ETV Bharat / state

पहले ही लिखी जा चुकी थी आश्रय शर्मा के कांग्रेस ज्वाइन करने की स्क्रिप्ट, 2 महीने पहले सबकुछ हो चुका था फिक्स

बेटे आश्रय व पिता पंडित सुखराम के कांग्रेस में जाने से मंत्री अनिल शर्मा धर्मसंकट में फंस गए हैं. ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि आश्रय के कांग्रेस में जाने का घटनाक्रम गत 2 माह से चल रहा था.

author img

By

Published : Mar 26, 2019, 6:10 PM IST

डिजाइन फोटो

मंडीः कांग्रेस में फिर लौट जाना आश्रय शर्मा का घर वापसी का निर्णय एकदम नहीं बल्कि सोची समझी रणनीति के तहत लिया गया फैसला है. करीब दो माह पहले ही आश्रय कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी से मिल चुके थे और सब कुछ पहले से ही तय था.

ANIL SHARMA
डिजाइन फोटो

ये खुलासा आश्रय के पिता व हिमाचल सरकार में मंत्री अनिल शर्मा ने किया है. आश्रय शर्मा इस बार किसी भी हालत में चुनावी समर में उतर कर अपने दादा व राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम का सपना पूरा करना चाहते हैं. मंडी में हुई प्रेसवार्ता में भी आश्रय खुलकर यह बात कह चुके हैं.

भाजपा से टिकट की मांग कर चुके आश्रय अब अपने घर लौटकर कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है. वर्तमान में आश्रय शर्मा अपने दादा पंडित सुखराम के साथ दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं. ईटीवी भारत के साथ फोन पर हुई बातचीत पर आश्रय ने कहा कि वह दो तीन दिनों में मंडी वापस लौटेंगे. कांग्रेस से टिकट के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह पार्टी में शामिल हुए हैं. टिकट का पार्टी खुद देखेगी कि क्या करना है.

जानकारी देते ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा

वहीं, ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि आश्रय के कांग्रेस में जाने का घटनाक्रम गत 2 माह से चल रहा था. उन्होंने कहा कि मैं छुपाकर राजनीति करने वालों में से नहीं हूं. आश्रय के इस कदम को लेकर मैंने पहले सीएम जयराम ठाकुर को अवगत करवाया था. उन्होंने कहा कि मेरा कभी इधर कभी उधर जाने का विचार नहीं रहा है. शीर्ष नेताओं के कहने पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को तैयार हूं. सत्ता का मोह मुझे नहीं है. विधायक के रूप में मुझे काम करना है. भाजपा विधायक रहकर मुझे इलाके का विकास करना है.

बता दें कि बेटे आश्रय व पिता पंडित सुखराम के कांग्रेस में जाने से मंत्री अनिल शर्मा धर्मसंकट में फंस गए हैं. वह विचित्र स्थिति से गुजर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने चुनाव के दौरान अपने छोटे बेटे आयुष के पास जाने की भी इच्छा जाहिर की है.

मंडीः कांग्रेस में फिर लौट जाना आश्रय शर्मा का घर वापसी का निर्णय एकदम नहीं बल्कि सोची समझी रणनीति के तहत लिया गया फैसला है. करीब दो माह पहले ही आश्रय कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी से मिल चुके थे और सब कुछ पहले से ही तय था.

ANIL SHARMA
डिजाइन फोटो

ये खुलासा आश्रय के पिता व हिमाचल सरकार में मंत्री अनिल शर्मा ने किया है. आश्रय शर्मा इस बार किसी भी हालत में चुनावी समर में उतर कर अपने दादा व राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम का सपना पूरा करना चाहते हैं. मंडी में हुई प्रेसवार्ता में भी आश्रय खुलकर यह बात कह चुके हैं.

