ETV Bharat / state

कोरोना की निराशा में योग से आशा जगा रही अनीता, लोगों को दिया ये संदेश - हिमाचल प्रदेश न्यूज

अनीता का कहना है कि वह उनकी क्लास में आने वाले महिलाओं और बच्चों को योग और प्राणायाम की प्रेक्टिस हर रोज करवाती हैं और इसका महत्व भी उनको बताती हैं. ग्रामीण महिलाओं को दिन भर के थकाऊ काम के बाद शारीरिक परेशानियों और तनाव से दो चार होना पड़ता है. वह छोटी मोटी दिक्कतों के साथ जीना सीख जाती हैं. ऐसे में योग उनकी सहायता करता है. इसी तरह बच्चों को योग और प्राणायाम करवाकर उनको बचपन से ही स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.

Anita of Ganchwa village, गंच्छवा गांव की अनीता
कोरोना की निराशा में योग से आशा जगा रही अनीता
author img

By

Published : Jun 3, 2020, 10:01 AM IST

रामपुर: वैश्विक महामारी कोरोना की निराशा के बीच दलाश के साथ लगते गंच्छवा गांव की अनीता योग से लोगों के बीच आशा जगा रहीं है. कोरोना बीमारी जहां लोगों को मानसिक तनाव दे रही है वहीं, अनीता सुबह-सुबह योग की क्लास लगाकर गांव की महिलाओं और बच्चों को सकारात्मक सोच की ओर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं.

अनीता की योग क्लास गर्मियों में सुबह साढ़े 4 बजे शुरु हो जाती है. गांव की 15 से 20 महिलाएं और बच्चे अनीता की योग क्लास को पूरे समपर्ण के साथ ज्वाइन करते हैं और ये सिलसिला करीब 4 साल से लगातार जारी है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद योग क्लास जारी रखने की चुनौती अनीता के सामने थी, लेकिन उन्होंने महिलाओं और बच्चों को इसके लिए प्रेरित किया और लॉकडाउन में योग क्रियाओं को जारी रखा.

वीडियो रिपोर्ट.

इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को फॉलो करते हुए अनीता ने योग सीखाना और लोगों को तनाव से दूर रखने के लिए प्रयास किया, जिसमें वह सफल हुईं. आजकल भी अनीता की योग क्लास सुबह 4.30 या 5 बजे शुरु हो जाती है. अनीता घर के साथ लगते आंगनबाड़ी सेंटर के प्रांगण में योग क्लास लगाती हैं. इसके चलते कई बार बारिश आदि होने के कारण योग क्लास में खलल पड़ जाता है.

इन दिनों हो रही लगातार बारिश से भी योग क्लास में ऐसा ही व्यवधान देखने को मिला, लेकिन अनीता का योग के प्रति इतना लगाव है कि उन्होंने घर के खाली कमरे में योग क्लास लगाना शुरु कर दी. इस तरह बारिश भी योग क्लास को नहीं रोक पाई. वहीं, योग क्लास में आने वाले लोग भी अब योग के बिना दिन की शुरुआत अच्छी नहीं मानते, वो भी योगाभ्यास के आदी हो चुके हैं. अनीता के योग के प्रति समर्पण और लगाव के कारण उनकी क्षेत्र में प्रशंसा भी हो रही है. अनीता स्वंय करीब 10 साल से योग कर रही हैं. करीब 4 साल पहले उन्होंने सोचा कि क्यों न योग के लाभ गांव के अन्य लोगों तक पहुंचाए जाएं.

अनीता बताती हैं कि कॉलेज के समय उनके कॉलेज में योग की क्लास लगती थी, उसके बाद उनका योग और प्राणायाम के प्रति लगाव बढ़ा. दलाश के शिक्षक आचार्य विनोद ने इस कार्य के लिए उनको प्रेरित किया. इसके साथ ही उनके गांव के युवा और योग में पारंगत अनिल आर्य ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया.

Anita of Ganchwa village, गंच्छवा गांव की अनीता
फोटो.

अनीता का कहना है कि वह उनकी क्लास में आने वाले महिलाओं और बच्चों को योग और प्राणायाम की प्रेक्टिस हर रोज करवाती हैं और इसका महत्व भी उनको बताती हैं. ग्रामीण महिलाओं को दिन भर के थकाऊ काम के बाद शारीरिक परेशानियों और तनाव से दो चार होना पड़ता है. वह छोटी मोटी दिक्कतों के साथ जीना सीख जाती हैं. ऐसे में योग उनकी सहायता करता है. इसी तरह बच्चों को योग और प्राणायाम करवाकर उनको बचपन से ही स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.

