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RTI के तहत समय पर सूचना ने देना सरकारी कर्मचारी को पड़ा मंहगा, आयोग ने लगाया जुर्माना

आरटीआई एक्ट के तहत एसडीएम कार्यलय बड़सर से मांगी गई जानकारी एक माह के स्थान पर एक साल बाद दी गई. जब प्रार्थी ने अपील की तो प्रथम अपीलीय अथॉरिटी यानी एसडीएम बड़सर ने अपीलों की सुनवाई नहीं की.

barsar sdm office superintendent fined one thousand by information commission
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Published : Oct 17, 2019, 10:48 AM IST

शिमला: आरटीआई की समय पर सूचना ना देने पर एसडीएम बडसर कार्यालय के अधीक्षक पर एक हजार रूपए जुर्माना लगाया गया है. साथ ही मामले में लापरवाही सामने आने पर जांच भी बिठा दी गई है.

राज्य सूचना आयोग ने एसडीएम पर फोन के जरिए संपर्क किया. इस दौरान उन्होंने सुनवाई की जानकारी ना होने की बात कही जिसके बाद आयोग ने मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए. यह आदेश राज्य सूचना आयुक्त सुशील चंद्र श्रीवास्तव ने जारी किए हैं.

आरटीआई एक्ट के तहत एसडीएम कार्यलय बड़सर से मांगी गई जानकारी एक माह के स्थान पर एक साल बाद दी गई. जब प्रार्थी ने अपील की तो प्रथम अपीलीय अथॉरिटी यानी एसडीएम बड़सर ने अपीलों की सुनवाई नहीं की. इसके बाद आयोग के समक्ष आवेदक ने तीन अपीलें दायर कीं. आयोग ने सुनवाई के दौरान प्रथम अपीलीय अथॉरिटी एसडीएम बड़सर और जन सूचना अधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के आदेश दिए.

एसडीएम बड़सर न तो आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और न ही उन्होंने इस बारे में कोई छूट मांगी. हालांकि, जनसूचना अधिकारी ने आयोग के समक्ष पेश होकर कहा कि सूचना देने में देरी होने के लिए खेद जताते हुए कहा कि मांगी गई सूचना साधारण डाक से आवेदक को दे दी गई है.

शिमला: आरटीआई की समय पर सूचना ना देने पर एसडीएम बडसर कार्यालय के अधीक्षक पर एक हजार रूपए जुर्माना लगाया गया है. साथ ही मामले में लापरवाही सामने आने पर जांच भी बिठा दी गई है.

राज्य सूचना आयोग ने एसडीएम पर फोन के जरिए संपर्क किया. इस दौरान उन्होंने सुनवाई की जानकारी ना होने की बात कही जिसके बाद आयोग ने मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए. यह आदेश राज्य सूचना आयुक्त सुशील चंद्र श्रीवास्तव ने जारी किए हैं.

आरटीआई एक्ट के तहत एसडीएम कार्यलय बड़सर से मांगी गई जानकारी एक माह के स्थान पर एक साल बाद दी गई. जब प्रार्थी ने अपील की तो प्रथम अपीलीय अथॉरिटी यानी एसडीएम बड़सर ने अपीलों की सुनवाई नहीं की. इसके बाद आयोग के समक्ष आवेदक ने तीन अपीलें दायर कीं. आयोग ने सुनवाई के दौरान प्रथम अपीलीय अथॉरिटी एसडीएम बड़सर और जन सूचना अधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के आदेश दिए.

एसडीएम बड़सर न तो आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और न ही उन्होंने इस बारे में कोई छूट मांगी. हालांकि, जनसूचना अधिकारी ने आयोग के समक्ष पेश होकर कहा कि सूचना देने में देरी होने के लिए खेद जताते हुए कहा कि मांगी गई सूचना साधारण डाक से आवेदक को दे दी गई है.

Intro:शिमला. आरटीआई की समय पर सूचना ना देने पर एसडीएम बडसर कार्यालय के अधीक्षक पर एक हजार रूपए जुर्माना लगाया गया है साथ ही मामले में लापरवाही सामने आने पर जांच भी बिठा दी गई है. राज्य सूचना आयोग की तरफ से जब एसडीएम को फोन किया गया तो उन्होंने सुनवाई की जानकारी ना होने की बात कही जिसके बाद आयोग ने मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए. यह आदेश राज्य सूचना आयुक्त सुशील चंद्र श्रीवास्तव ने जारी किए हैं। Body:आरटीआई एक्ट के तहत एसडीएम कार्यलय बडसर से मांगी गई जानकारी एक माह के स्थान पर एक साल बाद दी गई. जब प्रार्थी ने अपील की तो प्रथम अपीलीय अथॉरिटी यानी एसडीएम बड़सर ने अपीलों की सुनवाई नहीं की। इसके बाद आयोग के समक्ष आवेदक ने तीन अपीलें दायर कीं। आयोग ने सुनवाई के दौरान प्रथम अपीलीय अथॉरिटी एसडीएम बड़सर और जनसूचना अधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के आदेश दिए। एसडीएम बड़सर न तो आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और न ही उन्होंने इस बारे में कोई छूट मांगी। हालांकि, जनसूचना अधिकारी ने आयोग के समक्ष पेश होकर कहा कि सूचना देने में देरी होने के लिए पछतावा किया और कहा कि वांछित सूचना साधारण डाक से आवेदक को दे दी गई हैं।
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