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स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का सुलझा मामला, अब शिक्षकों को अपने नाम पर नहीं लेने होंगे सिम कार्ड

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Published : Nov 16, 2019, 10:21 AM IST

शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों को यह निर्देश जारी किए हैं कि वह अपने स्तर पर ही इन बायोमेट्रिक मशीनों को लगाने ओर उन्हें एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को पूरा करें. ब्लॉक अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह स्तर पर भी बायोमेट्रिक मशीनों के लिए सिम कार्ड खरीद सकते हैं.

स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का सुलझा मामला, अब शिक्षकों को अपने नाम पर नहीं लेने होंगे सिम कार्ड

शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में लगाई गई बायोमेट्रिक मशीनें अब जल्द ही एक्टिवेट कर दी जाएगी. इसके लिए मशीनों में जो सिम कार्ड लगेगा अब उसे शिक्षक अपने नाम पर नहीं लेंगे. उपनिदेशक कार्यालयों से ही यह बॉयोमेट्रिक मशीनें जेनरेट की जाएगी.

शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों को यह निर्देश जारी किए हैं कि वह अपने स्तर पर ही इन बायोमेट्रिक मशीनों को लगाने ओर उन्हें एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को पूरा करें. इसके साथ ही ब्लॉक अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह स्तर पर भी बायोमेट्रिक मशीनों के लिए सिम कार्ड खरीद सकते हैं. विभाग ने जो निर्देश जारी किए है उसके तहत जीओ, एयरटेल ओर बीएसएनएल ही हाई क्वालिटी का सिम कार्ड ही खरीदना होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

4474 स्कूलों में लागई जा रही हैं बायोमेट्रिक मशीनें

स्कूलों में आधार बेस्ड बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं जो इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से चलेगी. ऐसे में स्कूलों में लगाई गई इन मशीनों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी हर समय बनी रही इसके लिए भी व्यवस्था स्कूलों में उपनिदेशकों को करनी होगी. बता दें कि प्रदेश के 4474 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लागई जा रही हैं. इनमें से 3 हजार स्कूलों में बायोमैट्रिक लग चुकी हैं लेकिन सिम कार्ड ना होने के चलते यह मशीनें एक्टिव नहीं हो पाई ओर ना ही शिक्षकों की हाजरी ऑनलाइन लग पाई है.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से लगाई जा रही हैं मशीनें

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं उनके शिक्षकों को अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदने के निर्देश जारी किए थे जिसका शिक्षकों ने विरोध किया था. शिक्षकों का विरोध था कि वह अपने नाम पर सिम कार्ड नहीं खरीदेंगे यह प्रक्रिया शिक्षा विभाग अपने स्तर पर ही पूरा करें.

सिम कार्ड न होने के कारण मशीनें नहीं हुईं एक्टिवेट

सिम कार्ड ना होने के चलते यह मशीनें एक्टिवेट नहीं हो पाई है, लेकिन अब जब समस्या का समाधान हो गया है तो अब प्रदेश के जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं वहां शिक्षकों की हाजरी ऑनलाइन ही लगेगी. दिसंबर माह तक सभी 4474 स्कूलों में यह मशीनें लगा कर हाजरी इन्हीं मशीनों के माध्यम से विभाग की ओर से ली जाएंगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में लगाई गई बायोमेट्रिक मशीनें अब जल्द ही एक्टिवेट कर दी जाएगी. इसके लिए मशीनों में जो सिम कार्ड लगेगा अब उसे शिक्षक अपने नाम पर नहीं लेंगे. उपनिदेशक कार्यालयों से ही यह बॉयोमेट्रिक मशीनें जेनरेट की जाएगी.

शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों को यह निर्देश जारी किए हैं कि वह अपने स्तर पर ही इन बायोमेट्रिक मशीनों को लगाने ओर उन्हें एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को पूरा करें. इसके साथ ही ब्लॉक अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह स्तर पर भी बायोमेट्रिक मशीनों के लिए सिम कार्ड खरीद सकते हैं. विभाग ने जो निर्देश जारी किए है उसके तहत जीओ, एयरटेल ओर बीएसएनएल ही हाई क्वालिटी का सिम कार्ड ही खरीदना होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

4474 स्कूलों में लागई जा रही हैं बायोमेट्रिक मशीनें

स्कूलों में आधार बेस्ड बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं जो इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से चलेगी. ऐसे में स्कूलों में लगाई गई इन मशीनों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी हर समय बनी रही इसके लिए भी व्यवस्था स्कूलों में उपनिदेशकों को करनी होगी. बता दें कि प्रदेश के 4474 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लागई जा रही हैं. इनमें से 3 हजार स्कूलों में बायोमैट्रिक लग चुकी हैं लेकिन सिम कार्ड ना होने के चलते यह मशीनें एक्टिव नहीं हो पाई ओर ना ही शिक्षकों की हाजरी ऑनलाइन लग पाई है.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से लगाई जा रही हैं मशीनें

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं उनके शिक्षकों को अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदने के निर्देश जारी किए थे जिसका शिक्षकों ने विरोध किया था. शिक्षकों का विरोध था कि वह अपने नाम पर सिम कार्ड नहीं खरीदेंगे यह प्रक्रिया शिक्षा विभाग अपने स्तर पर ही पूरा करें.

सिम कार्ड न होने के कारण मशीनें नहीं हुईं एक्टिवेट

सिम कार्ड ना होने के चलते यह मशीनें एक्टिवेट नहीं हो पाई है, लेकिन अब जब समस्या का समाधान हो गया है तो अब प्रदेश के जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं वहां शिक्षकों की हाजरी ऑनलाइन ही लगेगी. दिसंबर माह तक सभी 4474 स्कूलों में यह मशीनें लगा कर हाजरी इन्हीं मशीनों के माध्यम से विभाग की ओर से ली जाएंगी.

Intro:प्रदेश के स्कूलों में लगाई गई बायोमैट्रिक मशीनें अब जल्द ही एक्टिवेट कर दी जाएगी। इसके लिए मशीनों में जो सिम कार्ड लगेगा अब उसे शिक्षक अपने नाम पर नहीं लेंगें। उपनिदेशक कार्यालयों से ही यह बॉयोमेट्रिक मशीनें जेनरेट की जाएगी।शिक्षा विभाग ने जिला उपनिदेशकों को यह निर्देश जारी किए है कि वह अपने स्तर पर ही इन बायोमैट्रिक मशीनों को लगाने ओर उन्हें एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को पूरा करें। इसके साथ ही ब्लॉक अधिकारियों को भी यह निर्देश है कि वह स्तर पर भी बायोमैट्रिक मशीनों के लिए सिम कार्ड खरीद सकते है।


Body:विभाग ने जो निर्देश जारी किए है उसके तहत जीओ,एयरटेल ओर बीएसएनएल ही हाई क्वालिटी का सिम कार्ड ही ख़रीदना होगा। स्कूलों में आधार बेस्ड बायोमैट्रिक मशीनें लगाई जा रही ही जो इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से चलेगी। ऐसे में स्कूलों में लगाई गई इन मशीनों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी हर समय बनी रही इसके लिए भी व्यवस्था स्कूलों में उपनिदेशकों को करनी होगी। बता दे कि प्रदेश के 4474 स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीनें लागई जा रही ही। इनमें से 3 हज़ार स्कूलों में बायोमैट्रिक लग चुकी है लेकिन सिम कार्ड ना होने के चलते यह मशीनें एक्टिव नहीं हो पाई ओर ना ही शिक्षकों की हाजरी ऑनलाइन लग पाई है।


Conclusion:प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिन स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीनें लगाई जा रही है उनके शिक्षकों को अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदने के निर्देश जारी किए थे जिसका शिक्षकों ने विरोध किया था। शिक्षकों का विरोध था कि वह अपने नाम पर सिम कार्ड नहीं खरीदेंगे यह प्रक्रिया शिक्षा विभाग अपने स्तर पर ही
पूरा करे। ऐसे में सिम कार्ड ना होने के चलते यह मशीनें एक्टिवेट नहीं हो पाई है,लेकिन अब जब समस्या का समाधान हो गया है तो अब प्रदेश के जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई है वहां शिक्षकों की हाजरी ऑनलाइन ही लगेगी। दिसंबर माह तक सभी 4474 स्कूलों में यह मशीनें लगा कर हाज़री इन्ही मशीनों के माध्यम से विभाग की ओर से ली जाएंगी।

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