शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 की मतगणना (Himachal election results 2022) का रिजल्ट सबके सामने हैं. शुरुआती रुझान में जहां कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर देखने को मिली, वहीं धीरे-धीरे पूरे परिणाम कांग्रेस के पक्ष में होते नजर आए. इन चुनावों में शुरुआत से ही ये चर्चा रही कि बागी उम्मीदवार खेल बिगाड़ सकते हैं और दोनों बड़ी पार्टियों का खेल बागियों ने बिगाड़ा भी है.
अगर जीत की बात करें तो केवल तीन ही निर्दलीय उम्मीदवार स्पष्ट रूप से जीत पाए हैं. इन परिणामों में साफ नजर आया कि बागियों से सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ है. 6 सीटों पर प्रत्यक्ष रूप से बागियों ने भाजपा को हार झेलने पर मजबूर कर दिया. अगर ये नेता भाजपा में ही रहते तो निश्चित रूप से ये 6 सीटें भाजपा की झोली में ही गिरती. इसके विपरीत कांग्रेस में बागी कम थे तो उन्हें प्रत्यक्ष नुकसान भी कम हुआ है. कांग्रेस को तीन सीटों पर बागियों की वजह से हार का मुंह देखना पड़ा है.
इन तीन सीटों पर जीते निर्दलीय: नालागढ़ में केएल ठाकुर ने 33 हजार से ज्यादा वोट प्राप्त कर जीत हासिल की, यहां कांग्रेस को 20 हजार से ज्यादा तो भाजपा को 17 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. देहरा विधानसभा सीट से होशियार सिंह ने लगभग 23 हजार वोट प्राप्त कर जीत हासिल की है. इस सीट पर कांग्रेस को 19 हजार से ज्यादा तो भाजपा को साढ़े सोलह हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. इनके अलावा तीसरी जगह हमीरपुर विधानसभा में आशीष शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की है. उन्हें 25 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. इस सीट पर भाजपा के बागी नरेश दर्जी को 1200 से ज्यादा वोट ही मिले, जबकि कांग्रेस को 13 हजार और भाजपा को 12 हजार से ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं.
इन सीटों पर भाजपा बागियों की वजह से हारी: वैसे तो इस बार बीजेपी के कई नेताओं ने टिकट न मिलने पर बगावत का झंडा (BJP rebels in Himachal) बुलंद किया और निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गए. लेकिन 6 चेहरों ने भाजपा को कांग्रेस के आगे नतमस्तक होने पर मजबूर कर दिया. इनमें हमीरपुर जिले की बड़सर सीट से संजीव शर्मा, सोलन जिले की नालागढ़ सीट से केएल ठाकुर, किन्नौर से तेजवंत नेगी, कुल्लू सीट से राम सिंह और कांगड़ा जिले की इंदौरा सीट से मनोहर धीमान का नाम शामिल है. इन सभी 6 सीटों पर अगर बागी नेता भाजपा में ही रहते तो यहां पर बीजेपी की जीत निश्चित थी, लेकिन वोट कटने की वजह से इन सभी 6 सीटों पर कांग्रेस ने फतह हासिल की है.
किन्नौर में तेजवंत ने बिगाड़ा खेल: किन्नौर सीट पर भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे तेजवंत नेगी ने भाजपा का खेल बिगाड़ा. तेजवंत नेगी को कुल 8,412 मिले हैं. अगर तेजवंत बगावत न करते तो इसका फायदा भाजपा को हो सकता है. क्योंकि भाजपा उम्मीदवार सूरत नेगी को 13,515 वोट मिले हैं. अगर दोनों के वोट मिला दिए जाएं, तो ये कांग्रेस प्रत्याशी जगत नेगी के वोटों से ज्यादा होते. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जगत नेगी ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 20,208 वोट मिले हैं.
बड़सर में संजीव बने भाजपा का रोड़ा: हमीरपुर की बड़सर सीट पर भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे संजीव शर्मा ने भाजपा का खेल बिगाड़ा. संजीव शर्मा को कुल 14,994 मिले हैं. अगर संजीव बगावत न करते तो इसका फायदा भाजपा को हो सकता है. क्योंकि भाजपा उम्मीदवार माया शर्मा को 15,931 वोट मिले हैं. अगर दोनों के वोट मिला दिए जाएं, तो ये कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल के वोटों से ज्यादा होते. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 29,105 वोट मिले हैं.
कुल्लू में राम सिंह ने बिगाड़ा समीकरण: कुल्लू जिले की कुल्लू सीट पर भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे राम सिंह ने भाजपा का खेल बिगाड़ा. राम सिंह को कुल 11,790 मिले हैं. अगर राम सिंह बगावत न करते तो इसका फायदा भाजपा को हो सकता है. क्योंकि भाजपा उम्मीदवार नरोत्तम सिंह को 25,493 वोट मिले हैं. अगर दोनों के वोट मिला दिए जाएं, तो ये कांग्रेस प्रत्याशी सुंदर ठाकुर के वोटों से ज्यादा होते. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सुंदर ठाकुर ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 29,413 वोट मिले हैं.
इंदौरा में मलेंद्र राजन ने बिगाड़ा खेल: कुल्लू जिले की कुल्लू सीट पर भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में मनोहर लाल ने भाजपा का खेल बिगाड़ा. मनोहर लाल को कुल 4,394 मिले हैं. अगर मनोहर लाल बगावत न करते तो इसका फायदा भाजपा को हो सकता है. क्योंकि भाजपा उम्मीदवार रीता देवी को 25,493 वोट मिले हैं. अगर दोनों के वोट मिला दिए जाएं, तो ये कांग्रेस प्रत्याशी मलेंद्र राजन के वोटों से ज्यादा होते. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मलेंद्र राजन ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 30,421 वोट मिले हैं.
बागियों ने की कांग्रेस की भी 3 सीटें कम: हिमाचल के विधानसभा चुनावों में 7 बागी कांग्रेस (Congress rebels in Himachal) के मैदान में थे. इनमें से सिरमौर जिले की पच्छाद विधानसभा सीट से गंगूराम मुसाफिर, शिमला जिले की चौपाल सीट से डॉ. सुभाष मंगलेट और कुल्लू जिले की आनी सीट से परसराम ने कांग्रेस को 3 सीटों का नुकसान पहुंचाया है. अगर ये तीनों बागी कांग्रेस में ही रहते तो कांग्रेस के खाते में 3 सीटों का और इजाफा हो सकता था. (Rebellions will be kingmakers in Himachal Election).
चौपाल में मंगलेट ने बिगाड़ा खेल: शिमला जिले की चौपल सीट पर कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे सुभाष मंगलेट ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा. सुभाष मंगलेट को कुल 13,706 मिले हैं. अगर मंगलेट बगावत न करते तो इसका फायदा कांग्रेस को हो सकता है. क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार रजनीश किमटा को 20,840 वोट मिले हैं. अगर दोनों के वोट मिला दिए जाएं, तो ये भाजपा प्रत्याशी बलवीर वर्मा के वोटों से ज्यादा होते. इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी बलवीर वर्मा ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 25,873 वोट मिले हैं.
आनी में परसराम ने बिगाड़ा समीकरण: कुल्लू जिले की आनी सीट पर कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे परसराम ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा. परसराम को कुल 17,355 मिले हैं. अगर परसराम बगावत न करते तो इसका फायदा कांग्रेस को हो सकता है. क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार बंसीलाल को 14,224 वोट मिले हैं. अगर दोनों के वोट मिला दिए जाएं, तो ये भाजपा प्रत्याशी लोकेंद्र कुमार के वोटों से ज्यादा होते. इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी लोकेंद्र कुमार ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 24,133 वोट मिले हैं.
पच्छाद में मुसाफिर कर गए खेल: सिरमौर जिले की पच्छाद सीट पर कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे गंगूराम मुसाफिर ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा. गंगूराम मुसाफिर को कुल 13,187 मिले हैं. अगर मुसाफिर बगावत न करते तो इसका फायदा कांग्रेस को हो सकता है. क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार दयाल प्यारी को 17,358 वोट मिले हैं. अगर दोनों के वोट मिला दिए जाएं, तो ये भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप के वोटों से ज्यादा होते. इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप ने जीत दर्ज की है, जिन्हें 21,215 वोट मिले हैं.
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