ETV Bharat / state

मुश्किल में कोरोना के गम्भीर मरीज, आइजीएमसी में सभी वेंटिलेटर बेड फुल

बीते दाे दिनाें से आईजीएमसी में सभी वेंटिलेटर बेड फुल हैं. ऐसे में अब मरीजाें की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आईजीएमसी में कुल 305 बेड लगाए गए हैं. इसमें 37 वेंटिलेटर बेड हैं अब यहां पर वेंटिलेटर बेड पूरे भर चुके हैं. ऐसे में अब यहां पर गंभीर मरीजाें काे वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पा रहे हैं. मरीज के वेंटिलेटर बेड से डिस्चार्ज होने के बाद ही दूसरे मरीजाें काे बेड मिल पाएगा.

All ventilator beds full at IGMC
आइजीएमसी
author img

By

Published : May 28, 2021, 10:49 PM IST

शिमला : बीते दाे दिनाें से आईजीएमसी में सभी वेंटिलेटर बेड फुल हैं. जाे भी फाेन आईजीएमसी में वेंटिलेटर बेड के लिए आ रहे हैं ताे यहां का प्रशासन मरीजों को भर्ती करने से इंकार कर रहा है और बेड खाली ना हाेने का तर्क दे रहा है. ऐसे में अब मरीजाें की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अगर गंभीर मरीज को वेंटिलेटर बेड की जरूरत पड़ती है ताे यहां पर एक भी बेड नहीं है. अब तभी मरीजाें काे यहां पर बेड मिल पाएगा, जब यहां पर वेंटिलेटर बेड से काेई मरीज डिस्चार्ज हाेगा और बेड खाली हाेगा.

आईजीएमसी में सभी वेंटिलेटर बेड फुल

डीडीयू में एडमिट मरीज के तीमारदार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वीरवार काे डीडीयू में उनके मरीज की हालत गंभीर हाे गई थी. यहां से डाॅक्टराें ने उन्हें रेफर करने की बात कही. उन्हाेंने कहा कि जब डीडीयू के डाॅक्टराें ने आईजीएमसी में बात की और वेंटिलेटर बेड के बारे में पूछताछ की ताे वहां पर बेड खाली हाेने से मना कर दिया और कहा कि वह तभी बता पाएंगे जब यहां पर बेड खाली हाेंगे. उसके बाद ही डीडीयू से मरीज काे रेफर करें. शुक्रवार काे भी बेड खाली नहीं हाे पाया, जबकि मरीज की हालत लगातार खराब हाे रही है.

IGMC में केवल 37 वेंटिलेटर बेड

आईजीएमसी में कुल 305 बेड लगाए गए हैं. इसमें 37 वेंटिलेटर बेड हैं अब यहां पर वेंटिलेटर बेड पूरे भर चुके हैं. ऐसे में अब यहां पर गंभीर मरीजाें काे वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पा रहे हैं. मरीज के वेंटिलेटर बेड से डिस्चार्ज होने के बाद ही दूसरे मरीजाें काे बेड मिल पाएगा.

इसलिए भी आ रही दिक्कतें

शिमला शहर में आईजीएमसी के अलावा डीडीयू, छाेटा शिमला आयुर्वेदिक अस्पताल, वाॅकर अस्पताल काे भी काेविड अस्पताल बनाया गया है. मगर यहां पर वेंटिलेटर बेड नहीं लगाए गए हैं, क्याेंकि वेंटिलेटर बेड के लिए स्टाॅफ की काफी जरूरत रहती है. इन अस्पतालाें में इतना स्टाॅफ नहीं है. केवल आईजीएमसी में ही वेंटिलेटर बेड हैं. ऐसे में अब यदि वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है ताे मरीजाें के लिए परेशानी हाेना तय है.

