूरी मदद कर रहा है. विभाग छात्रों का रिकॉर्ड सीबीआई की जांच के लिए तैयार कर रहा है ताकि जांच में मदद सीबीआई को मिल सके. शिक्षा विभाग में हुए इस करोड़ों के घोटाले के बाद अब विभाग भी सतर्क हो गया है.

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इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग अब निजी शिक्षण संस्थानों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि ना डाल कर छात्रों के खाते में ही डाल रहा है. इसके साथ ही विभाग ने फैसला लिया है कि निजी शिक्षण संस्थान जिन छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहा है, उसके लिए एफिडेविट देना होगा. इस एफिडेविट पर संस्थानों को ये बताना होगा कि कितने छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहे हैं.

scholarship scam (design photo)
स्कॉलरशिप स्कैम (डिजाइन फोटो)

शिक्षा विभाग के ने ये भी तय किया है कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति निजी शिक्षण संस्थान ले रहे हैं, उनके परीक्षा परिणाम भी विभाग जांचेगा ताकि ये पता चल सके कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति संस्थान ले रहे हैं वो उसी संस्थान में पढ़ रहे हैं या नहीं.

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शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश भारद्वाज ने बताया कि छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए सभी निजी शिक्षण संस्थानों में मॉनिटरिंग कमेटियां बना दी गईं हैं. इसके साथ ही विभाग में भी छात्रवृत्ति आवंटन को लेकर तीन अधिकारियों को जिम्मा सौंपा गया है जो अलग-अलग स्तर पर छात्रवृत्ति पर जांच रखेंगे. अगर छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी होती है तो उसकी गाज निजी शिक्षण संस्थानों में बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटियों के सदस्यों पर गिरेगी.

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Intro:प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए 250 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। सीबीआई जहां उन निजी शिक्षण संस्थानों की जांच कर रही है जो इस फर्जीवाड़े में शक के दायरे में आये है बल्कि हर एक पहलु पर दोबारा से जांच कर रही है। सीबीआई की यह जांच प्रदेश शिक्षा विभाग से भी की जा रही है जहां से छात्रों का रिकॉर्ड सीबीआई खंगाल रही है जिन्हें छात्रवृत्ति जारी की गई है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई किन छात्रों को छात्रवृत्ति जारी की गई है वो कौन है और किन शिक्षण संस्थानों से संबंधित है यह सब जानने के लिए सीबीआई अब शिक्षा विभाग में भी छात्रों के दस्तावेज खंगालेगी।


Body:सीबीआई की इस जांच को लेकर शिक्षा विभाग भी अपने स्तर पर पूरी मदद कर रहा है और छात्रों का रिकॉर्ड सीबीआई की जांच के लिए तैयार कर रहा है ताकि जांच में मदद सीबीआई को मिल सके। शिक्षा विभाग में हुए इस करोड़ो के घोटाले के बाद अब विभाग भी सतर्क हो गया है। इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग अब निजी शिक्षण संस्थानों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि ना डाल कर छात्रों के खाते में ही डाल रहा है। इसके साथ ही विभाग ने फैसला लिया है कि निजी शिक्षण संस्थान जिन छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहा है उसके लिए एफिडेविट देना होगा। इस एफिडेविट पर संस्थानों को यह बताना होगा कि कितने छात्रों की छात्रवृत्ति ले रहे है।


Conclusion:शिक्षा विभाग के ने यह भी तय किया है कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति निजी शिक्षण संस्थान ले रहे है उनके परीक्षा परिणाम भी विभाग जांचेगा ताकि यह पता चल सके कि जिन छात्रों की छात्रवृत्ति संस्थान ले रहे है वो सही के उसी संस्थान में पढ़ रहे है। शिक्षा विभाग के जॉइंट डायरेक्टर राजेश भारद्वाज ने बताया कि छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए सभी निजी शिक्षण संस्थानों में मॉनिटरिंग कमेटियां बना दी गईं है । इसके साथ ही विभाग में भी छात्रवृत्ति आबंटन को लेकर तीन अधिकारियों को जिम्मा सौंपा गया है जो अलग-अलग स्तर पर छात्रवृत्ति पर जांच रखेंगे। अगर छात्रवृत्ति में कोई गड़बड़ी होती है तो उसकी गाज निजी शिक्षण संस्थानों ने बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटियों के सदस्यों पर गिरेगी।
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