शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दौरान उस समय जमकर हंगामा हो गया, जब एमएचआरडी मिनिस्टर और केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर दीक्षांत समारोह से वापिस लौटने लगे.
दरअसल, छात्र संगठन अपने मांग पत्र एमएचआरडी मिनिस्टर को सौंपने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे, लेकिन एमएचआरडी मिनिस्टर छात्रों की मांगों को अनसुना कर चल दिए. इस दौरान पुलिस कर्मियों ने छात्रों को एमएचआरडी मिनिस्टर के करीब जाने से रोका. जिसके चलते एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. छात्रों के ज्ञापन न लेने और मांगों को न सुनने को लेकर एमएचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से छात्रों की बहसबाजी तक हो गई.
छात्रों की मांगों को इस तरह से अनदेखा करने पर छात्र संगठन बुरी तरह से भड़क गए. छात्रों ने पुलिस बल के प्रयोग का भी कड़े शब्दों में विरोध जताया. एबीवीपी कार्यकर्ता अंकित चंदेल ने कहा कि हम एमएचआरडी मिनिस्टर को अपनी समस्याएं बताना चाहते थे, लेकन उनका मकसद सिर्फ यहां आना और जाना था.एमएचआरडी मिनिस्टर के पास छात्रों के लिए एक मिनट का भी समय नहीं था कि वह रुककर छात्रों की मांगे सुन सके और ज्ञापन ले सकें. छात्र संगठनों का मतलब हुल्लड़ बाजी या उधम मचाना नहीं है. वह छात्र हितों की मांगों को लेकर मिनिस्टर से मुलाकात करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने छात्रों को रोका और उनके साथ धक्का-मुक्की की और येबेहद ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि हम एमएचआरडी मिनिस्टर के इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं.
वहीं, एसएफआई कैंपस सेक्रेट्री ने कहा कि हम सुबह से इस बात का इंतजार कर रहे थे कि एमएचआरडी मिनिस्टर के समक्ष कैंपस से जुड़ी कुछ समस्याएं रखेंगे, लेकिन एमएचआरडी मिनिस्टर छात्रों की बात सुने बिना ही यहां से निकल गए. उन्होंने कहा कि आए दिन देशभर के विश्वविद्यालयों में फीस वृद्धि की जा रही है, जिससे आम छात्र अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो रहा है और यहां मिनिस्टर छात्रों की बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं है. एमएचआरडी मिनिस्टर शिक्षा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए हैं, लेकिन उनका इस तरह का रवैया बेहद नकारात्मक है जो यह दर्शाता है कि वह छात्रों और शिक्षा जुड़ी समस्याओं के प्रति उत्तरदायी ही नहीं है.