कोरोना मरीजों की बढ़ी मुश्किलें

आईजीएमसी में वेंटिलेटर बेड भर चुके हैं. अगर यहां पर काेई बेड खाली हाेता है ताे तुरंत वह भर जाता है क्याेंकि यहां पर प्रदेश भर से वेंटिलेटर पर मरीजाें काे रेफर किया जा रहा है. डीडीयू अस्पताल प्रबंधन भी जानकारी लेकर ही मरीजाें काे रेफर करता है. हालांकि, काेशिश की जा रही है कि यहां पर कुछ और बेड बढ़ाए जाएं, ताकि गंभीर मरीजाें काे ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके.

यह भी पढ़ें :- कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों के लिए खतरनाक, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की तैयारियां शुरू

शिमला : बीते दाे दिनाें से आईजीएमसी में सभी वेंटिलेटर बेड फुल हैं. जाे भी फाेन आईजीएमसी में वेंटिलेटर बेड के लिए आ रहे हैं ताे यहां का प्रशासन मरीजों को भर्ती करने से इंकार कर रहा है और बेड खाली ना हाेने का तर्क दे रहा है. ऐसे में अब मरीजाें की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अगर गंभीर मरीज को वेंटिलेटर बेड की जरूरत पड़ती है ताे यहां पर एक भी बेड नहीं है. अब तभी मरीजाें काे यहां पर बेड मिल पाएगा, जब यहां पर वेंटिलेटर बेड से काेई मरीज डिस्चार्ज हाेगा और बेड खाली हाेगा.

आईजीएमसी में सभी वेंटिलेटर बेड फुल

डीडीयू में एडमिट मरीज के तीमारदार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वीरवार काे डीडीयू में उनके मरीज की हालत गंभीर हाे गई थी. यहां से डाॅक्टराें ने उन्हें रेफर करने की बात कही. उन्हाेंने कहा कि जब डीडीयू के डाॅक्टराें ने आईजीएमसी में बात की और वेंटिलेटर बेड के बारे में पूछताछ की ताे वहां पर बेड खाली हाेने से मना कर दिया और कहा कि वह तभी बता पाएंगे जब यहां पर बेड खाली हाेंगे. उसके बाद ही डीडीयू से मरीज काे रेफर करें. शुक्रवार काे भी बेड खाली नहीं हाे पाया, जबकि मरीज की हालत लगातार खराब हाे रही है.

IGMC में केवल 37 वेंटिलेटर बेड

आईजीएमसी में कुल 305 बेड लगाए गए हैं. इसमें 37 वेंटिलेटर बेड हैं अब यहां पर वेंटिलेटर बेड पूरे भर चुके हैं. ऐसे में अब यहां पर गंभीर मरीजाें काे वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पा रहे हैं. मरीज के वेंटिलेटर बेड से डिस्चार्ज होने के बाद ही दूसरे मरीजाें काे बेड मिल पाएगा.

इसलिए भी आ रही दिक्कतें

शिमला शहर में आईजीएमसी के अलावा डीडीयू, छाेटा शिमला आयुर्वेदिक अस्पताल, वाॅकर अस्पताल काे भी काेविड अस्पताल बनाया गया है. मगर यहां पर वेंटिलेटर बेड नहीं लगाए गए हैं, क्याेंकि वेंटिलेटर बेड के लिए स्टाॅफ की काफी जरूरत रहती है. इन अस्पतालाें में इतना स्टाॅफ नहीं है. केवल आईजीएमसी में ही वेंटिलेटर बेड हैं. ऐसे में अब यदि वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है ताे मरीजाें के लिए परेशानी हाेना तय है.

कोरोना मरीजों की बढ़ी मुश्किलें

आईजीएमसी में वेंटिलेटर बेड भर चुके हैं. अगर यहां पर काेई बेड खाली हाेता है ताे तुरंत वह भर जाता है क्याेंकि यहां पर प्रदेश भर से वेंटिलेटर पर मरीजाें काे रेफर किया जा रहा है. डीडीयू अस्पताल प्रबंधन भी जानकारी लेकर ही मरीजाें काे रेफर करता है. हालांकि, काेशिश की जा रही है कि यहां पर कुछ और बेड बढ़ाए जाएं, ताकि गंभीर मरीजाें काे ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके.

यह भी पढ़ें :- कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों के लिए खतरनाक, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की तैयारियां शुरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.