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नहीं सुनी छात्रों की मांगें तो MHRD मिनिस्टर से बहसबाजी, पुलिस ने रोका तो हुई धक्का मुक्की

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Published : Nov 30, 2019, 3:07 AM IST

शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे एमएचआरडी मिनिस्टर डॉ. रमेश पौखरियाल निशंक को छात्रों को अनसुना करना महंगा पड़ गया. काफी देर से मिनिस्टर के इंतजार में खड़े छात्रों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हो गई. छात्रों ने उनकी मांगें न सुनने पर एमएचआरडी मिनिस्टर की कड़ी निंदा की है.

MHRD minister in HPU
एमएचआरडी मिनिस्टर से बात करने की कोशिश करते छात्र.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान उस समय जमकर हंगामा हो गया, जब एमएचआरडी मिनिस्टर और केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर दीक्षांत समारोह से वापिस लौटने लगे.

दरअसल, छात्र संगठन अपने मांग पत्र एमएचआरडी मिनिस्टर को सौंपने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे, लेकिन एमएचआरडी मिनिस्टर छात्रों की मांगों को अनसुना कर चल दिए. इस दौरान पुलिस कर्मियों ने छात्रों को एमएचआरडी मिनिस्टर के करीब जाने से रोका. जिसके चलते एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. छात्रों के ज्ञापन न लेने और मांगों को न सुनने को लेकर एमएचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से छात्रों की बहसबाजी तक हो गई.

छात्रों की मांगों को इस तरह से अनदेखा करने पर छात्र संगठन बुरी तरह से भड़क गए. छात्रों ने पुलिस बल के प्रयोग का भी कड़े शब्दों में विरोध जताया. एबीवीपी कार्यकर्ता अंकित चंदेल ने कहा कि हम एमएचआरडी मिनिस्टर को अपनी समस्याएं बताना चाहते थे, लेकन उनका मकसद सिर्फ यहां आना और जाना था.एमएचआरडी मिनिस्टर के पास छात्रों के लिए एक मिनट का भी समय नहीं था कि वह रुककर छात्रों की मांगे सुन सके और ज्ञापन ले सकें. छात्र संगठनों का मतलब हुल्लड़ बाजी या उधम मचाना नहीं है. वह छात्र हितों की मांगों को लेकर मिनिस्टर से मुलाकात करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने छात्रों को रोका और उनके साथ धक्का-मुक्की की और येबेहद ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि हम एमएचआरडी मिनिस्टर के इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं.

वहीं, एसएफआई कैंपस सेक्रेट्री ने कहा कि हम सुबह से इस बात का इंतजार कर रहे थे कि एमएचआरडी मिनिस्टर के समक्ष कैंपस से जुड़ी कुछ समस्याएं रखेंगे, लेकिन एमएचआरडी मिनिस्टर छात्रों की बात सुने बिना ही यहां से निकल गए. उन्होंने कहा कि आए दिन देशभर के विश्वविद्यालयों में फीस वृद्धि की जा रही है, जिससे आम छात्र अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो रहा है और यहां मिनिस्टर छात्रों की बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं है. एमएचआरडी मिनिस्टर शिक्षा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए हैं, लेकिन उनका इस तरह का रवैया बेहद नकारात्मक है जो यह दर्शाता है कि वह छात्रों और शिक्षा जुड़ी समस्याओं के प्रति उत्तरदायी ही नहीं है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान उस समय जमकर हंगामा हो गया, जब एमएचआरडी मिनिस्टर और केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर दीक्षांत समारोह से वापिस लौटने लगे.

दरअसल, छात्र संगठन अपने मांग पत्र एमएचआरडी मिनिस्टर को सौंपने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे, लेकिन एमएचआरडी मिनिस्टर छात्रों की मांगों को अनसुना कर चल दिए. इस दौरान पुलिस कर्मियों ने छात्रों को एमएचआरडी मिनिस्टर के करीब जाने से रोका. जिसके चलते एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. छात्रों के ज्ञापन न लेने और मांगों को न सुनने को लेकर एमएचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से छात्रों की बहसबाजी तक हो गई.

