शिमला: आज दुनिया भर में विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) मनाया जा रहा है. इस माैके पर आईजीएमसी के इमरजेंसी वार्ड में मरीजाें और तीमारदाराें काे जनसंख्या नियंत्रण के बारे में बताया गया. इस अवसर पर आईजीएमसी के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डाॅ. प्रवीण भाटिया ने कहा कि देश में जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसका मुख्य कारण है लाेगाें में जागरूकता न होना. उन्हाेंने कहा कि जनसंख्या के प्रति हर व्यक्ति काे जागरूक हाेना जरूरी है क्याेंकि तभी जनसंख्या काे नियंत्रित किया जा सकेगा.
डाॅ. प्रवीण भाटिया ने कहा कि काेराेना, टीबी जैसी कई बीमारियां हैं, जाे एक दूसरे में फैल सकती हैं. जिन क्षेत्राें में अधिक जनसंख्या है, वहां पर इन बीमारियाें के फैलने का ज्यादा डर बना रहता है. काेराेना ने पहले भी ज्यादा आबादी वाले राज्याें में कहर मचाया था. इसी तरह आबादी जिस तरह देश में बढ़ रही है ताे आगामी कुछ वर्षाें में न ताे लाेगाें के पास राेजगार बचेगा और न ही खाने के लिए अनाज. उन्हाेंने कहा कि जनसंख्या के मामले में अब केवल चीन भारत से आगे है, लेकिन कुछ ही सालाें में भारत चीन से आगे निकल जाएगा. उन्हाेंने कहा कि लाेगाें काे कानून बनने का इंतजार नहीं करना चाहिए, स्वयं भी जागरूक हाेना पड़ेगा.
आईजीएमसी के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर (Casualty Medical Officer of IGMC) ने कहा कि पहले हम दाे हमारे दाे का नारा चलता था, लेकिन आज हम दाे हमारा एक का नारा है. उन्होंने कहा जनसंख्या कम होने के कई फायदे हैं, इससे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही बच्चों काे भी अच्छी एजुकेशन के साथ-साथ राेजगार मिलना आसान हाेगा. उन्होंने कहा अधिक जनसंख्या के कारण कोरोना काल में भी सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) बनाए रखना भी एक चुनौती है.
बता दें कि साल 1968 में वैश्विक नेताओं ने सुझाव दिया था कि जनता को स्वतंत्र रूप से और जिम्मेदारी से अपने बच्चों की संख्या और समय निर्धारित करने का एक बुनियादी मानव अधिकार होना चाहिए. 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास (United Nations Development) कार्यक्रम की संचालक परिषद द्वारा की गई थी. दरअसल 11 जुलाई, 1987 तक वैश्विक जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब के पार हो चुका था, जिसे देखते हुए वैश्विक हितों को ध्यान में रखते हुए इस दिवस को मनाने और जारी रखने का निर्णय लिया गया.
ये भी पढ़ें: चीन सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्री से करूंगा चर्चा: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
ये भी पढ़ें: वीरभूमि का जांबाज योद्धा, जिसने अपने सैनिकों को बचाने के लिए दी थी खुद की शहादत