शिमला: सरकार से अपनी मांगों को लेकर उम्मीद लगाए आशा वर्करों ने सीएम के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल को 10 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है. आशा वर्कर्स का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष सत्या रानटा के नेतृत्व में मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री जयराम से मिला और उन्हें मांग पत्र सौंपा. सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया की उनकी मांगें पूरी की जाएगी. आश्वासन के बाद आशा वर्कर्स ने 10 दिनों के लिए अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है.
सीएम को बताई मांगें
आशा वर्कर के प्रदेश अध्यक्ष सत्या रानटा ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिले और उन्हें अपनी मांगें बताई, जिस पर उन्हें आश्वस्त किया गया है. उन्होंने कहना कि कि अगर सात से आठ दिनों में नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई तो प्रदेश के सभी आशा वर्कर्स सड़क पर उतरकर सरकार का विरोध करेंगे.
30 घरों के दिए जाते केवल 100 रुपये
सत्या रानटा ने बताया कि कोरोना संकट के समय वह घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक दिन में उन्हें 30 घर कवर करने पड़ते हैं, जिसके उन्हें सिर्फ 100 रुपये ही दिए जाते हैं. इसके साथ ही उनके खुद की सुरक्षा भी खतरे में है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में उन्हें केंद्र की ओर से दो हजार दिया जाता था लेकिन सितंबर के बाद उसे भी बंद कर दिया गया है.
मांगें पूरी न होने पर करेंगे प्रदर्शन
आशा वर्कर्स ने इस दो हजार रुपये फिर से शुरू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आशा वर्कर्स को 15 सौ रुपये महीने का दिया जाता है, जिसे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर वर्कर्स की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ेगा. गौरतलब है कि प्रदेश में सात हजार के लगभग आशा वर्कर्स है, जो विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में काम कर रही है.
दांव पर वर्कर्स की सुरक्षा
आशा वर्कर्स को ना मास्क तो दिया जाता है और ना ग्लब्स दिए जाते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी सुरक्षा दांव पर रख कर काम करना पड़ रहा है.
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