शिमलाः देश की आर्थिक व्यवस्था और कोरोना संकट को देखते हुए यह बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है. इस बजट में युवाओं को रोजगार की तरफ ध्यान दिया है. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश यह बजट किसी प्रदेश की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए. यह देश की आर्थिक व्यवस्था और कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के कारण प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने और ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए पेश किया गया है.
भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला है बजट
इस बजट के माध्यम से यह झलक भी देखने को मिलती है. आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था किन ऊंचाइयों पर पहुंचने वाली है. उन्होंने कहा कि यह किसानों के पक्ष का बजट है. भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है. इस बजट में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के ऊपर ध्यान दिया गया है. इसके अलावा युवाओं को रोजगार पर भी विशेष ध्यान दिया है, इसलिए हम कह सकते हैं कि यह बजट किसानों युवाओं छोटे व्यापारियों को अधिक लाभ पहुंचाए.
केंद्रीय बजट सराहनीय
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है. इन सुविधाओं को और सशक्त बनाने में इस बजट से लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस बजट में 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट भी पेश की गई है. उसमें भी हिमाचल प्रदेश को आर्थिक व्यवस्था की दृष्टि से अच्छा हिस्सा मिला है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पानी की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जो कदम उठाए गए हैं, वह सराहनीय है.
स्वच्छता मिशन के लिए भी प्रावधान
इस बजट के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता मिशन पर भी धन का प्रावधान किया गया है, जो स्वागत योग्य कदम है. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में आवास के लिए भी विशेष योजनाएं इस बजट के माध्यम से स्वीकृत की गई है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कुल मिलाकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश यह बजट किसानों बागवानी छोटे कर्मचारियों और युवाओं के पक्ष में है.
आम जनता के हित में बजट
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है, वह आम जनता के हित में है. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य ग्रामीण भारत में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया है. वित्त मंत्री ने जल जीवन मिशन शहरी शुरू करने की घोषणा की है. इसे 2.87 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 5 वर्षों में लागू किया जाएगा. शहरी विकास के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश अच्छा कार्य कर रहा है.
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