शिमला: सेब राज्य के नाम से मशहूर हिमाचल में सेब की फसल को लेकर प्रदेश सरकार लाखों दावे करती है. सेब की फसल को कोई नुकसान न हो इसके लिए कई घोषणाएं और दावे किए जाते हैं. फसलों को नुकसान होने पर किसानों और बागवानों को नुकसान ना उठाना पड़े इसके लिए फसम बीमा योजना बनाई गई है पर मुआवजे के समय बीमा कंपनियां अपना रंग बदल लेती हैं.
बीते दो दिन पहले ठियोग की क्यारा पंचायत में जमकर ओलावृष्टि हुई. रेगटू में आसमान से बरसी भयानक ओलावृष्टि ने बागवानों को खून के आंसू रुलाया. गांव में 40 मिनट तक इतनी भयानक ओलावृष्टि हुई कि हर कोई सहम गया. सितंबर महीने में हुई ओलावृष्टि से बागवान भी हैरान हैं. ताजा ओलावृष्टि से बागवानों को हजारों पेटियों का नुकसान हुआ है. दुख की इस घड़ी में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने बागवानों से मुलाकात कर सेब के बगीचों का दौरा किया.
विधायक राकेश सिंघा ने दुख जताते हुए कहा कि क्षेत्र में आज तक बागवानों का ऐसा नुकसान नहीं हुआ. प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए सिंघा ने कहा कि फसल बीमा के नाम पर सरकार बागवानों से पैसा इकट्ठा कर बीमाकंपनी को करोड़ों का मुनाफा देती है पर जब मुआवजे की बात आती है तो बीमा कंपनियां बागवानों को किसी भी तरह का मुआवजा देने से इंकार कर देती हैं.
बता दें कि इस साल ओलावृष्टि से सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है पर अब सीजन के वक्त हुई ओलावृष्टि से किसानों की तैयार फसल खराब हो गई है, जिससे बागवानों को चिंता सता रही है.