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अनिल कुमार खाची ने संभाला मुख्य सचिव का पद, हिमाचल को कर्ज मुक्त करने के लिए बनाएंगे रणनीति - अनिल कुमार खाची

आईएएस अधिकारी अनिल कुमार खाची ने मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया. मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज के बोझ को कम करने के लिए दूर की रणनीति बनाने की जरूरत है.

Anil Kumar Khachi took over as Chief Secretary of himachal
अनिल कुमार खाची ने संभाला मुख्य सचिव का पद
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Published : Jan 1, 2020, 8:09 PM IST

शिमलाः आईएएस अधिकारी अनिल कुमार खाची ने मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया. खाची ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिक्ताओं को आगे बढ़ाना मेरा कर्तव्य रहेगा. सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज के बोझ को कम करने के लिए दूर की रणनीति बनाने की जरूरत है. कर्ज से उभारने के लिए इन्वेस्टर मीट जैसी कोशिशें सहायक रहेगी.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि अनिल कुमार खाची का जन्म 22 जून, 1963 को हुआ है. वह हिमाचल कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इनकी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन्स कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नामिक्स से हुई है. अनिल कुमार खाची के पास 33 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव है.

Anil Kumar Khachi took over as Chief Secretary of himachal
अनिल कुमार खाची ने संभाला मुख्य सचिव का पद.

इन्होंने हिमाचल प्रदेश में उपायुक्त कुल्लू, आबकारी एवं कराधान आयुक्त, सचिव वित्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और श्रम, औद्योगिक विकास निगम और हिमाचल प्रदेश वित्त निगम के प्रबन्ध निदेशक सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.

जून 2010 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वह मुख्य चुनाव अधिकारी रहे और 2009 के संसदीय चुनावों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुके हैं. वे हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, योजना, आर्थिकी एवं सांख्यिकी और 20 सूत्रीय कार्यक्रम के रूप में कार्य कर चुके हैं.

उन्होंने दिल्ली में यूआईडीएआई में डिप्टी डायरेक्टर जनरल के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्होंने आधार के लिए नामांकन प्रणाली के डिजाइन और इसे लागू करने का महत्वपूर्ण कार्य किया. उन्होंने परियोजना की सभी नामांकन संबंधी गतिविधियों की कार्य प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

यूआईडीएआई के साथ तीन साल कार्य करने के बाद इन्होंने श्रम और रोजगार मन्त्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्हें बाल श्रम और महिला श्रम से संबंधित सभी मामलों के साथ मंत्रालय के प्रशासनिक कार्यों का जिम्मा सौंपा गया.

ये भी पढ़ेंः जयराम सरकार का 2019 का लेखा-जोखा, डबल इंजन की सरकार को मिली कितनी मदद

उन्होंने कानून व न्याय मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति के माध्यम से बाल श्रम निषेध अधिनियम, 1986 के संशोधन में महत्त्वपूर्ण कार्य किया है. उन्होंने ईपीएफ संशोधन पर कार्य शुरू कर लघु और मध्यम उपक्रमों के लिए संयोजन श्रम अधिनियम के लिए कार्य किया.

अनिल कुमार खाची निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबन्धन विभाग, वित्त मन्त्रालय में सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं. वह भारतीय खाद्य निगम में मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.

शिमलाः आईएएस अधिकारी अनिल कुमार खाची ने मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया. खाची ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिक्ताओं को आगे बढ़ाना मेरा कर्तव्य रहेगा. सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज के बोझ को कम करने के लिए दूर की रणनीति बनाने की जरूरत है. कर्ज से उभारने के लिए इन्वेस्टर मीट जैसी कोशिशें सहायक रहेगी.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि अनिल कुमार खाची का जन्म 22 जून, 1963 को हुआ है. वह हिमाचल कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इनकी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन्स कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नामिक्स से हुई है. अनिल कुमार खाची के पास 33 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव है.

Anil Kumar Khachi took over as Chief Secretary of himachal
अनिल कुमार खाची ने संभाला मुख्य सचिव का पद.

इन्होंने हिमाचल प्रदेश में उपायुक्त कुल्लू, आबकारी एवं कराधान आयुक्त, सचिव वित्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और श्रम, औद्योगिक विकास निगम और हिमाचल प्रदेश वित्त निगम के प्रबन्ध निदेशक सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.

