शिमलाः कोरोना संक्रमण की पहली लहर के समय से ही शिक्षा के क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. हालांकि ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों तक पहुंचने का प्रयास किया और काफी हद तक यह प्रयास सफल भी रहा. वहीं, प्रदेश के दुर्गम इलाकों में रहने वाले विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा के कारण कई समस्या का सामना करना पड़ा है.
31 मई तक शिक्षण संस्थान बंद
बुधवार को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सभी शिक्षण संस्थानों को 31 मई तक बंद करने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा प्रदेश में दसवीं कक्षा में पढ़ रहे करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों को सरकार ने 10वीं से 11वीं में प्रमोट करने का फैसला लिया. इसके बाद इन सभी विद्यार्थियों को असमंजस की स्थिति से बड़ी राहत मिली है. साथ ही प्रदेश सरकार ने 12वीं की परीक्षाओं और कॉलेज की परीक्षाओं पर आगामी आदेशों तक रोक लगाई है.
छात्रो को लेकर सरकार नहीं उठाना चाहती जोखिम
प्रदेश सरकार कई बार इस बात को स्पष्ट कर चुकी है कि विद्यार्थियों की सेहत को लेकर कोई भी जोखिम नहीं उठाया जा सकता. जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा जाता तब तक शिक्षण संस्थान नहीं खोले जाएंगे. हालांकि प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षा जारी है और ऑनलाइन माध्यम के जरिए सभी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम किया जा रहा है.
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