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FRA को लेकर DC किन्नौर और लोगों के बीच हुई खूब बहसबाजी, रखी ये मांग

एफआरए 2006 को जिला किन्नौर में लागू करने के लिए जिला वन अधिकार अधिनियम समिति किन्नौर ने डीसी किन्नौर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान डीसी किन्नौर और समिति के बीच बहसबाजी हो गई.

arguments on fra between localites and dc kinnaur
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Published : Jul 23, 2019, 8:24 PM IST

किन्नौर: एफआरए 2006 को जिला किन्नौर में लागू करने के लिए जिला वन अधिकार अधिनियम समिति किन्नौर ने डीसी किन्नौर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान एफआरए को लेकर लोगों व डीसी किन्नौर के बीच खूब तनातनी हुई. लोगों ने डीसी किन्नौर को देवता के समक्ष पेश करने की बात कही, जिस पर दोनों तरफ से बहसबाजी हो गई.

समिति का कहना है कि 5 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जिन 47 लोगों ने वन अधिकार अधिनियम के अनुसार जो दावे पेश किए थे उसे उपायुक्त किन्नौर द्वारा निरस्त किया गया था. साथ ही उन लोगों को वन भूमि से बेदखल करने लिए डीएफओ किन्नौर को जिलाधीश द्वारा आदेश किए गए थे. समिति ने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर उसे तुरंत रोकने की मांग की है.

arguments on fra between localites and dc kinnaur
DC किन्नौर और लोगों के बीच हुई बहसबाजी

वन अधिकार अधिनियम संर्घष समिति किन्नौर के अध्यक्ष जीया लाल नेगी ने बताया कि आज पूरे देश में वन अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए कहीं रैलियां तो कहीं ज्ञापनों के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 24 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में वन अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए सुनवाई होनी है.

ये भी पढ़ें-प्राइमरी स्कूल बड़ोग की छत गिरी, बड़ा हादसा टला

दूसरी ओर किन्नौर के लिप्पा गांव में जो 47 केस वन अधिकार अधिनियम के तहत डीसी किन्नौर ने निरस्त करने के लिए भी समिति ने उसका स्पष्टीकरण मांगा. वहीं, ज्ञापन सौंपने के बाद एफआरए को लेकर लोगों व उपायुक्त किन्नौर के बीच खूब तनातनी भी हुई. बात कानून से लेकर देवी देवताओं तक आ गई. लोगों ने उपायुक्त किन्नौर को देवता के समक्ष पेश करने की बात कह डाली, जिसपर उपायुक्त किन्नौर लोगों से नाराज हुए.

वीडियो

डीसी किन्नौर गोपाल चंद ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम को जिले में लागू करने के लिए कार्रवाई की जा रही है. जिले के सभी उपमण्डलाधिकारीयों को सभी पंचायतों में वन अधिकार अधिनियम के तहत दावे पेश करने के लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है, जिसमें सभी प्रकार के दावे पेश किए जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें-कलराज मिश्र बने हिमाचल के 26वें राज्यपाल, आज राजभवन में ली शपथ

किन्नौर: एफआरए 2006 को जिला किन्नौर में लागू करने के लिए जिला वन अधिकार अधिनियम समिति किन्नौर ने डीसी किन्नौर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान एफआरए को लेकर लोगों व डीसी किन्नौर के बीच खूब तनातनी हुई. लोगों ने डीसी किन्नौर को देवता के समक्ष पेश करने की बात कही, जिस पर दोनों तरफ से बहसबाजी हो गई.

समिति का कहना है कि 5 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जिन 47 लोगों ने वन अधिकार अधिनियम के अनुसार जो दावे पेश किए थे उसे उपायुक्त किन्नौर द्वारा निरस्त किया गया था. साथ ही उन लोगों को वन भूमि से बेदखल करने लिए डीएफओ किन्नौर को जिलाधीश द्वारा आदेश किए गए थे. समिति ने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर उसे तुरंत रोकने की मांग की है.

arguments on fra between localites and dc kinnaur
DC किन्नौर और लोगों के बीच हुई बहसबाजी

वन अधिकार अधिनियम संर्घष समिति किन्नौर के अध्यक्ष जीया लाल नेगी ने बताया कि आज पूरे देश में वन अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए कहीं रैलियां तो कहीं ज्ञापनों के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 24 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में वन अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए सुनवाई होनी है.