जून 2010 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वह मुख्य चुनाव अधिकारी रहे और 2009 के संसदीय चुनावों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुके हैं. वे हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, योजना, आर्थिकी एवं सांख्यिकी और 20 सूत्रीय कार्यक्रम के रूप में कार्य कर चुके हैं.

उन्होंने दिल्ली में यूआईडीएआई में डिप्टी डायरेक्टर जनरल के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्होंने आधार के लिए नामांकन प्रणाली के डिजाइन और इसे लागू करने का महत्वपूर्ण कार्य किया. उन्होंने परियोजना की सभी नामांकन संबंधी गतिविधियों की कार्य प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

यूआईडीएआई के साथ तीन साल कार्य करने के बाद इन्होंने श्रम और रोजगार मन्त्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्हें बाल श्रम और महिला श्रम से संबंधित सभी मामलों के साथ मंत्रालय के प्रशासनिक कार्यों का जिम्मा सौंपा गया.

ये भी पढ़ेंः जयराम सरकार का 2019 का लेखा-जोखा, डबल इंजन की सरकार को मिली कितनी मदद

उन्होंने कानून व न्याय मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति के माध्यम से बाल श्रम निषेध अधिनियम, 1986 के संशोधन में महत्त्वपूर्ण कार्य किया है. उन्होंने ईपीएफ संशोधन पर कार्य शुरू कर लघु और मध्यम उपक्रमों के लिए संयोजन श्रम अधिनियम के लिए कार्य किया.

अनिल कुमार खाची निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबन्धन विभाग, वित्त मन्त्रालय में सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं. वह भारतीय खाद्य निगम में मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.

Intro:शिमला. मुख्य सचिव का कार्यभार संभालते हुए आईएएस अधिकारी अनिल कुमार खाची ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया. खाची ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिक्ताओं को आगे बढ़ाना मेरा कर्तव्य रहेगा. सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर इस लक्ष्य को पूरा करेंगे. खाची ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज के बोझ को कम करने के लिए दूर की रणनीति बनाने की जरूरत है. कर्ज से उभारने के लिए इन्वेस्टर मीट जैसी कोशिशें सहायक रहेंगी.
Body:अनिल कुमार खाची का जन्म 22 जून, 1963 को हुआ है. वह हिमाचल कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इनकी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन्स कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नामिक्स से हुई है. अनिल कुमार खाची के पास 33 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव है. इन्होंने हिमाचल प्रदेश में उपायुक्त कुल्लू, आबकारी एवं कराधान आयुक्त, सचिव वित्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और श्रम, औद्योगिक विकास निगम और हिमाचल प्रदेश वित्त निगम के प्रबन्ध निदेशक सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. जून 2010 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वह मुख्य चुनाव अधिकारी रहे और 2009 के संसदीय चुनावों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुके हैं। वे हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, योजना, आर्थिकी एवं सांख्यिकी और 20 सूत्रीय कार्यक्रम के रूप में कार्य कर चुके हैं.
Conclusion:उन्होंने दिल्ली में यूआईडीएआई में डिप्टी डायरेक्टर जनरल के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्होंने आधार के लिए नामांकन प्रणाली के डिज़ाइन और इसे लागू करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने परियोजना की सभी नामांकन संबंधी गतिविधियों की कार्य प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूआईडीएआई के साथ तीन साल कार्य करने के बाद इन्होंने श्रम और रोजगार मन्त्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्हें बाल श्रम और महिला श्रम से संबंधित सभी मामलों के साथ मन्त्रालय के प्रशासनिक कार्यों का जिम्मा सौंपा गया. उन्होंने कानून व न्याय मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति के माध्यम से बाल श्रम निषेध अधिनियम, 1986 के संशोधन में महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने ईपीएफ संशोधन पर कार्य शुरू कर लघु और मध्यम उपक्रमों के लिए संयोजन श्रम अधिनियम के लिए कार्य किया। अनिल कुमार खाची निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबन्धन विभाग, वित्त मन्त्रालय में सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। वह भारतीय खाद्य निगम में मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं.
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