शिमला: ब्रिटिश हुकूमत में भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहे ऐतिहासिक शहर शिमला में भारत मां के महान सपूत शहीद-ए-आजम भगत सिंह की एक निशानी है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इसके बारे में विभाग को अवगत करवाने के बाद भी इस निशानी को सहेजने के प्रयास नहीं किए गए है. देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम शहर के तौर पर शिमला का नाम दर्ज है. इसी शहर में अमर शहीद भगत सिंह के नाम पर एक रोड है, लेकिन अब यह रोड गुमनाम है और इसके इस नाम को भी कोई नहीं जानता है. यहां तक कि इस तरह के ऐतिहासिक चीजों को सहेजने और पहचान दिलवाने की जिम्मेदारी जिन विभागों के पास है उनको भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. ना ही निगम प्रशासन और ना ही भाषा एवं संस्कृति विभाग को यह जानकारी है कि इस तरह का कोई रोड शिमला में है.
एक साल पहले ही ईटीवी भारत ने शहीद भगत सिंह की इस निशानी के बारे में भाषा एवं संस्कृति विभाग को अवगत करवाया था. उस समय विभाग ने कहा था कि इस मार्ग को शहीद भगत सिंह के नाम से ही पहचान दिलवाई जाएगी. इस मार्ग पर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा लगाने के साथ ही इस सड़क को आज पुरानी राहें योजना से जोड़कर इस सड़क का नाम किस तरह से भगत सिंह के नाम पर रखा गया इसका इतिहास भी लिखा जाएगा. साल बीत गया, लेकिन अभी तक इस कार्य को विभाग की ओर से पूरा नहीं किया गया है और ना ही इसे लेकर कोई पहल की गई है. यह सड़क अभी भी गुमनाम है यहां तक कि इस सड़क पर जो दुकानें है या जो स्थानीय लोग रहते है उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है कि यह सड़क जो कि शिमला सर्कुलर रोड से गंज बाजार को जोड़ती है इसका नाम भगत सिंह के नाम पर कैसे पड़ा और शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का इस रोड से क्या कनेक्शन है?
इस सड़क को भगत सिंह नाम दिया गया था इसका प्रमाण अब इस सड़क पर जो आढ़त की दुकानें है उन पर बोर्ड में से एक्का दुक्का बोर्ड पर ही मिलता है. अन्य आढ़त की दुकानें जो इस सड़क पर है उनके बोर्ड पर तो अब इस सड़क का नाम गंज रोड रख दिया गया है. हालांकि इस सड़क के किनारे जो स्थानीय लोग रहते हैं वह भी यह मांग कर रहे है कि इस रोड को भारत मां के सपूत शहीद भगत सिंह के नाम पर ही पहचान मिल सके. यहां के निवासी सोनू का कहना है कि यह नाम आजादी से पहले यहां के स्थानीय व्यापारियों ने ही दिया था. उनकी व्यापार से जुड़ी बैठकों को ब्रिटिश अधिकारी यहां इस स्थान पर करने नहीं देते थे ऐसे में उन्होंने इस मार्ग को शहीद भगत सिंह का नाम दिया. उन्होंने कहा कि ना तो सरकार ने ही नगर निगम इस सड़क पर कोई ध्यान दे रही है. यहां के स्थानीय लोग चाहते हैं कि इस सड़क पर शहीद भगतसिंह की प्रतिमा लगे और इसे एक अलग पहचान दिलवाई जाए और इसके खस्ता हाल को भी सुधारा जाए.
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