शिमला: कोरोना काल में निजी स्कूलों की तरफ से फीस वसूली को लेकर जारी विवाद के बीच राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. डीसी की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी सभी विवादों का निपटारा करेगी. यदि किसी स्कूल से जबरन नाजायज फीस वसूली की शिकायत आती है तो ये कमेटी उस पर एक्शन लेगी.
डीसी के अलावा कमेटी में संबंधित जिला के हायर एजुकेशन डिप्टी डॉयरेक्टर व डिप्टी डॉयरेक्टर एलीमेंटरी एजुकेशन शामिल होंगे. कमेटी इस बात पर नजर रखेगी कि निजी स्कूल किसी भी तरह की नाजायज फीस वसूली न कर सकें.
फीस वसूली के खिलाफ आंदोलन
बता दें कि शिमला सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में अभिभावक मंच निजी स्कूलों द्वारा कोरोना काल में स्कूल बंद होने के बाद भी कई मदों में फीस वसूली के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. इससे अभिभावकों में भी रोष है.
निजी स्कूल डाल रहे फीस वसूली का दबाव
शिमला के कई निजी स्कूलों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि वे नाहक ही फीस वसूली का दबाव डाल रहे हैं. अब सभी शिकायतों के लिए अभिभावकों के पास एक मंच उपलब्ध होगा. वहीं, कैबिनेट ने विंटर व समर वेकेशन वाले स्कूलों को 12 फरवरी तक बंद किया है, लेकिन ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी.
निजी शिक्षण संस्थानों की मॉनिटरिंग के लिए समिति गठित
मंत्रिमण्डल ने निजी स्कूलों द्वारा लगाए जा रहे अत्यधिक शुल्क के मुद्दे पर भी विचार किया और सम्बन्धित जिलों के उपायुक्तों की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा के उप-निदेशकों को सदस्य के रूप में शामिल कर समिति गठित की. समिति द्वारा यह देखा जाएगा कि निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा लिए जा रहे शुल्क और चार्ज स्कूलों में कर्मचारियों के वेतन और बुनियादी सुविधाओं के अनुरूप हैं और यह किसी का शोषण तो नहीं कर रहे हैं.
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