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Himachal Apple: हिमाचल में सेब का उत्पादन गिरा, सेब सीजन खत्म होने को, अब तक 1.67 करोड़ पेटियां मार्केट पहुंची - हिमाचल एप्पल

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ सालों में सेब के उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है. वजह है मौसम. सर्दियों में पर्याप्त बर्फबारी नहीं होने से चिलिंग ऑवर पूरे नहीं हो पाए. ऐसे में... पढ़ें पूरी खबर... (Apple production reduced in Himachal).

Apple production reduced in Himachal
हिमाचल में सेब के उत्पादन में गिरावट
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 9, 2023, 8:16 PM IST

Updated : Oct 9, 2023, 8:24 PM IST

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी

शिमला: हिमाचल में इस बार सेब उत्पादन में भारी गिरावट आई है. पिछले कई सालों में यह पहली बार है कि सेब की पैदावार प्रदेश में बहुत कम हुई है. प्रदेश में अब की बार सेब उत्पादन करीब पौने दो करोड़ पेटियां होने के आसार हैं. अब तक 1.67 करोड़ पेटियां बाजार में जा चुकी हैं, जबकि सेब सीजन अंतिम चरण में है. साफ कि अब की बार दो करोड़ पेटियां भी सेब की पैदावार नहीं छू पाएंगी.

हिमाचल सेब राज्य के नाम से जाना जाता है. प्रदेश में सेब की आर्थिकी करीब पांच हजार करोड़ रुपये की है. हिमाचल तीन से चार करोड़ पेटियों की पैदावार हर साल करती है, लेकिन अबकी बार सेब पैदावार काफी गिर गई है. इस बार पौने दो करोड़ तक सेब की पैदावार सिमट के आसार बन गए हैं. 2010 के बाद यह तीसरी बार है, जब सेब का इतना कम उत्पादन होगा. इससे पहले 2011 में हिमाचल में सेब का सबसे कम उत्पादन 1.38 करोड़ पेटियां हुई थी, 2018 में 1.65 करोड़ पेटियों तक सेब का उत्पादन सिमट गया था. 2019 के बाद यह पहली बार है कि जिसमें सेब की पैदावार दो करोड़ भी नहीं पहुंच पाएगी. पिछले साल की तुलना में भी इस साल करीब पैंतालीस फीसदी कम फसल है. पिछले साल प्रदेश में 3.36 करोड़ पेटियां सेब की हुई थी, लेकिन अबकी बार पैदावार करीब पौने दो करोड़ पेटियां के करीब रहेगी.

Apple production reduced in Himachal
हिमाचल में साल के हिसाब से कुल सेब की पेटियों का उत्पादन.

अब की बार सेब पर पड़ी मौसम की मार: प्रदेश में सेब की कम फसल की वजह प्रतिकूल मौसम रहा है. सर्दियों में पर्याप्त बर्फबारी नहीं हुई है. इससे सूखे के हालात पैदा हो गए. तापामान ऊंचा रहने से सेब के बागीचों के लिए जरूरी चिलिंग ऑवर पूरे नहीं हो पाए. इसके बाद बारिश का दौरा शुरू हुआ, जो कि मई तक जारी रहा. प्रतिकूल मौसम से अप्रैल में सेब की फ्लावरिंग प्रभावित हुई. सेब की पॉलिनेशन प्रभावित होने से सेब की सेटिंग नहीं हो पाई.

वहीं, सेब की सेटिंग होने के साथ ही ओलावृष्टि ने सेब को प्रभावित किया. कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि से सेब की फसल तबाह तबाह हो गई. वहीं जुलाई और अगस्त में लगातार बारिश ने सेब की गुणवत्ता और इसके साइज पर असर डाला. नमी ज्यादा होने से सेब की फसलों में बीमारियां और समय पूर्व पतझड की समस्या आई. इस तरह इसका असर सेब की पैदावार पर पड़ा.

Apple production reduced in Himachal
सेब की कम फसल की वजह प्रतिकूल मौसम रहा है.

अब की बार सेब का उत्पादन कम: बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि इस बार प्रतिकूल मौसम होन से सेब की फसल प्रभावित हुई है. इस बार पिछले साल की तुलना में प्रदेश में सेब की फसल काफी कम है. हालांकि इस बार सेब के अच्छे दाम बागवानों को मिले हैं. सरकार ने किलो के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था मंडियों में लागू की और इससे बागवानों को बेहतर दाम सेब के मिले.

