शिमला: हिमाचल प्रदेश में एसीसी व अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने से जुड़े मामले (Adani Group Cement Plant Case) में अब हिमाचल हाई कोर्ट विंटर वेकेशन के बाद सुनवाई करेगा. अदालत ने इस मामले की सुनवाई 3 मार्च तक टाल दी है. हिमाचल में ये सीमेंट प्लांट अडानी समूह के पास हैं. चूंकि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अब 16 जनवरी से 26 फरवरी तक शीतकालीन अवकाश है, लिहाजा उक्त मामले की सुनवाई मार्च के पहले सप्ताह में तय की गई है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में हाई कोर्ट ने कारोबारी समूह अडानी के साथ-साथ राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
इस मामले में एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में हाई कोर्ट से कंपनियों को फिर से खोलने के निर्देश देने की मांग उठाई है. इस मामले में अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को अगली सुनवाई तक याचिका का जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं. (Himachal Cement Factory issue).
सरकार ने अदालत को बताया कि सभी पक्षकारों में बातचीत से हल निकालने को लेकर वार्ता चल रही है. राज्य सरकार ने आशा प्रकट की है कि शीघ्र ही कोई सकारात्मक परिणाम निकल आएगा. गौरतलब है कि माल भाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच विवाद चल रहा है. विवाद न सुलझने पर कंपनी प्रबंधन ने 15 दिसंबर से दोनों सीमेंट प्लांट बंद कर दिए थे. दोनों प्लांट को हाल ही में अडानी समूह ने खरीदा है.(Cement Factory controversy in Himachal).
कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसाइटियों से रेट कम करने को कहा था। कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा था कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है. इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. याचिका दाखिल करने वाले प्रार्थी रजनीश शर्मा का कहना है कि कंपनी ने बिना पूर्व सूचना के इन फैक्ट्रियों को बंद कर दिया. इससे हजारों लोगों के रोजगार पर विपरीत प्रभाव पड़ा है.
दोनों सीमेंट प्लांट में सीधे तौर पर 7500 के करीब ट्रांसपोर्टर जुड़े हैं. इनके परिवार में हजारों सदस्य हैं। प्रार्थी ने आपसी समझौते से मामले को सुलझाने के बाद फैक्ट्रियों को शुरू करने के आदेशों की मांग की है. प्रार्थी ने यह भी मांग की है कि यदि भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा हो तो प्रभावितों को पूर्व में सूचना दी जाए. मामले पर अब 3 मार्च को सुनवाई होगी.
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