शिमला: प्रदेश के कॉलेजों में लागू वार्षिक रूसा प्रणाली के तहत 22 हजार छात्रों के भविष्य को लेकर और छात्र संघ चुनाव को बहाल न करने के विरोध में एनएसयूआई ने गुरुवार को शिमला में सचिवालय का घेराव किया.
गुरुवार को काफी संख्या में छात्र पहले तो कांग्रेस पार्टी कार्यालय शिमला में इकट्ठे हुए और उसके बाद सचिवालय की ओर अपनी मांगों को लेकर मार्च करने लगे. एनएसयूआई के इन छात्रों को पुलिस ने पहले हाईकोर्ट के पास रोका, लेकिन छात्र वहां से भागकर सचिवालय पहुंच गए.
पुलिस ने छोटा शिमला के पास छात्रों को सचिवालय गेट से पीछे रोक लिया. इस दौरान छात्रों ने पुलिस के बैरिकेट्स को बलपूर्वक हटाने का प्रयास किया, जिसमें स्टूडेंट्स की पुलिस के साथ हल्की धक्कामुकी भी हुई. एनएसयूआई के एचपीयू अध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि सरकार ने रूसा को समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने इस प्रणाली को वार्षिक करके छोड़ दिया.
छात्र संघ ने एचपीयू प्रबंधन पर स्टूडेंट्स के भविष्य को दांव पर लगाने का आरोप लगाया है. हाल ही में वार्षिक प्रणाली के तहत आए एचपीयू के रिजल्ट में प्रदेशभर के कॉलेजों के करीब 22 हजार छात्र फेल हो गए हैं, जिन्हें दोबारा से पहले वर्ष में बैठना पड़ रहा है.
एनएसयूआई ने मांग की है रूसा के तहत रीएवेलुएशन फीस 300 रुपये और करेक्शन फीस 600 रुपये ली जा रही है जिसे कम किया जाए. इसके साथ ही एनएसयूआई ने प्रदेश सराकर से छात्र संघ चुनाव को बहाल करने की मांग की है.
वहीं, उप पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर ने कहा की एनएसयूआई के पास सचिवालय के घेराव कि अनुमति नहीं थी. ऐसे में जब छात्र कांग्रेस कार्यालय से सचिवालय कि ओर चले तो मुख्यमंत्री आवास के पास बेरिगेट्स लगाकर रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन छात्र वहां से भाग गए. छात्र कानून का उल्लंघन कर सचिवालय तक पहुंचे और सचिवालय का घेराव किया. उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने की कोशिश करने के चलते करीब 20 छात्रों पर मामला दर्ज किया गया है.