छात्रों की मांगों को इस तरह से अनदेखा करने पर छात्र संगठन बुरी तरह से भड़क गए. छात्रों ने पुलिस बल के प्रयोग का भी कड़े शब्दों में विरोध जताया. एबीवीपी कार्यकर्ता अंकित चंदेल ने कहा कि हम एमएचआरडी मिनिस्टर को अपनी समस्याएं बताना चाहते थे, लेकन उनका मकसद सिर्फ यहां आना और जाना था.एमएचआरडी मिनिस्टर के पास छात्रों के लिए एक मिनट का भी समय नहीं था कि वह रुककर छात्रों की मांगे सुन सके और ज्ञापन ले सकें. छात्र संगठनों का मतलब हुल्लड़ बाजी या उधम मचाना नहीं है. वह छात्र हितों की मांगों को लेकर मिनिस्टर से मुलाकात करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने छात्रों को रोका और उनके साथ धक्का-मुक्की की और येबेहद ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि हम एमएचआरडी मिनिस्टर के इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं.

वहीं, एसएफआई कैंपस सेक्रेट्री ने कहा कि हम सुबह से इस बात का इंतजार कर रहे थे कि एमएचआरडी मिनिस्टर के समक्ष कैंपस से जुड़ी कुछ समस्याएं रखेंगे, लेकिन एमएचआरडी मिनिस्टर छात्रों की बात सुने बिना ही यहां से निकल गए. उन्होंने कहा कि आए दिन देशभर के विश्वविद्यालयों में फीस वृद्धि की जा रही है, जिससे आम छात्र अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो रहा है और यहां मिनिस्टर छात्रों की बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं है. एमएचआरडी मिनिस्टर शिक्षा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए हैं, लेकिन उनका इस तरह का रवैया बेहद नकारात्मक है जो यह दर्शाता है कि वह छात्रों और शिक्षा जुड़ी समस्याओं के प्रति उत्तरदायी ही नहीं है.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में के दीक्षांत समारोह में उस समय जमकर हंगामा हो गया जब एमएचआरडी मिनिस्टर और केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर दीक्षांत समारोह से वापस लौटने लगे। इस दौरान छात्र संगठन अपने मांग पत्र एमएचआरडी मिनिस्टर को सौंपने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे लेकिन एमएचआरडी मंत्री ने छात्रों की मांगों को सुना तक नहीं। पुलिस वाले छात्रों को एमएचआरडी मिनिस्टर के करीब जाने से रोका और इसी बीच पुलिस के साथ भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की जमकर धक्का-मुक्की हुई। यहां तक के छात्रों के ज्ञापन ना लेने और उनकी मांगों को ना सुनने को लेकर एमएचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से भी छात्रों की बहसबाजी हुई।


Body:एमएचआरडी मिनिस्टर केसरबाई है इस रवैया और छात्रों की मांगों को इस तरह से अनदेखा करने के चलते छात्र संगठन बुरी तरह से भड़क गए पुलिस ने जिस तरह से छात्रों पर बल का प्रयोग किया उसका भी छात्रों ने कड़े शब्दों में विरोध जताया एबीवीपी कार्यकर्ता अंकित चंदेल ने कहा कि कि हम सब इतना चाहते थे कि एमएचआरडी मिनिस्टर हमारी बात सुने लेकीन उनका मकसद यहां सिर्फ आना और जाना था। एक मिनट तक का समय भी एमएचआरडी मिनिस्टर के पास नहीं था कि वह रुक कर छात्रों की मांगे सुन सके और उनके ज्ञापन ले सकें। उन्होंने कहा कि छात्र संगठनों का मतलब हुल्लड़ बाजी यह उधम मचाना नहीं है वह छात्र हितों की मांगों को लेकर मिनिस्टर से मुलाकात करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने छात्रों को रोका और उनके साथ धक्का-मुक्की की जो कि बेहद ही निंदनीय है ओर एमएचआरडी मिनिस्टर का इस तरह के व्यवहार की भी हम निंदा करते है।


Conclusion:वहीं एसएफआई कैंपस सेक्रेट्री ने कहा कि हम सुबह से इस बात का इंतजार कर रहे थे कि एमएचआरडी मिनिस्टर के समक्ष कैंपस से जुड़ी कुछ समस्याएं रखेंगे लेकिन एमएचआरडी मिनिस्टर छात्रों के किसी भी तरह की बात कुछ सुने बिना ही यहां से निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि आए दिन देशभर के विश्वविद्यालयों में फीस में वृद्धि की जा रही है जिससे की आम छात्र अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो रहा है ओर यहां मिनिस्टर छात्रों की बात सुनने तक के लिए तैयार नहीं है। एमएचआरडी मिनिस्टर शिक्षा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए हैं लेकिन उनका इस तरह का रवैया बेहद नकारात्मक है जो यह दर्शाता है कि वह छात्रों के प्रति किसी ओर उनकी शिक्षा से से जुड़ी समस्याओं के प्रति उत्तरदायी ही नहीं है।
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