शिमला/चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश के पूर्व आईजी जहूर जैदी को सीबीआई (CBI) की स्पेशल कोर्ट से झटका लगा है. कोटखाई में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले से जुड़े सूरज की हिरासत में मौत मामले में आरोपी पूर्व आईजी जहूर जैदी की शिमला में एक डिपार्टमेंटल इंक्वायरी(DEPARTMENTAL ENQUIRY) में शामिल होने की अर्जी खारिज कर दी है. जैदी ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट से इजाजत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
पहले भी हो चुकी है एप्लीकेशन खारिज
जैदी ने शिमला जाने की परमिशन के साथ-साथ जुडिशल कस्टडी भी मांगी थी. जैदी ने कहा था कि वह जानना चाहते हैं कि इस मामले में जांच किस तरह से हो रही है और किन-किन पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है. सीबीआई(CBI) ने जैदी की एप्लीकेशन का विरोध करते हुए कहा कि चार महीने पहले भी इस तरह की एप्लीकेशन खारिज की गई थी. कोर्ट ने कहा था कि जैदी किसी भी इंक्वायरी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(VIDEO CONFRENCING) के जरिए पेश हो सकते हैं.
इसके अलावा कोर्ट ने कहा था जो आरोप जैदी पर लगे हैं, वह काफी गंभीर हैं.ऐसे में डिपार्टमेंटल इंक्वायरी(DEPARTMENTAL ENQUIRY) में खुद जाने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा सीबीआई(CBI) ने यह भी कहा कि उनके पास इस तरह की कोई जानकारी शिमला की तरफ से ऑफिशल नहीं आई है कि जैदी को किसी इंक्वायरी में शामिल करना है.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि जुलाई 2017 में शिमला के कोटखाई में एक छात्रा का जंगल से शव बरामद हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी. आईजी जैदी की अगुवाई में बनी एसआईटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था. इसमें नेपाली मूल का सूरज नामक युवक भी शामिल था. कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी.
सीबीआई जांच में पता चला कि पुलिस के टॉर्चर से सूरज की मौत हुई. मामले में सीबीआई ने आईजी जहूर हैदर जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठियोग डीएसपी मनोज जोशी, पूर्व एसएचओ कोटखाई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, हेड कान्स्टेबल सूरत सिंह मोहनलाल, रफी अली और कॉन्स्टेबल रंजीत समेत 9 लोगों को आरोपी बनाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की विशेष अदालत चंडीगढ़ में केस ट्रांसफर किया था.
ये भी पढे़ं: रक्षा मंत्री से मिले सीएम जयराम, सीमा पर चीन की 'करतूतों' के बारे में किया आगाह