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छात्रवृत्ति घोटाले में हुई अधीक्षक से पूछताछ, हो सकते हैं कई बड़े खुलासे

बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सीबीआई ने शुक्रवार को आरोपी अधीक्षक से पूछताछ की. जांच के दौरान पता चला है कि निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति की राशि हड़पने के लिए एक रैकेट चल रहा था.

सीबीआई की जांच
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Published : Sep 21, 2019, 10:56 AM IST

शिमला: छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सीबीआई ने शुक्रवार को आरोपी अधीक्षक से लगभग 6 घण्टे तक पूछताछ की. एजेंसी को छानबीन में पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों व निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति हड़पने के लिए बाकायदा एक रैकेट चल रहा था.

सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि अधिकारी निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी करने के लिए दस फीसदी तक कमीशन लेते थे. जांच में यह भी पता चला है कि स्कॉलरशिप की स्वीकृति से संबंधित फाइलों को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचने नहीं दिया जाता था. निचले स्तर के अधिकारी- कर्मचारी फाइलों को अपने स्तर पर ही मार्क कर देते थे. साथ ही नियमों के विपरीत निजी ई-मेल आईडी से छात्रवृत्ति के काम को अंजाम दिया जाता था.

उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके कई मुलाजिमों से सीबीआई ने पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है.पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा किए गए आवेदन को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है. वहीं, शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राज्टा से पूछताछ के बाद अब कई अधिकारियों और कर्मचारियों से भी सीबीआई पड़ताल करेगी.

शिमला: छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सीबीआई ने शुक्रवार को आरोपी अधीक्षक से लगभग 6 घण्टे तक पूछताछ की. एजेंसी को छानबीन में पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों व निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति हड़पने के लिए बाकायदा एक रैकेट चल रहा था.

सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि अधिकारी निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी करने के लिए दस फीसदी तक कमीशन लेते थे. जांच में यह भी पता चला है कि स्कॉलरशिप की स्वीकृति से संबंधित फाइलों को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचने नहीं दिया जाता था. निचले स्तर के अधिकारी- कर्मचारी फाइलों को अपने स्तर पर ही मार्क कर देते थे. साथ ही नियमों के विपरीत निजी ई-मेल आईडी से छात्रवृत्ति के काम को अंजाम दिया जाता था.

उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके कई मुलाजिमों से सीबीआई ने पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है.पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा किए गए आवेदन को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है. वहीं, शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राज्टा से पूछताछ के बाद अब कई अधिकारियों और कर्मचारियों से भी सीबीआई पड़ताल करेगी.

Intro:
छात्रवृति घोटाला ,अधीक्षक से पूछताछ , हो सकते है कई बड़े खुलासे

शिमला।
250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सीबीआई ने शुक्रवार को आरोपी अधीक्षक से लगभग 6घण्टे पूछताछ की । एजेंसी को छानबीन में पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों व निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति हड़पने के लिए बाकायदा एक रैकेट चल रहा था।
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इसके लिए अधिकारी निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी करने के लिए दस फीसदी तक कमीशन लेते थे। सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग के अधीक्षक पर शिकंजा कसने से पहले सीबीआई इस मामले में कई सबूत जुटा चुकी है।
सीबीआई अब यह पता लगा रही है कि इस खेल में कितने लोग शामिल थे ।
सीबीआई की जांच में यह भी पता चला है कि स्कॉलरशिप की स्वीकृति से संबंधित फाइलों को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचने नहीं दिया जाता था। निचले स्तर के अधिकारी- कर्मचारी फाइलों को अपने स्तर पर ही मार्क कर देते थे। जांच में यह भी पता चला है कि नियमों के विपरीत निजी ई-मेल आईडी से छात्रवृत्ति के काम को अंजाम दिया जाता था।
सीबीआई के मुताबिक स्कॉलरशिप जारी करने की प्रक्रिया अधीक्षक ग्रेड-1 के पास होती है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कई तत्कालीन अधीक्षकों ने पूछताछ में बताया है कि उन्हें स्कॉलरशिप तय मानकों की जांच के बगैर जारी करने को लेकर धमकाया जाता था। यही नहीं ऐसा न करने पर कई अधिकारियों का तबादला तक कर दिया जाता था।
उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके कई मुलाजिमों से सीबीआई ने पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है। पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा किए गए आवेदन को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है।


Conclusion:शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राज्टा से पूछताछ के बाद अब कई अधिकारियों और कर्मचारियों से भी सीबीआई पड़ताल करेगी। शिक्षा विभाग में 250 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने छात्रवृत्ति शाखा में नियुक्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले कर दिए थे।
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