शिमला: छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सीबीआई ने शुक्रवार को आरोपी अधीक्षक से लगभग 6 घण्टे तक पूछताछ की. एजेंसी को छानबीन में पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों व निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति हड़पने के लिए बाकायदा एक रैकेट चल रहा था.
सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि अधिकारी निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी करने के लिए दस फीसदी तक कमीशन लेते थे. जांच में यह भी पता चला है कि स्कॉलरशिप की स्वीकृति से संबंधित फाइलों को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचने नहीं दिया जाता था. निचले स्तर के अधिकारी- कर्मचारी फाइलों को अपने स्तर पर ही मार्क कर देते थे. साथ ही नियमों के विपरीत निजी ई-मेल आईडी से छात्रवृत्ति के काम को अंजाम दिया जाता था.
उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके कई मुलाजिमों से सीबीआई ने पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है.पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा किए गए आवेदन को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है. वहीं, शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राज्टा से पूछताछ के बाद अब कई अधिकारियों और कर्मचारियों से भी सीबीआई पड़ताल करेगी.