शिमला: अमेरिका से भारत आने वाले सेब पर केंद्र सरकार ने हाल ही में आयात शुल्क घटा दिया. जिसका हिमाचल में विरोध हो रहा है. हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है और इसे बागवानों के साथ बड़ा धोखा बताया है. मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा है कि केंद्र सरकार का अमेरिकी सेब आयात शुल्क कम करने का फैसला बागवानों के साथ बड़ा धोखा है.
सेब पर आयात शुल्क घटाने से कांग्रेस नाराज: नरेश चौहान ने कहा हिमाचल के बागवान केंद्र सरकार से आयात शुल्क 100 फीसदी करने की उम्मीद रखे हुए थे, लेकिन मोदी सरकार ने बागवानों की इस उम्मीद को झटका दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में अमेरिका से आने वाले वाशिंगटन सेब पर आयात शुल्क 70 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया है. केंद्र सरकार का यह फैसला बागवान विरोधी है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के बागवानों से वादा किया था कि विदेशों से आने वाले सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी किया जाएगा.
कांग्रेस ने पीएम को याद दिलाया वादा: उन्होंने कहा 2014 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही शीतल पेयों में भी एप्पल कंसंट्रेट पांच फीसदी तक मिलाने की दिशा में सरकार आने पर काम किया जाएगा. इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी ने यही वादा हिमाचल के बागवान से किया, लेकिन मोदी सरकार ने अपना यह वादा पूरा नहीं किया और अब अमेरिका दौरे के दौरान उल्टा फैसला लिया है. सरकार ने अमेरिका से आयात होने वाले सेब पर पहले से लगे आयात शुल्क को 70 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया है.
सीएम सुक्खू करेंगे केंद्र सरकार से बात: नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद इसलिए भी थी, क्योंकि वे हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं. पीएम मोदी हिमाचल के प्रभारी रहे हैं और यहां के लोगों का दुख दर्द समझने की बात करते हैं, लेकिन आयात शुल्क घटाने का जो फैसला केंद्र ने किया है. उससे बागवानों के हित्तों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार के इस फैसले से विदेश से आने वाले सेब के साथ हिमाचल और जम्मू कश्मीर के बागवानों को कंप्टीशन करना पड़ेगा. हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर अपना विरोध जता दिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस मसले को केंद्र के सामने उठाएंगे.
सेब बागवानी पर लाखों लोग निर्भर: नरेश चौहान ने कहा कि करीब डेढ़ लाख परिवार सेब की खेती यहां कर रहे हैं. साथ ही करीब 7 लाख लोग सीधे तौर पर सेब की खेती पर निर्भर है. इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोग सेब पर निर्भर है. यही वजह है कि बागवान विदेश से आने वाले से पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार ने आयात शुल्क घटाने का फैसला किया है. उससे हिमाचल के बागवानों को भी बाहरी सेब के साथ कंपीट करना पड़ेगा. इसका असर सेब बागवानों पर पड़ेगा.
'जयराम ठाकुर अपना स्डेंट करे क्लियर': नरेश चौहान ने कहा कि सेब आयात के मसले पर कांग्रेस बागवानों की लड़ाई में उनके साथ पूरी तरह खड़ी है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा के अन्य नेताओं से कहा है कि वे इस पर अपना स्डेंड क्लीयर करे. भाजपा को यह बताना चाहिए कि वे इस मुद्दे पर प्रदेश के बागवानों के साथ खड़े हैं या केंद्र सरकार के फैसले के साथ खड़े हैं.
बागवानों के हित्त में हिमाचल सरकार: नरेश चौहान ने कहा हिमाचल सरकार ने बागवानी के हितों के लिए कई कदम उठाए हैं. सरकार ने इस बार वजन के हिसाब से सेब मंडियों में बेचने की व्यवस्था करने की है. इससे बागवानों को फायदा होगा. इसके अलावा बागवानों के हित्तों में कई अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार सेब कार्टन पिछली बार की तुलना में कम मिलेगा. एचपीएमसी के माध्यम से मिलने वाले सेब की कार्टन में 11 से लेकर 23 फीसदी तक की कमी होने की उम्मीद है. हिमाचल में बरसात में सड़कों की स्थिति पर नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को समय रहते सभी सड़कों को बहाल करने के निर्देश दिए हैं. बागवानों के सेब समय पर मंडियों में पहुंचे. इसके लिए सभी विभागों को मिलकर काम करने को कहा गया है.
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