ये भी पढ़ें- धर्मशाला स्टेडियम आउटफील्ड पर Jos Buttler समेत जोनाथन ट्रॉट ने उठाए सवाल, HPCA का जवाब- ग्राउंड खेल के लिए पूरी तरह फिट

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी

शिमला: हिमाचल में इस बार सेब उत्पादन में भारी गिरावट आई है. पिछले कई सालों में यह पहली बार है कि सेब की पैदावार प्रदेश में बहुत कम हुई है. प्रदेश में अब की बार सेब उत्पादन करीब पौने दो करोड़ पेटियां होने के आसार हैं. अब तक 1.67 करोड़ पेटियां बाजार में जा चुकी हैं, जबकि सेब सीजन अंतिम चरण में है. साफ कि अब की बार दो करोड़ पेटियां भी सेब की पैदावार नहीं छू पाएंगी.

हिमाचल सेब राज्य के नाम से जाना जाता है. प्रदेश में सेब की आर्थिकी करीब पांच हजार करोड़ रुपये की है. हिमाचल तीन से चार करोड़ पेटियों की पैदावार हर साल करती है, लेकिन अबकी बार सेब पैदावार काफी गिर गई है. इस बार पौने दो करोड़ तक सेब की पैदावार सिमट के आसार बन गए हैं. 2010 के बाद यह तीसरी बार है, जब सेब का इतना कम उत्पादन होगा. इससे पहले 2011 में हिमाचल में सेब का सबसे कम उत्पादन 1.38 करोड़ पेटियां हुई थी, 2018 में 1.65 करोड़ पेटियों तक सेब का उत्पादन सिमट गया था. 2019 के बाद यह पहली बार है कि जिसमें सेब की पैदावार दो करोड़ भी नहीं पहुंच पाएगी. पिछले साल की तुलना में भी इस साल करीब पैंतालीस फीसदी कम फसल है. पिछले साल प्रदेश में 3.36 करोड़ पेटियां सेब की हुई थी, लेकिन अबकी बार पैदावार करीब पौने दो करोड़ पेटियां के करीब रहेगी.

Apple production reduced in Himachal
हिमाचल में साल के हिसाब से कुल सेब की पेटियों का उत्पादन.

अब की बार सेब पर पड़ी मौसम की मार: प्रदेश में सेब की कम फसल की वजह प्रतिकूल मौसम रहा है. सर्दियों में पर्याप्त बर्फबारी नहीं हुई है. इससे सूखे के हालात पैदा हो गए. तापामान ऊंचा रहने से सेब के बागीचों के लिए जरूरी चिलिंग ऑवर पूरे नहीं हो पाए. इसके बाद बारिश का दौरा शुरू हुआ, जो कि मई तक जारी रहा. प्रतिकूल मौसम से अप्रैल में सेब की फ्लावरिंग प्रभावित हुई. सेब की पॉलिनेशन प्रभावित होने से सेब की सेटिंग नहीं हो पाई.

वहीं, सेब की सेटिंग होने के साथ ही ओलावृष्टि ने सेब को प्रभावित किया. कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि से सेब की फसल तबाह तबाह हो गई. वहीं जुलाई और अगस्त में लगातार बारिश ने सेब की गुणवत्ता और इसके साइज पर असर डाला. नमी ज्यादा होने से सेब की फसलों में बीमारियां और समय पूर्व पतझड की समस्या आई. इस तरह इसका असर सेब की पैदावार पर पड़ा.

Apple production reduced in Himachal
सेब की कम फसल की वजह प्रतिकूल मौसम रहा है.

अब की बार सेब का उत्पादन कम: बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि इस बार प्रतिकूल मौसम होन से सेब की फसल प्रभावित हुई है. इस बार पिछले साल की तुलना में प्रदेश में सेब की फसल काफी कम है. हालांकि इस बार सेब के अच्छे दाम बागवानों को मिले हैं. सरकार ने किलो के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था मंडियों में लागू की और इससे बागवानों को बेहतर दाम सेब के मिले.

ये भी पढ़ें- धर्मशाला स्टेडियम आउटफील्ड पर Jos Buttler समेत जोनाथन ट्रॉट ने उठाए सवाल, HPCA का जवाब- ग्राउंड खेल के लिए पूरी तरह फिट

Last Updated : Oct 9, 2023, 8:24 PM IST
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