कोरोना के समय में योग और प्राणायाम और भी जरूरी है, क्योंकि इस बीमारी के कारण सबसे ज्यादा मानसिक परेशानियां पैदा हो रही हैं, जिससे निपटने में योग और प्राणायाम सक्षम है. अनीता का कहना है कि इस महीने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी है. अनीता का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें योग को समय की जरूरत को देखते हुए बढ़ावा दे रही हैं, इसलिए हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम योग और प्राणायाम के महत्व को समझकर इसे अपनाएं और स्वस्थ जीवन जिएं.

ये भी पढ़ें- किशन कपूर की गुप्त बैठक के बाद प्रदेश भाजपा में सियासी कलह, नड्डा को लिखा पत्र

रामपुर: वैश्विक महामारी कोरोना की निराशा के बीच दलाश के साथ लगते गंच्छवा गांव की अनीता योग से लोगों के बीच आशा जगा रहीं है. कोरोना बीमारी जहां लोगों को मानसिक तनाव दे रही है वहीं, अनीता सुबह-सुबह योग की क्लास लगाकर गांव की महिलाओं और बच्चों को सकारात्मक सोच की ओर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं.

अनीता की योग क्लास गर्मियों में सुबह साढ़े 4 बजे शुरु हो जाती है. गांव की 15 से 20 महिलाएं और बच्चे अनीता की योग क्लास को पूरे समपर्ण के साथ ज्वाइन करते हैं और ये सिलसिला करीब 4 साल से लगातार जारी है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद योग क्लास जारी रखने की चुनौती अनीता के सामने थी, लेकिन उन्होंने महिलाओं और बच्चों को इसके लिए प्रेरित किया और लॉकडाउन में योग क्रियाओं को जारी रखा.

वीडियो रिपोर्ट.

इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को फॉलो करते हुए अनीता ने योग सीखाना और लोगों को तनाव से दूर रखने के लिए प्रयास किया, जिसमें वह सफल हुईं. आजकल भी अनीता की योग क्लास सुबह 4.30 या 5 बजे शुरु हो जाती है. अनीता घर के साथ लगते आंगनबाड़ी सेंटर के प्रांगण में योग क्लास लगाती हैं. इसके चलते कई बार बारिश आदि होने के कारण योग क्लास में खलल पड़ जाता है.

इन दिनों हो रही लगातार बारिश से भी योग क्लास में ऐसा ही व्यवधान देखने को मिला, लेकिन अनीता का योग के प्रति इतना लगाव है कि उन्होंने घर के खाली कमरे में योग क्लास लगाना शुरु कर दी. इस तरह बारिश भी योग क्लास को नहीं रोक पाई. वहीं, योग क्लास में आने वाले लोग भी अब योग के बिना दिन की शुरुआत अच्छी नहीं मानते, वो भी योगाभ्यास के आदी हो चुके हैं. अनीता के योग के प्रति समर्पण और लगाव के कारण उनकी क्षेत्र में प्रशंसा भी हो रही है. अनीता स्वंय करीब 10 साल से योग कर रही हैं. करीब 4 साल पहले उन्होंने सोचा कि क्यों न योग के लाभ गांव के अन्य लोगों तक पहुंचाए जाएं.

अनीता बताती हैं कि कॉलेज के समय उनके कॉलेज में योग की क्लास लगती थी, उसके बाद उनका योग और प्राणायाम के प्रति लगाव बढ़ा. दलाश के शिक्षक आचार्य विनोद ने इस कार्य के लिए उनको प्रेरित किया. इसके साथ ही उनके गांव के युवा और योग में पारंगत अनिल आर्य ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया.

Anita of Ganchwa village, गंच्छवा गांव की अनीता
फोटो.

अनीता का कहना है कि वह उनकी क्लास में आने वाले महिलाओं और बच्चों को योग और प्राणायाम की प्रेक्टिस हर रोज करवाती हैं और इसका महत्व भी उनको बताती हैं. ग्रामीण महिलाओं को दिन भर के थकाऊ काम के बाद शारीरिक परेशानियों और तनाव से दो चार होना पड़ता है. वह छोटी मोटी दिक्कतों के साथ जीना सीख जाती हैं. ऐसे में योग उनकी सहायता करता है. इसी तरह बच्चों को योग और प्राणायाम करवाकर उनको बचपन से ही स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.

कोरोना के समय में योग और प्राणायाम और भी जरूरी है, क्योंकि इस बीमारी के कारण सबसे ज्यादा मानसिक परेशानियां पैदा हो रही हैं, जिससे निपटने में योग और प्राणायाम सक्षम है. अनीता का कहना है कि इस महीने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी है. अनीता का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें योग को समय की जरूरत को देखते हुए बढ़ावा दे रही हैं, इसलिए हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम योग और प्राणायाम के महत्व को समझकर इसे अपनाएं और स्वस्थ जीवन जिएं.

ये भी पढ़ें- किशन कपूर की गुप्त बैठक के बाद प्रदेश भाजपा में सियासी कलह, नड्डा को लिखा पत्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.