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दूसरी ओर किन्नौर के लिप्पा गांव में जो 47 केस वन अधिकार अधिनियम के तहत डीसी किन्नौर ने निरस्त करने के लिए भी समिति ने उसका स्पष्टीकरण मांगा. वहीं, ज्ञापन सौंपने के बाद एफआरए को लेकर लोगों व उपायुक्त किन्नौर के बीच खूब तनातनी भी हुई. बात कानून से लेकर देवी देवताओं तक आ गई. लोगों ने उपायुक्त किन्नौर को देवता के समक्ष पेश करने की बात कह डाली, जिसपर उपायुक्त किन्नौर लोगों से नाराज हुए.

वीडियो

डीसी किन्नौर गोपाल चंद ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम को जिले में लागू करने के लिए कार्रवाई की जा रही है. जिले के सभी उपमण्डलाधिकारीयों को सभी पंचायतों में वन अधिकार अधिनियम के तहत दावे पेश करने के लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है, जिसमें सभी प्रकार के दावे पेश किए जा सकते हैं.

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Intro:जिला वन अधिकार अधिनियम समिति किन्नौर का एक प्रतिनिधिमण्डल अध्यक्ष जीया लाल नेगी की अध्यक्षता मे उपायुक्त किन्नौर गोपाल चन्द से मिला और उपायुक्त किन्नौर के माध्यम से जिला किन्नौर मे वन अधिकार अधिनियम 2006 को जिला किन्नौर मे भी अन्य राज्यो कि तर्ज पर लॉगू करने के लिए प्रदेश के मुॅख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौपा गया





































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Body:जिसमे कहा गया कि 5 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिन 47 लोगो ने वन अधिकार अधिनियम के अनुसार जो दावे पेश किये गये थे उसे उपायुक्त किन्नौर द्वारा निरस्त किया गया था और उन लोगो को वन भूमि से बेदखल करने लिए डी0एफ0ओ0 किन्नौर को जिलाधीश द्वारा आदेश किये गये थे उसे तुरंन्त रोकने कि मॉग किया गया है। वन अधिकार अधिनियम संर्घष समिति किन्नौर के अध्यक्ष जीया लाल नेगी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आज पूरे देश मे वन अधिकार अधिनियम को लॉगू करने के लिए कही रैलियॉ तो कही ज्ञापनो के माध्यम से सरकार को वन अधिकार अधिनियम लॉगू करने के लिए दवाव बनाया जा रहा है क्योकि 24 जुलाई 2019 को सुप्रिम कोर्ट मे वन अधिकार अधिनियम को लॉगू करने के लिए सुनाई होना है।





Conclusion:वही दूसरी और जो किन्नौर के लिप्पा गॉव मे जो 47 केस वन अधिकार अधिनियम के तहत डी0सी0 किन्नौर ने निरस्त किये थे उसका हमने स्पष्टीकरण मॉगा। ज्ञापन सौपने के बाद एफआरए को लेकर लोगो व उपायुक्त किन्नौर के बीच खूब तनातनी भी हुई बात कानून से लेकर देवी देवताओं तक भी आ गयी और उपायुक्त किन्नौर को देवता के समक्ष पेश करने की बात भी कह डाली जिसपर उपायुक्त किन्नौर लोगो से नाराज़ हुए ।वही उपायुक्त किन्नौर गोपाल चन्द ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम को जिले मे लॉगू करने के लिए कार्यवाही किया जा रहा है जिसके तहत जिले के सभी उपमण्डलाधिकारीयो को वन अधिकार अधिनियम के तहत सभी पंचायतो मे वन अधिकार अधिनियम के तहत दावे पेश करने के लिए ग्राम सभाओ के माध्यम से कार्यवाही करने के लिए कहा गया है जिसमे सभी प्रकार के दावे पेश किये जा सकते हैं।

बाईट...जीया लाल नेगी अध्यक्ष वन अधिकार अधिनियम संघर्ष समिति किन्नौर।


बाईट...डी0सी0किन्नौर गोपाल चन्द।


वीडियो-------डीसी किन्नौर व स्थानीय लोगो के बीच बहसबाज़ी





































































































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