शिमला: कांग्रेस वर्किंग कमेटी के कांग्रेस शासित प्रदेशों में जाति आधारित गणना करवाने के फैसले के बाद हिमाचल में भी सियासत तेज हो गई है. बीजेपी जहां जातीय गणना का विरोध कर रही है तो कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह हर हाल में गणना करेगी. शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस शासित प्रदेशों में जातिगत गणना कराने का फैसला लिया गया है. इसकी शुरुआत बिहार से की गई है, जहां इसके आंकड़े भी जारी कर दिए गए हैं.
उद्योग मंत्री ने कहा कि इस पर किसी को आपति नहीं नहीं होनी चाहिए. जातीय गणना से जाति विशेष की आबादी का सही पता चल पाएगा और इसी अनुपात में उनको आरक्षण, फंड आदि भी मिल पाएगा. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि देश में बहुत समय से जाति आधारित गणना नहीं हो रही थी. अभी तक केवल एससी और एसटी की गणना हो रही थी, लेकिन गणना के अभाव में बाकी जातियों और उप जातियों की आबादी का सही पता नहीं है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी जाति के आधार पर गणना होगी और मुख्यमंत्री ने भी यह बात कही है. उन्होंने कहा कि इस पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए. उन्होंने साफ कहा कि यह प्रदेश का अपना अधिकार है और चाहे कोई इसको लेकर कोर्ट ही क्यों न जाए, सरकार इनकी गणना कराएगी. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि भाजपा देश को जाति, धर्म के आधार पर बांटने का काम करती रही और इसी आधार पर वह अब तक सता हासिल करती रही है.
'आरक्षण विधेयक के नाम पर महिलाओं की भावनाओं से किया खिलवाड़': हर्षवर्धन चौहान ने महिला आरक्षण पर भाजपा को आड़े हाथों लिया और कहा कि भाजपा ने पहले महिला आरक्षण विधेयक को लेकर बड़ा शोर-शराबा किया, लेकिन जब बिल संसद में पेश किया गया, तो उसमें डिलिमिटेशन और नई जनगणना के बाद ही आरक्षण लागू करने का प्रावधान किया. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह निर्धारित समय पर जनगणना नहीं करा रही. देश में हर दस साल बाद जनगणना की जाती रही है. देश में पिछली जनगणना 2020-21 में जनगणना नहीं कराई गई. देश के इतिहास में यह पहली दफा है कि जनगणना को टाला गया है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कह रही है कि महिला आरक्षण डिलिमिटेशन और जनगणना के बाद 2029 में लागू होगा. यह महिलाओं से भद्दा मजाक है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार की नियत साफ होती तो मौजूदा मौजूदा जनसंख्या के आधार पर महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में आरक्षण देती, लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा न कर महिलाओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और आने वाले लोकसभा चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
'केंद्रीय वित्त मंत्री से आपदा के लिए मांगी मदद': हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हिमाचल में आई आपदा के लिए केंद्र की ओर से मदद का आग्रह किया है. केंद्रीय मंत्री ने इसका आश्वासन दिया है. चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी ओर आपदा प्रभावितों के लिए पैकेज का ऐलान किया है. देश के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी राज्य ने इतना बडा पैकेज दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए सवा लाख रुपए मुआवजा देती है जबकि हिमचाल सरकार ने 7 लाख देने का ऐलान किया है. यही नहीं 1 लाख आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों के लिए दिए जाएंगे.
'पीएम मोदी हिमाचल के लोगों की सुध लेने नहीं आए': हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार से हिमाचल को कोई पैकेज नहीं मिला है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को दूसरा घर कहते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने हिमाचल के लोगों की सुध लेने तक के लिए नहीं आए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का भी भाजपा ने विधानसभा में विरोध कर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया है. प्रदेश में पचायतीराज कर्मचारियों की हड़ताल पर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और पंचायतीराज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने इनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि बजट में की गई घोषणाओं पर अमली जामा पहनाते हुए एसएमएसी व कंप्यूटर शिक्षकों के वेतन और अन्य अस्थाई कर्मचारियों के मानदेय में बढोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा और अगर कर्मचारी मुख्यमंत्री से बात करेंगे तो उनकी मांगों को सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा.