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10 दिन हो गए अभी तक कैबिनेट का गठन ही नहीं हुआ तो वादे कहां होंगे पूरे: रणधीर शर्मा

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा ने शिमला में प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने की बात कही गई थी. दस दिन हो गए लेकिन अभी तक कैबिनेट का गठन ही नहीं हो पाया.(Randhir Sharma target congress)

Randhir Sharma target congress
रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
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Published : Dec 20, 2022, 7:40 PM IST

रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

शिमला: प्रदेश में कांग्रेस की सरकार, पूर्व की बीजेपी सरकार के चुनावों के कुछ महीनों पहले लिए फैसलों को लगातार रिव्यु कर रही है. अब सुक्खू सरकार ने पूर्व की जयराम सरकार द्वारा बनाए बिजली बोर्ड के नए डिवीजनों को भी डी-नोटिफाई किया है. सरकार के इन तमाम निर्णयों के खिलाफ बीजेपी मुखर हो गई है. भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अपने फैसलों पर पुनः विचार करने को कहा है और चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो भाजपा सड़कों से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी. (Randhir Sharma target congress)

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की नई नवेली सरकार ने 10 दिन में एक भी निर्णय जनहित में नहीं लिया है. अभी तक एक भी चुनावी वादे को पूरा करने की शुरूआत नहीं हो पाई है. जनविरोधी निर्णयों के साथ सरकार ने अपने कार्यकाल का आगाज किया है और बीजेपी इसकी निंदा करती है. उन्होंने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार ने जनता के हित में अनेक निर्णय लिए लेकिन कांग्रेस उन फैसलों को बदल रही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनते ही 1 अप्रैल 2022 के बाद के निर्णय को रिव्यु कर कई संस्थानों को डी नोटिफाई करने का काम किया है. यह तर्क संगत नहीं है. तुगलकी फरमान सुनाते हुए बिजली बोर्ड के अनेक संस्थान डी नोटिफाई किए हैं, शिवा प्रोजेक्ट के धर्मपुर कार्यालय को भी बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सीमेंट कंपनियों की तालाबंदी हो गई लेकिन सरकार ने समस्या के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किया. हजारों लोगों पर रोजगार संकट खड़ा हो गया लेकिन सरकार दिल्ली, राजस्थान के सैर स्पाटे में व्यस्त है.

उन्होंने कहा कि पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने की बात कही गई थी. दस दिन हो गए लेकिन अभी तक कैबिनेट का गठन ही नहीं हो पाया. इस सरकार ने कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक किया है. महिलाओं को 15 सौ रुपये प्रतिमाह देने की बात कही लेकिन अब पहले आर्थिक संसाधन खड़े करने की बात कह रहे हैं. मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के बयानों में विरोधाभास है. इससे इनकी कार्यप्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है. छोटे से प्रदेश में उपमुख्यमंत्री का पद सृजित किया और फिजूलखर्ची को बढ़ावा दिया गया है.

ये भी पढ़ें: 'अभी क्वारंटाइन हूं, जल्द लौटूंगा, जनता से किए सभी वादे पूरे करेगी सरकार'

रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

शिमला: प्रदेश में कांग्रेस की सरकार, पूर्व की बीजेपी सरकार के चुनावों के कुछ महीनों पहले लिए फैसलों को लगातार रिव्यु कर रही है. अब सुक्खू सरकार ने पूर्व की जयराम सरकार द्वारा बनाए बिजली बोर्ड के नए डिवीजनों को भी डी-नोटिफाई किया है. सरकार के इन तमाम निर्णयों के खिलाफ बीजेपी मुखर हो गई है. भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अपने फैसलों पर पुनः विचार करने को कहा है और चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो भाजपा सड़कों से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी. (Randhir Sharma target congress)

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की नई नवेली सरकार ने 10 दिन में एक भी निर्णय जनहित में नहीं लिया है. अभी तक एक भी चुनावी वादे को पूरा करने की शुरूआत नहीं हो पाई है. जनविरोधी निर्णयों के साथ सरकार ने अपने कार्यकाल का आगाज किया है और बीजेपी इसकी निंदा करती है. उन्होंने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार ने जनता के हित में अनेक निर्णय लिए लेकिन कांग्रेस उन फैसलों को बदल रही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनते ही 1 अप्रैल 2022 के बाद के निर्णय को रिव्यु कर कई संस्थानों को डी नोटिफाई करने का काम किया है. यह तर्क संगत नहीं है. तुगलकी फरमान सुनाते हुए बिजली बोर्ड के अनेक संस्थान डी नोटिफाई किए हैं, शिवा प्रोजेक्ट के धर्मपुर कार्यालय को भी बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सीमेंट कंपनियों की तालाबंदी हो गई लेकिन सरकार ने समस्या के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किया. हजारों लोगों पर रोजगार संकट खड़ा हो गया लेकिन सरकार दिल्ली, राजस्थान के सैर स्पाटे में व्यस्त है.

उन्होंने कहा कि पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने की बात कही गई थी. दस दिन हो गए लेकिन अभी तक कैबिनेट का गठन ही नहीं हो पाया. इस सरकार ने कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक किया है. महिलाओं को 15 सौ रुपये प्रतिमाह देने की बात कही लेकिन अब पहले आर्थिक संसाधन खड़े करने की बात कह रहे हैं. मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के बयानों में विरोधाभास है. इससे इनकी कार्यप्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है. छोटे से प्रदेश में उपमुख्यमंत्री का पद सृजित किया और फिजूलखर्ची को बढ़ावा दिया गया है.

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