रामपुर/शिमलाः गोपालपुर पंचायत के सनारसा गांव में लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों को बताया गया की प्राकृतिक खेती के साथ-साथ मिश्रित फसलें कैसे तैयार की जा सकती हैं. लोगों को गाय के गोबर व गोत्र का उपयोग कर जैविक दवाइयां बनाने की विधियां भी बताई गई.
पहाड़ी गाय का खेती और मानव जीवन महत्व
मधुमिता शर्मा ने बताया कि सनारसा गांव में प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी गई. शिविर के माध्यम से बताया गया की कैसे जीवा अमृत तथा पौधों के लिए पेस्ट आदि बनाए जा सकते हैं. यह भी बताया गया की पहाड़ी भारतीय गाय का खेती और मानव जीवन के लिए क्या महत्व है.
आत्मा परियोजना के ब्लॉक टेक्निकल मैनेजर ने दी जानकारी
आत्मा परियोजना के ब्लॉक टेक्निकल मैनेजर करण डिप्टा ने बताया कि प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक शिविर गोपालपुर पंचायत के सनारसा गांव में लगाया गया. इसमें लोगों ने काफी रूचि दिखाई है. इस दौरान बताया गया कि पहाड़ी गाय का खेती में क्या महत्व है और रसायनों से दूर रहकर किस तरह से फसलों को पारंपरिक विधियों से दवाएं बना कर फसलों को बीमारियों से बचाया जासकता है.
महिलाओं ने बढ़ चढ़कर लिया भाग
शेर सिंह ने बताया की कृषि विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती के बारे में शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि फसलों और पौधों को कैसे बीमारियों से बचा जा सकता है. कैसे जैविक विधि से इनका उपचार हो सकता है.