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पर्यावरण को लेकर सजग दिखे हिमाचली, इस दिवाली वायु प्रदूषण में आई कमी

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Published : Nov 17, 2020, 4:25 PM IST

दिवाली की रात पटाखों से निकले धुएं से वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई और प्रदेश के अधिकतर शहरों का एयर क्वालिटी एंडेक्स (एक्यूआई) 100 के पार ही रहा. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार वायु प्रदूषण में कमी दर्ज की गई. इस साल प्रदेश में किसी भी शहर का एयर क्वालिटी एंडेक्स 200 से अधिक नहीं पाया गया.

Air quality in Shimla
Air quality in Shimla

शिमला: एनजीटी की पाबंदी के बाद हिमाचल में दिवाली के दिन पटाखे जलाने के लिए रात आठ बजे से लेकर रात 10 बजे तक का समय तय किया गया था. यह पहली बार था जब पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने के लिए समय सीमा तय की गई हो.

बावजूद इसके लोगों ने दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की. दिवाली की रात पटाखों से निकले धुएं से वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई और प्रदेश के अधिकतर शहरों का एयर क्वालिटी एंडेक्स (एक्यूआई) 100 के पार ही रहा.

हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार वायु प्रदूषण में कमी दर्ज की गई. इस साल प्रदेश में किसी भी शहर का एयर क्वालिटी एंडेक्स 200 से अधिक नहीं पाया गया.

दिवाली की रात प्रदेश के औद्योगिक शहर पांवटा साहिब में हवा सबसे अधिक जहरीली हुई. पांवटा साहिब में एक्यूआई 139 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया.

दिवाली के दिन पटाखों की वजह से हुए प्रदूषण को लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में दिवाली की रात प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों परवाणु, बद्दी, नालागढ़, पांवटा-साहिब, धर्मशाला, सुंदरनगर, कालाअंब, मनाली में प्रदूषण बढ़ा है.

धर्मशाला में भी लोगों ने दिवाली की रात जमकर पटाखे जलाए. दिवाली की रात धर्मशाला में एयर क्वालिटी एंडेक्स की मात्रा 113 पहुंच गई थी. राजधानी शिमला में लोगों ने दिवाली की रात सबसे कम पटाखे जलाए. यहां दिवाली की रात एक्यूआई 68 था, जोकि सभी शहरों में सबसे कम है.

सरकार ने दीवाली को लेकर इस बार एनजीटी के आदेशों के बाद दो घंटे तक यानी रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे जलने के निर्देश दिए थे और लोगों से कोरोना को देखते हुए कम पटाखे जलने की अपील भी की थी, जिसका असर भी हुआ और कई शहरों प्रदूषण कम हुआ है.

पिछले साल की तुलना इस साल दिवाली की स्थिति

शहर एक्यूआई 2019एक्यूआई 2020
धर्मशाला215113
परवाणु 275 109
पांवटा साहिब188 139
मनाली 114 102
बद्दी141 133
शिमला 125 68
सुंदरनगर144 123
नालागढ़91 105

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव निपुण जिंदल ने कहा की इस बार दिवाली पर आठ शहरों की हवा दूषित हुई है, लेकिन बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार कम प्रदूषण हुआ है और किसी भी शहर का एक्यूआई 200 के पार नहीं गया है. हालांकि, धर्मशाला में प्रदूषण का स्तर दिवाली में बढ़ा है, जबकि इस बार शिमला में प्रदूषण की मात्रा कम पाई गई है.

शिमला: एनजीटी की पाबंदी के बाद हिमाचल में दिवाली के दिन पटाखे जलाने के लिए रात आठ बजे से लेकर रात 10 बजे तक का समय तय किया गया था. यह पहली बार था जब पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने के लिए समय सीमा तय की गई हो.

बावजूद इसके लोगों ने दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की. दिवाली की रात पटाखों से निकले धुएं से वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई और प्रदेश के अधिकतर शहरों का एयर क्वालिटी एंडेक्स (एक्यूआई) 100 के पार ही रहा.

हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार वायु प्रदूषण में कमी दर्ज की गई. इस साल प्रदेश में किसी भी शहर का एयर क्वालिटी एंडेक्स 200 से अधिक नहीं पाया गया.

दिवाली की रात प्रदेश के औद्योगिक शहर पांवटा साहिब में हवा सबसे अधिक जहरीली हुई. पांवटा साहिब में एक्यूआई 139 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया.

दिवाली के दिन पटाखों की वजह से हुए प्रदूषण को लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में दिवाली की रात प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों परवाणु, बद्दी, नालागढ़, पांवटा-साहिब, धर्मशाला, सुंदरनगर, कालाअंब, मनाली में प्रदूषण बढ़ा है.

धर्मशाला में भी लोगों ने दिवाली की रात जमकर पटाखे जलाए. दिवाली की रात धर्मशाला में एयर क्वालिटी एंडेक्स की मात्रा 113 पहुंच गई थी. राजधानी शिमला में लोगों ने दिवाली की रात सबसे कम पटाखे जलाए. यहां दिवाली की रात एक्यूआई 68 था, जोकि सभी शहरों में सबसे कम है.

सरकार ने दीवाली को लेकर इस बार एनजीटी के आदेशों के बाद दो घंटे तक यानी रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे जलने के निर्देश दिए थे और लोगों से कोरोना को देखते हुए कम पटाखे जलने की अपील भी की थी, जिसका असर भी हुआ और कई शहरों प्रदूषण कम हुआ है.

पिछले साल की तुलना इस साल दिवाली की स्थिति

शहर एक्यूआई 2019एक्यूआई 2020
धर्मशाला215113
परवाणु 275 109
पांवटा साहिब188 139
मनाली 114 102
बद्दी141 133
शिमला 125 68
सुंदरनगर144 123
नालागढ़91 105

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव निपुण जिंदल ने कहा की इस बार दिवाली पर आठ शहरों की हवा दूषित हुई है, लेकिन बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार कम प्रदूषण हुआ है और किसी भी शहर का एक्यूआई 200 के पार नहीं गया है. हालांकि, धर्मशाला में प्रदूषण का स्तर दिवाली में बढ़ा है, जबकि इस बार शिमला में प्रदूषण की मात्रा कम पाई गई है.

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