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महंत नरेंद्र गिरि की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के कारण का खुलासा, हिमाचल में भक्तों ने जताया दुख

महंत नरेंद्र गिरि का पोस्टमॉर्टम हो चुका है. आज ही उनको मठ बाघंबरी गद्दी में भू-समाधी दी जाएगी. अपने सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि में लिखा है कि उन्हें उनके गुरु की समाधि के बगल में ही स्थित नींबू के पेड़ के पास समाधि दी जाए. महंत की मौत पर शिमला में लोगों ने दुख जाहिर करते हुए कातिलों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है.

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फोटो.
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Published : Sep 22, 2021, 1:22 PM IST

शिमला: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आज अंतिम विदाई दी जाएगी. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में साधु संत प्रयागराज पहुंच रहे हैं. समाधि देने से पहले उनका पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि नरेंद्र गिरि की मौत दम घुटने की वजह से हुई है.

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत पर हिमाचल की राजधानी शिमला में उनके भक्तों ने शोक व्यक्त किया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े लोगों का कहना है कि महंत की संदिग्ध मौत की जांच की जानी चाहिए और उनके कातिलों को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए.

आपको बता दें कि गंगा स्नान के बाद महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी, जिसके बाद उन्हे समाधि दी जाएगी. महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में आज आनन्द गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी की कोर्ट में पेशी होगी. पुलिस पूछताछ के बाद उन्हे कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस लाइन से कड़ी सुरक्षा के बीच आनंद गिरी और आद्या प्रसाद तिवारी को कोर्ट ले जाया जाएगा.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मौत के मामले में सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने एसआईटी का गठन कर दिया है. 18 सदस्यीय इस विशेष जांच दल में दो डीएसपी अजीत सिंह चौहान व आस्था जायसवाल शामिल हैं. जबकि चार निरीक्षक के अलावा तीन उपनिरीक्षकों को भी इस टीम में शामिल किया गया है. इसके अलावा इस टीम में 9 सिपाही भी शामिल हैं. इस एसआईटी में क्राइम ब्रांच के साथ ही नारकोटिक्स प्रभारी और फील्ड यूनिट के एक्सपर्ट्स शामिल हैं, जो इस पूरे मामले से जुड़े एक-एक तथ्यों की बारीकी से जांच कर घटना की सत्यता का पता लगाएंगे.

जार्ज टाउन थाने में दर्ज इस मुकदमे की जांच में एसआईटी की टीम भी जुट गयी है. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि पवन महाराज की तहरीर पर 21 सितंबर की तारीख में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें स्वामी आनंद गिरि पर धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है. लेकिन, सुसाइड नोट सामने आने के बाद इस मामले में आरोपियों के खिलाफ और भी धाराएं बढ़ायी जा सकती हैं.

ये भी पढ़ें: NH-5 पर क्यारीबंगला के पास भूस्खलन, आवाजाही बाधित...लोग हो रहे परेशान

शिमला: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आज अंतिम विदाई दी जाएगी. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में साधु संत प्रयागराज पहुंच रहे हैं. समाधि देने से पहले उनका पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि नरेंद्र गिरि की मौत दम घुटने की वजह से हुई है.

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत पर हिमाचल की राजधानी शिमला में उनके भक्तों ने शोक व्यक्त किया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े लोगों का कहना है कि महंत की संदिग्ध मौत की जांच की जानी चाहिए और उनके कातिलों को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए.

आपको बता दें कि गंगा स्नान के बाद महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी, जिसके बाद उन्हे समाधि दी जाएगी. महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में आज आनन्द गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी की कोर्ट में पेशी होगी. पुलिस पूछताछ के बाद उन्हे कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस लाइन से कड़ी सुरक्षा के बीच आनंद गिरी और आद्या प्रसाद तिवारी को कोर्ट ले जाया जाएगा.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मौत के मामले में सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने एसआईटी का गठन कर दिया है. 18 सदस्यीय इस विशेष जांच दल में दो डीएसपी अजीत सिंह चौहान व आस्था जायसवाल शामिल हैं. जबकि चार निरीक्षक के अलावा तीन उपनिरीक्षकों को भी इस टीम में शामिल किया गया है. इसके अलावा इस टीम में 9 सिपाही भी शामिल हैं. इस एसआईटी में क्राइम ब्रांच के साथ ही नारकोटिक्स प्रभारी और फील्ड यूनिट के एक्सपर्ट्स शामिल हैं, जो इस पूरे मामले से जुड़े एक-एक तथ्यों की बारीकी से जांच कर घटना की सत्यता का पता लगाएंगे.

जार्ज टाउन थाने में दर्ज इस मुकदमे की जांच में एसआईटी की टीम भी जुट गयी है. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि पवन महाराज की तहरीर पर 21 सितंबर की तारीख में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें स्वामी आनंद गिरि पर धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है. लेकिन, सुसाइड नोट सामने आने के बाद इस मामले में आरोपियों के खिलाफ और भी धाराएं बढ़ायी जा सकती हैं.

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