शिमला: हिमाचल में आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सरकार के संकल्प पर कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने भी चर्चा में भाग लिया. भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल में आई इस साल बरसात में हुए नुकसान आपदा के मापदंडों पर खरा उतरता है. हिमाचल में करीब 8900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और करीब 441 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने सदन में बताया कि क्यों हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित होना जरूरी है.
दरअसल, भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि किसी भी आपदा को राष्ट्रीय घोषित होने पर प्रभावित राज्य को कई वित्तीय लाभ मिलते हैं. राष्ट्रीय आपदा घोषित होने पर एक कैलेमिटी रिलीफ फंड बनता है. जिसमें नुकसान का 90 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देती है और बाकी 10 फीसदी पैसा संबंधित राज्य को यानी हिमाचल को वहन करना पड़ेगा. इसके अलावा एक नेशनल रीलिफ कंटीजेंस फंड बनता है, जिसका पैसा केंद्र सरकार देती है. इसके साथ ही लोन माफी का लाभ मिलेगा, जिससे प्रभावित किसानों और मकानों के लिए लोन माफ होंगे. यही नहीं हिमाचल को नए लोन पर सब्सिडी भी मिलेगी.
भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि अगर हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाता है तो इसका फायदा हर हिमाचली को मिलेगा है और अगर नहीं मिलता है तो इसका नुकसान भी प्रदेश में सभी का होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर राष्ट्रीय आपदा घोषित करती है तो यह पैसा कांग्रेस को तो नहीं मिलेगा. इसका फायदा सभी लोगों और प्रभावितों को मिलेगा. भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो पैसा दिया है, उसका 180 करोड़ मिलना था जबकि 180 रुपये एडवांस दिए गए हैं. यह ऐसा ही जैसे किसी का वेतन एडवांस में दिया जाता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास डिजास्टर का 315 करोड़ साल 2021-22 का पेंडिंग था, उसमें से 189 करोड़ रुपया दिया गया है. यह रिलीफ नहीं है.
भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि किसी भी आपदा को घोषित करने का अधिकार केंद्र सरकार है. अगर केंद्र सरकार चाहे तो वह किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य में इतनी बड़ी आपदा आई है और सभी को इसको राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
ये भी पढ़ें: Mandi News: कांग्रेस नेता पर PWD इंजीनियर को बंधक बनाने का आरोप, पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत