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जल्द हो सकता है कैबिनेट विस्तार, किसको मिलेगा तोहफा तो कौन होगा बाहर - कैबिनेट विस्तार

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कुछ मंत्रियों के कामकाज से खुश नहीं है और उनका मंत्रिमंडल से निकलना तय माना जा रहा है. ऐसे में उपचुनावों की परफॉर्मेंस से अधिक क्षेत्रीय और जातीय समीकरण बिठाने पर अधिक जोर होगा.

जल्द हो सकता है कैबिनेट विस्तार, किसको मिलेगा तोहफा तो कौन होगा बाहर
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Published : Nov 14, 2019, 11:22 AM IST

शिमला: उपचुनावों के बाद अब हिमाचल मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल और 2 नए मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है. हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि सिर्फ उपचुनावों में परफॉर्मेंस के आधार पर ही मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा अन्य समीकरण भी देखे जाएंगे. लेकिन उपचुनावों में भूमिका को भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता ऐसे में कैबिनेट विस्तार में उपचुनावों का असर दिखने की संभावना अधिक है.

हाल ही में हुए उपचुनाव में भाजपा को दोनों सीटों पर अपने ही बागियों से कड़ी टक्कर मिली थी ऐसे में सरकार की लाज बचना में धर्मशाला में राकेश पठानिया और पच्छाद में सुखराम चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से भी दोनों फिट बैठते हैं लेकिन प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा भी जोरों पर है.

वीडियो.

मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल

अगर मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी होती है तो फिर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी मंत्रिमंडल शामिल किए जा सकते हैं. लेकिन अगर रिजर्व कोटे से ही महिला को मंत्री बनाए जाने की बात आती है तो फिर उपचुनावों में जीत कर आई रीना कश्यप को भी मंत्री बनाया जा सकता है. ऐसे में राजीव बिंदल और सुखराम चौधरी दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

दिलचस्प यह भी रहेगा कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब होता है अगर विस्तार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद होता है तो भी मंत्री बनने समीकरणों पर असर पड़ सकता है. जिस संसदीय क्षेत्र को पार्टी अध्यक्ष की पदवी मिलेगी उस क्षेत्र से नए मंत्री बनने की संभावना काफी कम हो सकती है.

ये भी पढ़ें: शिमला के आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल, पूर्व PM से लेकर कई नामी हस्तियों ने आजमाए हैं पैर

कैबिनेट विस्तार और फेरबदल मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और वो इस निर्णय को कब लेते हैं यह उपर निर्भर करता है चर्चा के अनुसार कैबिनेट विस्तार के लिए मुख्मंत्री फिलहाल दिल्ली में पार्टी के आला नेताओं की सहमती का इंतजार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: अपने स्टोर्स को कोल्ड स्टोर में बदलेगा हिमफेड, इस साल खरीदा 27 हजार 968 मैट्रिक टन सेब

शिमला: उपचुनावों के बाद अब हिमाचल मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल और 2 नए मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है. हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि सिर्फ उपचुनावों में परफॉर्मेंस के आधार पर ही मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा अन्य समीकरण भी देखे जाएंगे. लेकिन उपचुनावों में भूमिका को भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता ऐसे में कैबिनेट विस्तार में उपचुनावों का असर दिखने की संभावना अधिक है.

हाल ही में हुए उपचुनाव में भाजपा को दोनों सीटों पर अपने ही बागियों से कड़ी टक्कर मिली थी ऐसे में सरकार की लाज बचना में धर्मशाला में राकेश पठानिया और पच्छाद में सुखराम चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से भी दोनों फिट बैठते हैं लेकिन प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा भी जोरों पर है.

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मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल

अगर मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी होती है तो फिर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी मंत्रिमंडल शामिल किए जा सकते हैं. लेकिन अगर रिजर्व कोटे से ही महिला को मंत्री बनाए जाने की बात आती है तो फिर उपचुनावों में जीत कर आई रीना कश्यप को भी मंत्री बनाया जा सकता है. ऐसे में राजीव बिंदल और सुखराम चौधरी दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

दिलचस्प यह भी रहेगा कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब होता है अगर विस्तार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद होता है तो भी मंत्री बनने समीकरणों पर असर पड़ सकता है. जिस संसदीय क्षेत्र को पार्टी अध्यक्ष की पदवी मिलेगी उस क्षेत्र से नए मंत्री बनने की संभावना काफी कम हो सकती है.

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कैबिनेट विस्तार और फेरबदल मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और वो इस निर्णय को कब लेते हैं यह उपर निर्भर करता है चर्चा के अनुसार कैबिनेट विस्तार के लिए मुख्मंत्री फिलहाल दिल्ली में पार्टी के आला नेताओं की सहमती का इंतजार कर रहे हैं.

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Intro:Body:जल्द हो सकता है कैबिनेट विस्तार. किसको मिलेगा तोहफा तो कौन होगा बाहर

शिमला. उपचुनावों के बाद अब हिमाचल मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल और 2 नए मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है. हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि सिर्फ उपचुनावों में परफॉर्मेंस के आधार पर ही मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा अन्य समीकरण भी देखे जाएंगे. लेकिन उपचुनावों में भूमिका को भी नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता ऐसे में कैबिनेट विस्तार में उपचुनावों का असर दिखने की संभावना अधिक है.

हाल ही में हुए उपचुनावों में भाजपा को दोनों सीटों पर अपने ही बागियों से कड़ी टक्कर मिली थी ऐसे में सरकार की लाज बचना में धर्मशाला में राकेश पठानिया और पच्छाद में सुखराम चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और क्षेत्रीय समिकरण के हिसाब से भी दोनों फिट बैठते हैं लेकिन प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा भी जोरों पर है. चर्चा है कि मुख्यमंत्री कुछ मंत्रियों के कामकाज से खुश नहीं है और उनका मंत्रिमंडल से निकलना तय माना जा रहा है. ऐसे में उपचुनावों की परफॉर्मेंस से अधिक क्षेत्रीय और जातीय समिकरण बिठाने पर अधिक जोर होगा.

अगर मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी होती है तो फिर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी मंत्रिमंडल शामिल किए जा सकते हैं. लेकिन अगर रिजर्व कोटे से ही महिला को मंत्री बनाए जाने की बात आती है तो फिर उपचुनावों में जीत कर आई रीना कश्यप को भी मंत्री बनाया जा सकता है. ऐसे में राजीव बिंदल और सुखराम चौधरी दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
दिलचस्प यह भी रहेगा कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब होता है अगर विस्तार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद होता है तो भी मंत्री बनने समिकरणों पर असर पड़ सकता है. जिस संसदीय क्षेत्र को पार्टी अध्यक्ष की पदवी मिलेगी उस क्षेत्र से नए मंत्री बनने की संभावना काफी कम हो सकती है. कैबिनेट विस्तार और फेरबदल मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और वो इस निर्णय को कब लेते हैं यह उपर निर्भर करता है चर्चा के अनुसार कैबिनेट विस्तार के लिए मुख्मंत्री फिल्हाल दिल्ली में पार्टी के आला नेताओं की सहमती का इंतजार कर रहे हैं.


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