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ओलावृष्टि से सेब की तैयार फसल तबाह, बागवानों को हुआ लाखों का नुकसान - सेब राज्य हिमाचल

ठियोग के रगटू में ओलावृष्टि के कारण बागवानों को हुआ लाखों का नुकसान. विधायक राकेश सिंघा ने सरकार से बागवानों के लिए की मुआवाजे की मांग.

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Published : Sep 24, 2019, 10:42 PM IST

शिमला: सेब राज्य के नाम से मशहूर हिमाचल में सेब की फसल को लेकर प्रदेश सरकार लाखों दावे करती है. सेब की फसल को कोई नुकसान न हो इसके लिए कई घोषणाएं और दावे किए जाते हैं. फसलों को नुकसान होने पर किसानों और बागवानों को नुकसान ना उठाना पड़े इसके लिए फसम बीमा योजना बनाई गई है पर मुआवजे के समय बीमा कंपनियां अपना रंग बदल लेती हैं.

बीते दो दिन पहले ठियोग की क्यारा पंचायत में जमकर ओलावृष्टि हुई. रेगटू में आसमान से बरसी भयानक ओलावृष्टि ने बागवानों को खून के आंसू रुलाया. गांव में 40 मिनट तक इतनी भयानक ओलावृष्टि हुई कि हर कोई सहम गया. सितंबर महीने में हुई ओलावृष्टि से बागवान भी हैरान हैं. ताजा ओलावृष्टि से बागवानों को हजारों पेटियों का नुकसान हुआ है. दुख की इस घड़ी में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने बागवानों से मुलाकात कर सेब के बगीचों का दौरा किया.

राकेश सिंघा, विधायक ठियोग

विधायक राकेश सिंघा ने दुख जताते हुए कहा कि क्षेत्र में आज तक बागवानों का ऐसा नुकसान नहीं हुआ. प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए सिंघा ने कहा कि फसल बीमा के नाम पर सरकार बागवानों से पैसा इकट्ठा कर बीमाकंपनी को करोड़ों का मुनाफा देती है पर जब मुआवजे की बात आती है तो बीमा कंपनियां बागवानों को किसी भी तरह का मुआवजा देने से इंकार कर देती हैं.

बता दें कि इस साल ओलावृष्टि से सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है पर अब सीजन के वक्त हुई ओलावृष्टि से किसानों की तैयार फसल खराब हो गई है, जिससे बागवानों को चिंता सता रही है.

शिमला: सेब राज्य के नाम से मशहूर हिमाचल में सेब की फसल को लेकर प्रदेश सरकार लाखों दावे करती है. सेब की फसल को कोई नुकसान न हो इसके लिए कई घोषणाएं और दावे किए जाते हैं. फसलों को नुकसान होने पर किसानों और बागवानों को नुकसान ना उठाना पड़े इसके लिए फसम बीमा योजना बनाई गई है पर मुआवजे के समय बीमा कंपनियां अपना रंग बदल लेती हैं.

बीते दो दिन पहले ठियोग की क्यारा पंचायत में जमकर ओलावृष्टि हुई. रेगटू में आसमान से बरसी भयानक ओलावृष्टि ने बागवानों को खून के आंसू रुलाया. गांव में 40 मिनट तक इतनी भयानक ओलावृष्टि हुई कि हर कोई सहम गया. सितंबर महीने में हुई ओलावृष्टि से बागवान भी हैरान हैं. ताजा ओलावृष्टि से बागवानों को हजारों पेटियों का नुकसान हुआ है. दुख की इस घड़ी में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने बागवानों से मुलाकात कर सेब के बगीचों का दौरा किया.

राकेश सिंघा, विधायक ठियोग

विधायक राकेश सिंघा ने दुख जताते हुए कहा कि क्षेत्र में आज तक बागवानों का ऐसा नुकसान नहीं हुआ. प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए सिंघा ने कहा कि फसल बीमा के नाम पर सरकार बागवानों से पैसा इकट्ठा कर बीमाकंपनी को करोड़ों का मुनाफा देती है पर जब मुआवजे की बात आती है तो बीमा कंपनियां बागवानों को किसी भी तरह का मुआवजा देने से इंकार कर देती हैं.

बता दें कि इस साल ओलावृष्टि से सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है पर अब सीजन के वक्त हुई ओलावृष्टि से किसानों की तैयार फसल खराब हो गई है, जिससे बागवानों को चिंता सता रही है.

Intro:ठियोग के क्यारा पंचायत के रेगटु में सेब की फसल तबाह।दो दिन पहले आई थी भयंकर ओलावृष्टि।करीब 40 मिनट तक बरपी थी आसमानी आफत।
विधायक राकेश सिंघा ने की बागवानों से मुलाकात।बागवानों ने बीमा के नाम पर पैसे काटकर लोगों को ठगने का लगाया आरोप।सरकार से की उचित मुआवजा देने की मांग।Body:

