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बसंत आते ही खिले बागवानों के चेहरे, बादाम और प्लम की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद

बसंत के आते ही पेड़ों में फूल आना शुरू हो गया है. बादाम और प्लम के पौधों में भी फूल आना शुरू हो गया है.

बादाम के पौधे
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Published : Mar 5, 2019, 8:22 PM IST

शिमला: बसंत के आते ही पेड़ों में फूल आना शुरू हो गया है. बादाम और प्लम के पौधों में भी फूल आना शुरू हो गया है. वहीं, बागवानों का कहना है कि अगर मौसम ऐसा ही रहता है, तो बादाम और प्लम की अच्छी पैदावार होगी.

almond and plum production
बादाम के पौधे

दरअसल बादाम के फूल अति संवेदनशील होते हैं, ऐसे में बारिश-सर्दी का बादाम के फूलों पर प्रभाव पड़ता है. यही कारण है कि इसकी फसल कम ही होती है. वहीं, बागवानों की मानें तो अभी का मौसम इसके लिए उचित है, लेकिन अब अगर मौसम करवट बदलता है तो किसानों-बागवानों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. अगर ठंड बढ़ती है और आधी-तूफान चलता है, तो उससे हानी हो सकती है.

बादाम के पौधे

गुठलीदार फलों में इनका विशेष महत्व है. ये शुरूआत में ही बाजार में आ जाते हैं और कारोबारियों व बागवानों को अच्छा लाभ होता है. बादाम की पैकेजिंग और परिवाहन भी आसान होता है.

शिमला: बसंत के आते ही पेड़ों में फूल आना शुरू हो गया है. बादाम और प्लम के पौधों में भी फूल आना शुरू हो गया है. वहीं, बागवानों का कहना है कि अगर मौसम ऐसा ही रहता है, तो बादाम और प्लम की अच्छी पैदावार होगी.

almond and plum production
बादाम के पौधे

दरअसल बादाम के फूल अति संवेदनशील होते हैं, ऐसे में बारिश-सर्दी का बादाम के फूलों पर प्रभाव पड़ता है. यही कारण है कि इसकी फसल कम ही होती है. वहीं, बागवानों की मानें तो अभी का मौसम इसके लिए उचित है, लेकिन अब अगर मौसम करवट बदलता है तो किसानों-बागवानों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. अगर ठंड बढ़ती है और आधी-तूफान चलता है, तो उससे हानी हो सकती है.

बादाम के पौधे

गुठलीदार फलों में इनका विशेष महत्व है. ये शुरूआत में ही बाजार में आ जाते हैं और कारोबारियों व बागवानों को अच्छा लाभ होता है. बादाम की पैकेजिंग और परिवाहन भी आसान होता है.

बसंत आते ही फलदार पौधों में आने लगे फुल
बादाम और पलम में फुल अपने पुरे यौवन पर 

रामपुर बुशहर, 5 मार्च मीनाक्षी 
बसंत के आते ही फल पौधों में फुल आने का क्रम प्रारम्भ हो जाता है। यद्यपी सेब हिमाचल की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण फल फसल है किन्तु नीचले क्षेत्रों में यहां बादाम और पलम की बागवानी भी अपना महत्व रखती है। आज कल बादाम और प्लम में फुल अपने पुरे यौवन पर है । बादाम के फुल मौसम के प्रति अति संवेदनशील होते है। बारीश, ठंड और हवा  का इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि इसकी फसल प्राय कम ही होती है। बागवान इस और इसीलिए आकर्षीत नहीं होते है। 

रामपुर क्षेत्र के बादाम और पलम जुन के आरम्भ में ही बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त कर लेते हैं। रामपुर के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि अभी तक का मौसम इसके लिए उपयुक्त रहा है। अब यदि ठंड बढ़ती है और आधी, तुफान चलता है तो उससे हानी हो सकती है। अन्यथा अभी बादाम और पलम की फसल अच्छे होने के आसार है। 

गौरतलब है कि पलम, बादमान, चुल्ली, खुरमानी आड़ू आदि फल में फुल से समय किसी तरह के रसायनों का छीड़काव नहीं किया जाता है। यह फल पुर्णत अर्गनीक होते है।
गुठलीदार फलों में इनका विशेष महत्व है यह प्रारम्भ में ही बाजार में आते है और जनसामान्य के साथ्-साथ पर्यटकों को लुभातें है। इससे इसके कारोबािरयों को बागवानों के साथ-साथ अच्छा लाभ प्राप्त होता है। इसकी पैकैजिंग और परिवाहन भी आसान होता है। इस समय काठा बादाम भी अच्छी कीमत में बीक जाता है। 
 
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