शिमला: करीब 1 साल के बाद राजधानी शिमला के मंदिरों में भंडारे के साथ ही पूजा अर्चना शुरू होगी. जिला उपायुक्त की ओर से इस को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है जिसके तहत श्रद्धालु दर्शन के लिए विभिन्न मंदिरों और धार्मिक स्थलों के गर्भ गृह में भी जा सकेंगे. साथ ही मंदिरों में भंडारे के लगाने की अनुमति भी जिला प्रशासन की ओर से दी गई है. सराय और धर्मिक स्थलों पर रात्रि ठहराव की अनुमति भी दी गई है. जिला प्रशासन की ओर से हालांकि मंदिर प्रबंधन को कोविड नियमों का ध्यान रखने की हिदायत दी गई है.
शिमला के मंदिरों में भक्तों को पूजा-भजन करने की अनुमति
शिमला जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि अतिरिक्त सचिव भाषा कला विभाग द्वारा जारी आदेशों के तहत जिला में श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थलों मंदिरों में दर्शन पूजा भजन करने की अनुमति प्रदान करने के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि विवाह मुंडन समारोह में भी धार्मिक परिसरों में किए जा सकेंगे. श्रद्धालु दर्शन के लिए विभिन्न मंदिरों में धार्मिक स्थलों के गर्भ गृह में भी जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि स्थानीय समितियों और जगहों की उपलब्धता को देखते हुए गर्भ गृह में श्रद्धालुओं को दर्शन करने भेजने की संख्या स्थानीय मंदिर अधिकारियों द्वारा निर्धारित की जाएगी. मंदिर या धार्मिक स्थल में पूर्व की भांति हवन किए जा सकेंगे. मंदिरों में सूखा या बंद पैकेट प्रसाद मंदिर परिसर के अंदर ही मान्य होगा. चुन्नी झंडा और नारियल भी चढ़ाया सकेंगे. मंदिर में जगह और श्रद्धालुओं को बैठने की संख्या के आधार पर कोविड-19 के तहत जारी मांगों की पालना के तहत और भंडारे की अनुमति भी प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के धार्मिक स्थलों में धार्मिक न्यास समितियों के अधिकारियों और पदाधिकारी पुजारी इस दौरान कोविड-19 के नियम के तहत जारी किए गए मानकों का कड़ाई से पालन करें.
भंडारों को खोलने की भी मिली अनुमति
बता दें कि कोरोना के चलते मंदिरों को पूरी तरह से अभी तक बंद रखा रखा था. हालांकि अनलॉक के बाद मंदिरों को भी दर्शन के लिए खोल दिया गया था. लेकिन मंदिरों में पूजा-अर्चना और भंडारों पर रोक लगाई गई थी. वहीं, अब प्रशासन की ओर से मंदिरों को पूजा अर्चना के साथ ही भंडारों के लिए भी खोल दिया गया है.
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