भाजपा से टिकट की मांग कर चुके आश्रय अब अपने घर लौटकर कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है. वर्तमान में आश्रय शर्मा अपने दादा पंडित सुखराम के साथ दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं. ईटीवी भारत के साथ फोन पर हुई बातचीत पर आश्रय ने कहा कि वह दो तीन दिनों में मंडी वापस लौटेंगे. कांग्रेस से टिकट के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह पार्टी में शामिल हुए हैं. टिकट का पार्टी खुद देखेगी कि क्या करना है.

जानकारी देते ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा

वहीं, ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि आश्रय के कांग्रेस में जाने का घटनाक्रम गत 2 माह से चल रहा था. उन्होंने कहा कि मैं छुपाकर राजनीति करने वालों में से नहीं हूं. आश्रय के इस कदम को लेकर मैंने पहले सीएम जयराम ठाकुर को अवगत करवाया था. उन्होंने कहा कि मेरा कभी इधर कभी उधर जाने का विचार नहीं रहा है. शीर्ष नेताओं के कहने पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को तैयार हूं. सत्ता का मोह मुझे नहीं है. विधायक के रूप में मुझे काम करना है. भाजपा विधायक रहकर मुझे इलाके का विकास करना है.

बता दें कि बेटे आश्रय व पिता पंडित सुखराम के कांग्रेस में जाने से मंत्री अनिल शर्मा धर्मसंकट में फंस गए हैं. वह विचित्र स्थिति से गुजर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने चुनाव के दौरान अपने छोटे बेटे आयुष के पास जाने की भी इच्छा जाहिर की है.

Intro:मंडी। कांग्रेस में पुनः लौटे आश्रय शर्मा का घर वापसी का निर्णय एकदम नहीं बल्कि सोची समझी रणनीति के तहत लिया गया। करीब दो माह पहले ही आश्रय कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी से मिल चुके थे और सब कुछ पहले से ही तय था। बस कांग्रेस में जाने का औपचारिक एलान बाकी था। इसका खुलासा आश्रय के पिता व मंत्री अनिल शर्मा ने किया है।


Body:आश्रय शर्मा इस बार किसी भी हालत में चुनावी समर में उतर कर अपने दादा व राजनीति के चाणक्य कहलाये जाने वाले पंडित सुखराम का सपना पूरा करना चाहते हैं। मंडी में हुई प्रेसवार्ता में भी आश्रय खुलकर यह बात कह चुके हैं। भाजपा से टिकट की मांग कर चुके आश्रय अब अपने घर लौटकर कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा होना बाकी है। वर्तमान में आश्रय शर्मा अपने दादा पंडित सुखराम के साथ दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। ईटीवी भारत के साथ फोन पर हुई बातचीत पर आश्रय ने कहा कि वह दो तीन दिनों में मंडी वापिस लौटेंगे। कांग्रेस से टिकट के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह पार्टी में शामिल हुए हैं। टिकट का पार्टी खुद देखेगी कि क्या करना है। वहीं, ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि आश्रय के कांग्रेस में जाने का घटनाक्रम गत 2 माह से चल रहा था। मैं छुपाकर राजनीति करने वालों में से नहीं हूं। आश्रय के इस कदम को लेकर मैंने पहले सीएम जयराम ठाकुर को अवगत करवाया था। कहा कि मेरा कभी इधर कभी उधर जाने का विचार रहा नहीं है। कहा कि शीर्ष नेताओं के कहने पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को तैयार हूं। कहा कि सत्ता का मोह मुझे नहीं है। विधायक के रूप में मुझे काम करना है। भाजपा विधायक रहकर मुझे इलाके का विकास करना है।


Conclusion:बता दें कि बेटे आश्रय व पिता पंडित सुखराम के कांग्रेस में जाने से मंत्री अनिल शर्मा धर्मसंकट में फंस गए हैं। वह विचित्र स्थिति से गुजर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने चुनाव के दौरान अपने छोटे बेटे आयुष के पास जाने की भी इच्छा जाहिर की है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.