सेब राज्य के नाम से मशहूर हिमाचल में सेब की फसल को लेकर प्रदेश सरकार लाखों दावे करती है।सेब की फसल को कोई नुकसान न हो इसके लिए भी कई घोषणाएं ओर दावे किए जाते है। फसलो को कोई नुकसान न हो इसके लिए सरकार ने फसल केंद्र सरकार के साथ मिलकर फसल बीमा योजना भी चलाई है।लेकिन इन दावों ओर घोषणाओ की सच्चाई क्या है ये सब जानते है।बीते दो दिन पहले ठियोग की क्यारा पंचायत में जमकर ओलावृष्टि हुई। रेगटू में आसमान से बरसी भयानक ओलावृष्टि ने बागवानों को खून के आंसू रुला दिए। गांव में 40 मिनट तक इतनी भयानक ओलावृष्टि हुई कि हर कोई सहम गया लोगों जी साँसे अटक गई कि अचानक सितम्बर के महीने में ओलावृष्टि कैसे हो गयी।वो भी तब जब लोगों की फसल मंडी को जाने को तैयार थी।रेगटू में हुई इस ओलावृष्टि ने सेब की पूरी फ़सल को तहस नहस कर दिया सेब के दानों से रस बाहर आ गया मानो सेब के पौधों में ही जूस बन गया।हजारों पेटियों को नुकसान हो गया लोगों ने अभी तक कई बगीचों से सेब का एक भी दाना नही तोड़ा था और अब तोड़ने लायक कुछ बचा भी नही। बचें है तो ओलावर्ष्टि के दाग जो बागवानों के दुःखडे पर नमक छिड़क रहे है बागवानों को पीड़ा दे रहे है।लेकिन बागवानों के ऊपर आई इस पीड़ा से सरकार का सीना थोड़ा भी नही पसीजा कोई भी सरकारी कर्मचारी इस पंचायत के लोगों तक नही पहुंचा हालांकि बागवानों ने पटवारी को नुकसान का जायजा लेने के लिए कहा लेकिन सब भैंस के आगे बिन बजाने वाली बात। लोगों की इस पीड़ा को सुनने और सरकार से सहयोग दिलाने के लिए ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने बागवानों से मुलाकात की बगीचों का दौरा किया अधिकारियों को मौके पर आने के आदेश दिए।लोगों ने इस दुख की पीड़ा में विधायक से उचित मुआवजे की मांग की ओर सरकार तक उनकी मांग पहुंचाने के लिए कहा।

ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर बागवानों का कहना है कि उनकी साल भर की कमाई नष्ट हो गई ओलावृष्टि ने सेब की फसल को तबाह कर दिया सेब के पते,पते बिखर गये ओर दाना दाना दागी हो गया।और अब ऐसे में क्या करे लोगों का कहना है कि सरकार इस आपदा के समय बागवानों की सहायता करें जिससे उन्हें कुछ राहत मिल सके।

बाईट,,, युवा बागवान
महिला बागवान

पँचायत में बागवानों के ऊपर आई इस आपदा को लेकर गांव के लोगो को फसल बीमे की आस जगी जिसका हर साल बैंक प्रीमियम काटते है। बागवानों ने बैंक में जाकर अपना दुखड़ा सुनाया लेकिन जब बैंको का जवाब सुना तो सब दंग रह गए।बागवानों का कहना है कि बैंक ने फसल का बीमा देने से मना कर दिया और ये कहा कि सेब का तो बीमा ही नही हुआ है।बागवानों से धान ओर मक्की का बीमा काटा जाता है और कुछ एक नए कहा कि ये बीमा केवल सेब की फ्लावरिंग के समय हुए नुकसान की भरपाई के लिए होता है। बागवानों का कहना है कि बैंक से लोन लेते समय जमीन के जो कागज जमा किये जाते है उस पर सेब का बगीचा दर्शाया जाता है जिसमें बाकायदा फलदार पौधे का हवाला दिया जाता है।ओर इस एवज में बीमा कम्पनी को बैंक किश्त देता है जिसकी भरपाई बागवानों से होती है।लेकिन अब जब फसल पर सकंट आया है तो बैंक कर्मचारी मुआवजा देने के बजाय बेतुकी बाते कर लोगों को गुमराह कर रहे है।जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

बाईट,,,, पीड़ित बागवान
बाईट ,,,पीड़ित बागवान

प्रकृति की इस आफत से बागवानों को हुए नुकसान को लेकर विधायक राकेश सिंघा ने दुख जताते हुए कहा कि आज तक ऐसा नुकसान उन्होंने कभी नही देखा।उन्होंने कहा कि सेब का एक भी दाना लोगों ने तोड़ा नही ओर सेब की पूरी फसल बर्बाद हो गई है। साथ ही उन्होंने सरकार और सरकारी तंत्र पर तंज कसते हुए कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी बागवानों के दुख में उनके साथ नही है सरकार बागवानों के हित की बात करती है लेकिन सच्चाई ये है कि बागवानों की तरफ सरकार कोई ध्यान नही दे रही है। उन्होंने कहा कि बीमा के नाम पर सरकार बागवानों से पैसा इकट्ठा कर बीमा कंपनी को करोडो रुपये देती है लेकिन फ़सल नष्ट होने पर बागवानों को कोई मुआवजा नही दिया जाता।हर साल बगावनो को बीमा के नाम पर लूटा जाता है और सरकार चुपचाप तमाशबीन बनी रहती है।राकेश सिंघा ने सरकार से बागवानों को जल्द मुआवजा दने की मांग की ओर लोगो को अपने हक के लिए लड़ने को कहा।

बाईट,,,, राकेश सिंघा
विधायक ठियोग
Conclusion:आपको बता दे कि इस साल ओलावृष्टि ने कई बार सेब की फसल को तबाह किया। अभी ये ओलावृष्टि तब आई है जब सब का सीजन चल रहा है।और ऐसे में ये नुकसान बागवानों को खून के आंसू रुला रहा है।वन्ही जिस फसल के नाम पर बागवानों ने बीमा कराया है वही बैंक भी अब बागवानों को मुआवजा देने के बजाय बीमे की बारीकियां ओर कई तरह के जवाब देकर बागवानों को गुमराह कर रहे।जिससे बागवान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।
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